Sep 16, 2016

पत्रकार की हत्या का आरोपी मोहम्मद कैफ क्या भाजपा नेता के साथ देशभक्ति कविताएं सुन रहा है?

यह तस्वीर मोहम्मद जाहिद के फेसबुक वाल से साभार है। उन्होंने अपने वाल पर कहा है कि केंद्रीय संसदीय राज्य मंत्री और भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी के साथ खड़ा यह वही शख्स है जिसके साथ खड़े होने पर पूर्व सांसद और कई जघन्य अपराधों में सजायाफ्ता शहाबुद्दीन को दुबारा जेल भेजने और बिहार सरकार के मंत्री और लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप सिंह यादव से इस्तीफा मांगा जा रहा है। गौरतलब है कि बंटी उर्फ मोहम्मद कैफ सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या में आरोपी है।

सांप्रदायिकता के खिलाफ अपनी वॉल पर लगातार लिखने वाले मोहम्मद जाहिद ने मीडिया पर सवाल उठाते हुए कहा है, 'इसी व्यक्ति की अब केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ चित्र प्रस्तुत है। मीडिया और भक्त क्या अब नकवी से इस्तीफा माँगेंगे।

इस सवाल के मद्देनजर देखें तो मोदी सरकार के चेहरे पर वही कालिख पुति नजर आ रही है जो अबतक लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप पर लगी नजर आ रही थी।

फिर मीडिया मुख्तार अब्बास का इस्तीफा क्यों नहीं मांग रही, क्यों नहीं उनको गुंडों की पार्टी का अगुआ कहा जा रहा है, प्रधानमंत्री मोदी को इस मसले पर क्यों नहीं घेरा जा रहा। या जब मोहम्मद कैफ तेज प्रताप के साथ खड़ा होता है तो शूटर दिखता है और भाजपा मंत्री के साथ खड़ा हो वह देशभक्ति कविताओं का वाचन करता है।

 दोनों ही तस्वीरों में मुख़्तार अब्बास नकवी के ठीक पीछे मोहम्मद कैफ उर्फ़ बंटी

इस तस्वीर से आगे की कहानी कौन कहेगा

पिछले तीन चार दिनों में हजारों पेज लिखे जा चुके हैं, दर्जनों घंटे टीवी वाले बर्बाद कर चुके हैं पर इस तस्वीर के आगे सब फीके और जड़ हैं। इस पूरे घटनाक्रम में इस तस्वीर से सटीक कुछ भी नहीं है। 

उत्तर प्रदेश की सियासत पर लंबी—लंबी हवाई फेहरिस्त लिखने वाले अबतक कहानी का एक पैरा भी इससे आगे नहीं बढ़ा सके हैं। उनके पास चचा—भतीजा, सपा के परिवार में गृहयुद्ध, बंटा परिवार जैसे चलताउ जुमले हैं पर किसी एक के पास कोई ऐसी तथ्यगत बात नहीं है जिससे कहानी इतनी आगे बढ़ती हो जितनी यह एक तस्वीर कह जाती है। 

अगर किसी ने बढ़ाई हो वह यहां मैदान में आए। सपा के अंतरकलह को लेकर स्टोरी के नाम पर ब्रेकिंग करने वाले चंपकों को फोटो खिंचने वाले इस इंडियन एक्सप्रेस के फोटोग्राफर की स्टोरी करनी चाहिए और उसी से फोटो की उस खास वक्त की अंतरकथा सुननी चाहिए।