कहा, सबूत नहीं पर मेरा दिल कहता है बेटे की हुई है हत्या।
जनज्वार से हुई बातचीत में पंजाब के संगरूर में रह रहे नवकरण के पिता मक्खन सिंह ने कहा कि नवकरण सिर पर कफन बांध कर देश बदलने निकला था, वह आत्महत्या नहीं कर सकता, उसकी हत्या हुई है! वह पंजाब के संगरूर जिले के थॉपर इंस्टीट्यूट से सीविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था। मात्र 17 वर्ष की उम्र में वह वामपंथी संगठन नौजवान भारत सभा से जुड़ गया था. 20 वर्ष में ही इस संगठन ने मेरे बेटे की आहूती ले ली।
नौजवान भारत सभा में सक्रिय एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि नवकरण ने आत्महत्या 21 तारीख को की थी और इसकी जानकारी संगठन के शीर्ष लोगों कात्यायिनी, शशिप्रकाश और सत्यम वर्मा को चंद मिनट में ही हो गयी। छात्र ने बताया कि नवकरण की आत्महत्या से दो दिन पहले संगठन की बैठक हुई थी, जिसमें उसको कायर, भगोड़ा और पतित कहा गया था। वह इससे काफी आहत था।
गौरतलब है कि पंजाब के लुधियाना और संगरूर में सक्रिय इस संगठन के असली मुखिया शशिप्रकाश, उनकी पत्नी कात्यायिनी, बेटा अभिनव और साढू सत्यम वर्मा हैं। इनकी जड़ें लखनउ और दिल्ली से जुड़ी हुई हैं। पर इनकी ठगी और फरेब का सच जब उत्तर भारत के इलाकों में उजागर हो गया तो इन्होंने पंजाब के छात्रों—नौजवानों को निशाना बनाना शुरू किया है।
शशिप्रकाश और उनकी पत्नी ने अपने रिश्तेदारों के सहयोग से दिशा, जनचेतना, राहुल फाउंडेशन के नाम के कई संगठन खोल रखे हैं, जो इस परिवार की कमाई और संपन्न्ता का जरिया बन चुके हैं। इंटर पास कर कॉलेजों—विश्वविद्यालयों में पहुंचने वाले युवाओं को यह भगत सिंह के नाम पर सपना दिखाते हैं और उसको होलटाइमर बनाकर उसका मुफ्त का श्रम लूटते हैं।
यही वजह है कि कोई भी नौजवान इनके संगठन में बहुत फंस गया हो या मजबूर न हो तो नहीं टिकता, सिवाय इनके परिवार वालों के, जिनका की संगठन के लाभ और नेतृत्व के पदों पर कब्ज़ा है. अकेले पंजाब से पिछले तीन वर्षों में करीब दर्जन भर संगठनकर्ता, होलटाइमर और कार्यकर्ता संगठन छोड़ चुके हैं। उनमें राजिंदर, प्रदीप, कमल, मनप्रीत, अमन, अजय पॉल और परमिंदर प्रमुख हैं।
खुद को तार्किक और वामपंथी विचारों का वाहक कहने वाले इस संगठन के खिलाफ पिछले वर्षों में जब सवाल उठे थे तब इस संगठन ने मानहानी का मुकदमा किया था। मुकदमा करने वालों में शशिप्रकाश की पत्नी कात्यायिनी प्रमुख हैं। जनज्वार हमेशा ही इस संगठन की सचाइयों से समाज के सजग और सरोकारी लोगों का अवगत कराता रहा है। इस संगठन पर चली बहस को अभी भी जनज्वार पर दायीं और दिए लिंक में पढ़ा जा सकता है।
आप, नवकरण के पिता का साक्षात्कार सुनें उससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि नौजवान भारत सभा, पंजाब के प्रभारी और मालिक भी शशिप्रकाश के ही साढ़ू सुखविंदर और उनकी पत्नी नमिता हैं। नमिता कात्यायिनी की बहन हैं। इसी युनिट में काम करते हुए नवकरण ने 21 की रात को आत्महत्या की थी।
आॅडियो सुनें और जानें कि एक दलित छात्र के पिता क्या कहते हैं बेटे की आत्महत्या पर
https://soundcloud.com/janjwar/navkaran-father-on-suicide
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