Jan 17, 2010

ज्योति बसु नहीं रहे

ज्योति बसु को श्रद्धांजलि

वरिष्ठ वयोवृद्ध मार्क्सवादी नेता ज्याति बसु की आज मौत हो गयी। ज्योति बसु भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के अग्रणी नेताओं में से एक थे, जिन्होंने पश्चिम  बंगाल में 23 वर्ष  तक लगातार मुख्यमंत्री रहकर संसदीय राजनीति में विशेष ख्याति पायी। पिछले एक हफ्ते से गंभीर रूप से बीमार चल रहे बसु की आज हुई मौत के बाद माकपा कार्यालयों में पार्टी का झंडा उनके सम्मान में झुका दिया गया है। बसु 96 वर्ष  के थे और कलकत्ता में रह रहे थे।

बसु के विरोधी हों या समर्थक उन्हें भारत के पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद सबसे बड़ा नेता मानते हैं। भारत में कम्युनिस्ट राजनीति को स्थापित करने वालों में से बसु एक रहे हैं। भारतीय राजनीतिक समाज नक्सलबाड़ी विद्रोह में उनकी भूमिका को और संसदीय राजनीति में माक्र्सवाद के अंगद के रूप में हमेशा  याद रखेगा। क्योंकि उनके कामों और व्यक्तित्व की तारीफ करें या आलोचना इन दोनों भूमिकाओं का जिक्र किये बगैर बात पूरी नहीं हो पायेगी।

जनज्वार अपने पाठकों, शुभचिंतकों  और चाहने वालों की ओर से

ज्याति बसु को श्रद्धांजलि अर्पित करता है.........

‘जब कभी भी लौटकर उन राहों से गुजरेंगे हम
जीत के ये गीत कई-कई बार फिर हम गायेंगे
भूल कैसे पायेंगे मिट्टी तुम्हारी साथियों
जर्रे-जर्रे में तुम्हारी ही समाधि पायेंगे।’

http://www.livehindustan.com/news/desh/national/39-39-91496.html