मोबाइल की वजह से हम तीनों मां—बेटियों की हालत ऐसी कर दी कि मोबाइल छूने से डर लगने लगता, हमें डर के मारे रातों में नींद नहीं आती। हमारी हालत पागलों जैसी हो गयी.....
जनज्वार, देवरिया। उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार और उनके लोग बेटियों के अधिकार और सम्मान बचाने में कितने तत्पर हैं, यह मामला उसका प्रतिनिधि उदाहरण है। आप भी यह रपट पढ़िए और सुनिए उस औरत की आवाज जिसकी बेटियां छेड़ी जा रही हैं और मुकदमा भी उसी के परिवार वालों के खिलाफ दर्ज हो जा रहा है, क्योंकि हिंदू युवा वाहिनी के नेता दीपक सिंह उर्फ डब्बू भैया यही चाहते हैं।
हिंदी सिनेमा और भारतीय समाज की असलियत का बड़ा मेल है। जैसे सिनेमा में कोई एक ईलाकाई गुंडा सरीखा नेता अधिकारियों से चरण—चाटन कराता है, कुछ ऐसा ही मामला देवरिया के मदनपुर थाने का सामने आया है।
पीड़िता के परिजनों ने जब मदनपुर थाने के थानाधिकारी प्रभात श्रीवास्तव से गुहार लगाई तो एसओ साहब ने दो टूक कहा, 'डब्बू भैया ने कहा तो तुम्हारे लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया, वह कहेंगे तो तुम्हारी तरफ से भी दर्ज कर देंगे।' हालांकि दो दिन पहले एसओ प्रभात श्रीवास्तव का ट्रांसफर देवरिया हो गया है लेकिन एसओ साहब ने न सिर्फ पीड़िता के परिजनों की नहीं सुनी, बल्कि अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक और पुलिस अधिक्षक के कहने के बावजूद मुकदमा नहीं दर्ज किया। एसओ श्रीवास्तव कहते रहे, 'तफ्शीश हो रही है साहब।'
मदनपुर थानाक्षेत्र के बरडीहा दल गांव में नूरतमा अपनी दो बेटियों के साथ रहती हैं। नूरतमा का परिवार भूमिहीन है और उनके पति रोजी—रोटी के लिए देश से बाहर अरब में मजदूरी करते हैं। गांव में कुल 600 से उपर घर हैं जिसमें से 60 घर मुसलमानों के हैं। ऐसे में हिंदुओं का दबदबा है। बरडीहा गांव के मौजूदा ग्राम प्रधान गोविंद निषाद कहते हैं, 'डब्बू बाबू के हस्तक्षेप के कारण लड़कियों के साथ हुआ अपराध हिंदू बनाम मुसलमान हो गया। क्या बेटियों की इज्जत और आबरू जाति देखकर बचायी जाएगी। हमने सभी अधिकारियों से दरख्वास्त कर ली लेकिन मुकदमा नहीं दर्ज हुआ।'
मामला कहां से शुरू हुआ, इस बारे में नूरतमा बताती हैं कि मेरे पास एक मोबाइल है। उस पर अक्सर कोई फोन करके चुप हो जाता था। लेकिन जैसी ही मैं मोबाइल बेटियों को देती वह अश्लील बातें करने लगता, गालियां और धमकियां देता। उसने मोबाइल की वजह से हम तीनों मां—बेटियों की हालत ऐसी कर दी कि मोबाइल छूने से डर लगने लगता, हमें डर के मारे रातों में नींद नहीं आती। हमारी हालत पागलों जैसी हो गयी।
फिर मेरे विकलांग भसूर के पता चला। उनके बेटे ने फोन मिलाया तो पता चला कि गांव के ही हरिजन जाति का एक लड़का विजय फोन कर तंग करता है। उसके साथ दूसरे लड़के भी शामिल हैं। हमने मना किया तो वह गाली—गलौच पर उतर आए। मुझसे मारपीट की। बात में मैं मोबाईल छीनकर साथ ले आई तो वह हमें मारने घर आ गए, बेटियों से बदतमीजी का प्रयास किया।
फोन करने वालों की ओर से दर्जनों लोग हमारे घर पर चढ़ आए। दोनों से मारपीट हुई। नूरतमा के भसुर बताते हैं, 'फोन पर बदतमीजी करने वाले लड़के हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े हैं। हम थाने गए तो हमारे ही 13 लोगों के यानी मुस्लिमों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। एसओ ने कहा, 'डब्बू भैया बीच में हैं, जबतक वह कहेंगे नहीं करेंगे। मामला हिंदू मुसलमान का नहीं बनाना है।'
जनज्वार ने हिंदू युवा वाहिनी के नेता डब्बू भैया उर्फ दीपक सिंह संपर्क करने का प्रयास किया पर बातचीत नहीं हो सकी। दो दिन पहले आए नए थानेदार ज्ञान प्रताप पाठक ने जरूर कहा कि मैंने पीड़ितों को सूचित कर दिया है कि वह एक बार आकर मिलें।
पर नूरतमा का सवाल यह है कि जब एसएसपी के कहने पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ तो थानेदार क्या कर पाएंगे?
पंचायत प्रतिनिध संघ के पदाधिकारी चतुरानन ओझा का कहना है, 'सरकार बदलने के बाद अपराध की गंभीरता की पहचान धर्म देखकर की जाने लगी है, यह लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक स्थिति है। इस प्रवृत्ति पर और हिंदू युवा वाहिनी के लोगों के कानून व्यवस्था से उपर होते जाने को अगर समय रहते नहीं रोका गया तो राज्य की स्थितियां भयावह हो जाएंगी।'
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