सैनिकों की शहादत पर ओढ़ाया जाने वाला तिरंगा क्या अब अपराधियों शान बनेगा
मोदी युग में पहली बार किसी दंगाई और गुंडे को तिरंगे में लपेटे जाने का मामला सामने आया है जिसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या जाति और धर्म के आधार पर देश में अपराधियों के अपराध तय होंगे या देश में कानून का राज कायम होगा।
उत्तर प्रदेश के दादरी में हुआ चर्चित अखलाक हत्याकांड के एक आरोपी रवि की मंगलवार को एक अस्पताल में मौत हो गई। 22 साल के रवि के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके बाद उसे उत्तर प्रदेश के नोयडा स्थित जिला अस्पताल से लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल लाया गया था। अस्पताल जब उसे घरा लाया गया तो हिंदू संगठनों के लोगों ने उसके शव को तिरंगें में लपेट दिया और फिर घर लेकर आए।
गौरतलब है कि दादरी के बिसाहड़ा गांव में 51 साल के मोहम्मद अखलाक को पिछले साल भीड़ ने पीट- पीट कर मार डाला था जिसके बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव हो गया था। भीड़ को संदेह था कि अखलाक गौमांस का सेवन करते थे। गांव में दंगा करने और अखलाक की हत्या करने में दस नामजद आरोपी शामिल थे, उनमें एक रवि भी था, जिसकी मंगलवार को दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गयी।
28 सितंबर की रात करीब साढ़े दस बजे गांव के 14-15 लोग हाथों में लाठी, डंडा, भाला और तमंचा लेकर घर की तरफ गाली-गलौज करते हुए आए और दरवाजे को धक्का मारकर घुस गए थे और अखलाक और उनके बेटे दानिश को जान से मारने की नीयत से मारने लगे थे. इस वारदात में अखलाक की मौत हो गयी थी।
मोदी युग में पहली बार किसी दंगाई और गुंडे को तिरंगे में लपेटे जाने का मामला सामने आया है जिसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या जाति और धर्म के आधार पर देश में अपराधियों के अपराध तय होंगे या देश में कानून का राज कायम होगा।
उत्तर प्रदेश के दादरी में हुआ चर्चित अखलाक हत्याकांड के एक आरोपी रवि की मंगलवार को एक अस्पताल में मौत हो गई। 22 साल के रवि के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया था जिसके बाद उसे उत्तर प्रदेश के नोयडा स्थित जिला अस्पताल से लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल लाया गया था। अस्पताल जब उसे घरा लाया गया तो हिंदू संगठनों के लोगों ने उसके शव को तिरंगें में लपेट दिया और फिर घर लेकर आए।
गौरतलब है कि दादरी के बिसाहड़ा गांव में 51 साल के मोहम्मद अखलाक को पिछले साल भीड़ ने पीट- पीट कर मार डाला था जिसके बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव हो गया था। भीड़ को संदेह था कि अखलाक गौमांस का सेवन करते थे। गांव में दंगा करने और अखलाक की हत्या करने में दस नामजद आरोपी शामिल थे, उनमें एक रवि भी था, जिसकी मंगलवार को दिल्ली के अस्पताल में मौत हो गयी।
28 सितंबर की रात करीब साढ़े दस बजे गांव के 14-15 लोग हाथों में लाठी, डंडा, भाला और तमंचा लेकर घर की तरफ गाली-गलौज करते हुए आए और दरवाजे को धक्का मारकर घुस गए थे और अखलाक और उनके बेटे दानिश को जान से मारने की नीयत से मारने लगे थे. इस वारदात में अखलाक की मौत हो गयी थी।
दंगे और अख़लाक़ के हत्या के आरोपी रवि को मिला तिरंगे का सम्मान। कानून का समय है या धार्मिक उन्माद का |