क्या वाकई हमारे समाज में जातीय अहं इतने भीतर तक समाया हुआ है कि इस तरह से सवर्ण होने के सामाजिक दंभ और अहसास में आई गिरावट से कोई ख़ुदकुशी भी कर सकता है.....
तैश पोठवारी
"मैं मनप्रीत सिंह बरार हूं। बिचौलिए गुरतेज सिंह बाबा के माध्यम से मेरी शादी तय हुई थी। मैं एक जट लड़का हूं और मेरे ससुर भी जट हैं, लेकिन उनकी पत्नी रामदासिया हैं... पहले मुझे और मेरे परिवार को बताया गया था कि वे (उनकी पत्नी और सास) भी जट हैं।"
यह सुसाइड नोट है एक जट सिख लड़के का, जो सिर्फ इसलिए आत्महत्या कर लेता है, क्योंंकि उसकी पत्नी जट नहीं बल्कि दलित है। एक तरफ हमारी युवा पीढ़ी जहां जाति—पाति से उपर उठने की बात करती है, वहीं जाति की जड़ें उसमें कितनी गहरे तक पैठी हुई हैं उसका एक उदाहरण है पंजाब का यह जट सिख नौजवान। 22 वर्षीय मनप्रीत सिंह जिसकी हाल ही में शादी हुई थी, ने मात्र इसलिए जहरीला पदार्थ खा लिया, क्योंकि उसकी पत्नी जिसे उसने जट सिख समझा था वह दलित जाति से ताल्लुक रखती है।
मनप्रीत सिंह बरार की फाइल फोटो |
यह घटना पंजाब के लहरिगागा स्थित खाई गांव की है। यह शादी एक बिचौलिये गुरतेज सिंह निवासी भुटाल कलां के माध्यम से हुई थी, जिसने 45000 हजार रुपए लेकर यह शादी करवाई थी। 22 वर्षीय मनप्रीत सिंह बरार की शादी 21 मई को संगरूर निवासी रेणु कौर से हुई थी।
जैसे ही शादी के बाद मनप्रीत ने यह जाना कि उसकी सास रासदासिया है, और चूंकि उसने उस लड़की से शादी की है जो उसकी कोख से पैदा हुई है तो उसने आत्महत्या कर ली। क्योंकि पत्नी का एक रामदासिया के पेट से पैदा होने से उसके जातीय अहं को चोट पहुंची थी। हालांकि यहां भी सवाल उठता है कि जहां हमारा भारतीय समाज पितृसत्तात्मक है, और पिता के वंश से ही बच्चों की पहचान होती है तो रेणु दलित कैसे हो गयी। आखिर उसकी मां का पति जट सिख है। चाहे फिर उसका अतीत जो रहा हो। क्या वाकई हमारे समाज में जातीय अहं इतने भीतर तक समा चुका है कि इस तरह से सवर्ण होने के सामाजिक दंभ और अहसास में आई गिरावट से कोई ख़ुदकुशी भी कर सकता है।
मृतक के पिता बघेल सिंह बेटे की मौत के बाद कहते हैं कि सारी गलती बिचौलिए की है, जिसने हमारे साथ धोखा किया। बिचौलिए ने यह कहकर और पैसे लेकर शादी करवाई थी कि रेणु कौर जटों की लड़की है, पर गरीब है। शादी के बाद जब मनप्रीत अपनी मां के साथ रेणु के घर फेरा पाने गया तब उसे पता चला कि वास्तव में रेणु की मां रामदासिया है। रेणु की मां अपने पति की मौत के बाद एक जट सिख के साथ अपने घर में रहती है।
इसी से परेशान और दुखी मनप्रीत ने लहिरागागा वापिस आकर खेतों में जा सल्फास खाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले लिखे पत्र में उसने व्यथित होकर लिखा भी है कि 45000 रुपए लेकर उसकी शादी यह कहकर करवाई थी कि वो जट सिख परिवार से है, जबकि हकीकत में वो रविदासी जाती की है, जिस वजह से वो आत्महत्या कर रहा है।
घटना के बाद लहिरागागा पुलिस के एसएचओ जंगबीर सिंह ने कहा कि उन्होंने आईपीसी की धारा 306 के तहत बिचौलिए गुरतेज सिंह पर केस दर्ज कर लिया है।