Nov 5, 2016

एनडीटीवी के बाद एक और चैनल को किया प्रतिबंधित

NDTV के बाद अब सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने अपने फैसले को जायज ठहराते हुए असम के प्रमुख न्यूज चैनल न्यूज टाइम असम पर भी 9 नवम्बर को एक दिन की पाबंदी लगाने की सिफारिश की है। 2 नवंबर को जारी अपने आदेश में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने चैनल द्वारा से एक से अधिक बार कार्यक्रम नियमों का उल्लंघन करने पर यह कार्रवाई की है।  

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने चैनल द्वारा एक खबर में नाबालिग घरेलू नौकर को जघन्यतम तरीके से प्रताड़ित किये जाने के मामले में उसकी पहचान सार्वजनिक कर देने का दोषी मानते हुए चैनल को एक दिन के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। सरकार की उच्चस्तरीय समिति ने तर्क दिया है कि घरेलू नौकर के तौर पर काम कर रहे बच्चे की पहचान उजागर करने से उसकी गोपनीयता और गरिमा को ठेस पहुंची है।

दिलचस्प यह है कि सरकार ने चैनल को यह कारण बताओ नोटिस अक्तूबर 2013 में दिया था। मगर कार्रवाई अब की है जबकि NDTV को एक दिन के लिए प्रतिबंधित किये जाने के मामले में एडिटर्स गिल्ड, पत्रकार संगठनों, राजनीतिक पार्टियों और मीडिया माध्यमों ने बड़े स्तर पर विरोध दर्ज कराया है और सरकार की थूकम—फजीहत हुई है। 

गौरतलब है कि 'न्यूज टाइम असम' को सरकार पहले भी अन्य दो मामले में कारण बताओ नोटिस दे चुकी है।

सिमी फेक इनकाउंटर मामले में प्रदर्शन करने पर सामाजिक कार्यकर्ताओं को बिठाया थाने में

विनीत तिवारी
भोपाल एनकाउंटर मामले में इंदौर पुलिस ने निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले इंदौर के सामाजिक कार्यकर्ताओं को पुलिस ने थाने में बिठाया। गौरतलब है कि इसी घटना का विरोध करने पर दो दिन पहले रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव पर पुलिस ने हमला किया था।

जानकारी के मुताबिक इंदौर में आज भोपाल एनकाउंटर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग लेकर वरिष्ठ अधिवक्ता आनंद मोहन माथुर  के आह्वान पर शाम 5 बजे रीगल चौराहे, इंदौर में मानव श्रृंखला बनाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया जाना था। सुबह से ही पुलिस ने सीपीआई एम के ज़िला सचिव कॉमरेड कैलाश लिम्बोदिया को घर से उठा लिया और थाने ले जाकर समझाइश दी कि ये प्रदर्शन निरस्त कर दो। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्वक हम निष्पक्ष जांच की मांग करना चाहते हैं और करेंगे। उन्हें 3-4 घंटे थाने बिठाये रखा।

इसी तरह आनंद मोहन माथुर के पास भी पुलिस से संदेश आया जिसका उन्होंने भी कॉमरेड कैलाश की ही तरह का जवाब दिया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक शाम 5 बजे आनंद मोहन माथुर के घर पर पहुंचे पुलिस वालों ने उन्हें अपने घर से निकलने ही नहीं दिया। जो लोग भी रीगल चौराहे पहुंचे, उन्हें डंडे वर्दी से लैस पुलिस वालों नेे डराया धमकाया और पुलिस की गाड़ी में बिठाकर कहीं ले गए। बड़ी संख्या में महिला पुलिस भी वहां तैनात की गयी थीं। वहाँ पहुंची कल्पना मेहता और जया मेहता को भी महिला पुलिस ने अपने साथ चलने के लिए कहा, जिन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस डंडे लेकर बड़ी तादाद में मौजूद है और प्रदर्शन के लिए आये हुए लोगों को धमकाकर थाने ले जा रही है। अभी अभी खबर मिली है कि गिरफ्तार किये अनेक लोगों को पुलिस तुकोगंज थाने लेकर गयी है।

न्याय की मांग करना भी मध्य प्रदेश में गुनाह की श्रेणी में आने लगा है और निष्पक्ष जाँच की मांग करने वालों को देशद्रोही कहा जा रहा है।  प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदर्शन में शरीक होने पहुंचे सीपीआई के ज़िला सचिव कॉमरेड रुद्रपाल यादव, एटक के नेता कॉमरेड सोहनलाल शिंदे, सीपीएम के ज़िला सचिव कॉमरेड कैलाश लिम्बोदिया, कॉमरेड परेश टोकेकर और श्रमिक नेता श्यामसुन्दर यादव को भी पुलिस ने ज़बरदस्ती प्रदर्शन से रोका और उन्हें पुलिस के वाहन में बिठाकर कहीं ले जाया गया। इन लोगों के मोबाइल भी बंद आ रहे हैं।

पता चला है कि पुलिस ने दोपहर से ही बड़ी संख्या में सिविल ड्रेस में अपने लोग रीगल चौराहे पर तैनात कर रखे थे।  आनंद मोहन माथुर जी ने बताया कि उनके घर से निकलने के पहले ही करीब 100 पुलिस प्रशासन के लोग वहां पहिंच गए और उनके ड्राईवर से कार की चाबी ले ली। जब उन्होंने ऑटो से जाने के लिए घर के बाहर से ऑटो रिक्शा रोक तो पुलिस ने उसे भी डपटकर भगा दिया और उन्हें प्रदर्शन के लिए नहीं जाने दिया। यहां ये बताना मुनासिब होगा कि श्री आनंद मोहन माथुर की आयु 90 वर्ष से अधिक है।

दिल्ली! हम दिल से शर्मिंदा हैं


अब दिल्ली—एनसीआर की हालत देख रोना आ रहा है। पटाखों का धुआं इतना ज्यादा है सूरज तक नहीं दिख रहा। आंखों में जलन हो रही है, सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

गलती हो गयी, बहुत बड़ी गलती हो गयी। हमसे भी और आपसे भी। शर्मिंदगी भी महससू हो रही है।

हम बॉर्डर पर पाकिस्तान को सबक सिखाने की लंबी—लंबी हांकते हैं पर अपने ही शहर को अपने ही हाथों से बर्बाद करते जा रहे हैं। हम किस मूंह से खुद को देशभक्त बोलें। बहुत शर्मिंदगी महससू हो रही है।

दोस्तों, इस शर्मिंदगी को अगले साल हम सबको नहीं भूलना है और आज ही संकल्प लेना है कि ​कभी जिंदगी में दीपावली पर प्रदूषण नहीं करेंगे।

फिर भी मन न माने तो एक बार छोटे बच्चों, बुढ़ी मांओं, सांस के मरीजों, एलर्जी ग्रस्त लोगों, पेट में पल रहे बच्चों की परेशानी को याद कर लीजिए, आप अपना संकल्प कभी नहीं भूलेंगे और न ही हमें भूलने देंगे।