बागेश्वर से सुधीर कुमार की रिपोर्ट
जेएनयू आंदोलन के बाद चर्चा में आए या यूँ कहें कि मुख्यधारा की मीडिया की जानकारी में आए आज़ादी के नारे की गूँज अब उत्तराखण्ड के बागेश्वर में भी सुनाई पड़ी है.
कल 12 अक्टूबर को दलित सोहन राम की हत्या के विरोध में अम्बेडकर चेतना मंच द्वारा जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन कर क्षेत्र में मौजूद जातिय व सामाजिक भेदभाव का पुतला फूंका.
6 अक्टूबर को बागेश्वर के भेटा गांव में दलित सोहन राम की दरांती से गर्दन काटकर सरेआम हत्या कर दी गयी थी. हत्यारे सरकारी शिक्षक ललित कर्नाटक द्वारा सोहन राम की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी थी कि उसने आटा चक्की को छूकर अशुद्ध कर दिया था. हत्यारोपी ललित कर्नाटक, सह अभियुक्त घनश्याम कर्नाटक और आनन्द कर्नाटक को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है.
हत्या के खिलाफ कल बागेश्वर के नुमाइश मैदान से शुरू हुआ जुलूस नगर के मुख्य मार्गों से होता हुआ कलक्ट्रेट पहुंचा. छुआछूत, सवर्णवाद, ब्राह्मणवाद और मनुवाद से आज़ादी के नारे लगाता यह जुलूस दलितों के खिलाफ हमलों को रोके जाने की बात कर रहा था.
जेएनयू आंदोलन के बाद चर्चा में आए या यूँ कहें कि मुख्यधारा की मीडिया की जानकारी में आए आज़ादी के नारे की गूँज अब उत्तराखण्ड के बागेश्वर में भी सुनाई पड़ी है.
कल 12 अक्टूबर को दलित सोहन राम की हत्या के विरोध में अम्बेडकर चेतना मंच द्वारा जिला मुख्यालय में जोरदार प्रदर्शन कर क्षेत्र में मौजूद जातिय व सामाजिक भेदभाव का पुतला फूंका.
6 अक्टूबर को बागेश्वर के भेटा गांव में दलित सोहन राम की दरांती से गर्दन काटकर सरेआम हत्या कर दी गयी थी. हत्यारे सरकारी शिक्षक ललित कर्नाटक द्वारा सोहन राम की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी थी कि उसने आटा चक्की को छूकर अशुद्ध कर दिया था. हत्यारोपी ललित कर्नाटक, सह अभियुक्त घनश्याम कर्नाटक और आनन्द कर्नाटक को न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया है.
हत्या के खिलाफ कल बागेश्वर के नुमाइश मैदान से शुरू हुआ जुलूस नगर के मुख्य मार्गों से होता हुआ कलक्ट्रेट पहुंचा. छुआछूत, सवर्णवाद, ब्राह्मणवाद और मनुवाद से आज़ादी के नारे लगाता यह जुलूस दलितों के खिलाफ हमलों को रोके जाने की बात कर रहा था.