अब तक तो इतना ही समझते थे कि
ईंट का जवाब पत्थर हो सकता है
आज हमारे बच्चे सिखा रहे हैं कि
फौज़ का भी जवाब पत्थर हो सकता है
गोली का जवाब घाटी से
कर्फ्यू का जवाब खुले मैदान में कद़म उठाने वाली
महिलाएं ही दे सकती हैं
दमन का जवाब आजादी की मांग से ही दिया जा सकता है
आपने कहीं देखा है
हमारे देश, हमारे लोग, झील, नदी, पहाड़
घाटी और
सुन्दर जीवन, वन एक तरफ
और साठ साल से कानून और सेना के कब्ज़े में
छीन ली गई सत्ता एक तरफ
अपना नाम अगर कल वियतनाम हो तो आज कश्मीर है
और आज भी नक्सलबाड़ी के साथ मुक्ति हमारा नारा है.
क्रांतिकारी कवि वरवर राव विप्लव रचयिता संघम के संस्थापक सदस्य हैं .हथियारबंद जनसंघर्षों के पक्षधर होने की वजह से उन्हें अबतक छह वर्ष कारावास में गुजारने पड़े हैं. कारावास के अनुभव पर उनकी लिखी 'जेल डायरी' प्रकाशित हुई है.