नवल सिंह
कत्ल के अनुसंधान
कल्त का उन्होंने
नया तरीका खोजा निकाला
जिसमें
ना तो कोई सबूत
ना इल्जाम
ना ही होते है खुन के छीटे
नया तरीका खोजा निकाला
जिसमें
ना तो कोई सबूत
ना इल्जाम
ना ही होते है खुन के छीटे
वो छीन लेते है
नथुनों की हवा
वो चुराते है
स्वाभिमान, गौरव
भरते है जबरदस्ती ठूस-ठूस कर
आत्मगलानी, निराशा, अपमान
दमधोटू इंजन से
ढकेलते है जिन्दगी की रेल को
मौत की खाई में
नथुनों की हवा
वो चुराते है
स्वाभिमान, गौरव
भरते है जबरदस्ती ठूस-ठूस कर
आत्मगलानी, निराशा, अपमान
दमधोटू इंजन से
ढकेलते है जिन्दगी की रेल को
मौत की खाई में
नामाकरण करते
हवा के उडाते बुलबुले सा
आत्महत्या का
मिमयाते
नाजायज कारण
जो संडाध मारते निकलते
उनके मुखारविन्द से
मृतक के
जनाजे में टांगते है
डरपोक, देशद्रोही, अराजक
के तमगे
पर इतने सब पर भीहवा के उडाते बुलबुले सा
आत्महत्या का
मिमयाते
नाजायज कारण
जो संडाध मारते निकलते
उनके मुखारविन्द से
मृतक के
जनाजे में टांगते है
डरपोक, देशद्रोही, अराजक
के तमगे
वो
कहां छुपा पाते है
रक्त से सने नाखुन
आदमखोर दांत
आकाओं से डाट खाकर
वो फिर से जुटते है
नए कत्ल के अनुसंधान में
जो कत्ल ना लगे