पिछले तीन चार दिनों में हजारों पेज लिखे जा चुके हैं, दर्जनों घंटे टीवी वाले बर्बाद कर चुके हैं पर इस तस्वीर के आगे सब फीके और जड़ हैं। इस पूरे घटनाक्रम में इस तस्वीर से सटीक कुछ भी नहीं है।
उत्तर प्रदेश की सियासत पर लंबी—लंबी हवाई फेहरिस्त लिखने वाले अबतक कहानी का एक पैरा भी इससे आगे नहीं बढ़ा सके हैं। उनके पास चचा—भतीजा, सपा के परिवार में गृहयुद्ध, बंटा परिवार जैसे चलताउ जुमले हैं पर किसी एक के पास कोई ऐसी तथ्यगत बात नहीं है जिससे कहानी इतनी आगे बढ़ती हो जितनी यह एक तस्वीर कह जाती है।
अगर किसी ने बढ़ाई हो वह यहां मैदान में आए। सपा के अंतरकलह को लेकर स्टोरी के नाम पर ब्रेकिंग करने वाले चंपकों को फोटो खिंचने वाले इस इंडियन एक्सप्रेस के फोटोग्राफर की स्टोरी करनी चाहिए और उसी से फोटो की उस खास वक्त की अंतरकथा सुननी चाहिए।
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