जनज्वार। देश सेवा की भावना से सेना में भर्ती होने वाले सैनिकों का इस्तेमाल सैन्य अधिकारी घरेलू नौकर के रूप में करते हैं, इस बात को स्टिंग के जरिए उजागर करने वाली पत्रकार पूनम अग्रवाल पर सेना ने नासिक में मुकदमा दर्ज कराया है।
पत्रकार द्वारा सैनिकों के किए स्टिंग के बाद एक सैनिक लांस नायक रॉय मैथ्यू ने आत्महत्या कर ली थी।
लांस नायक मैथ्यू केरल के कोलम जिले के एझुकोन के रहने वाले थे। उनकी तैनाती महाराष्ट्र के नासिक जिले के देओलाली छावनी में थी। छावनी में ही सैनिक मैथ्यू का शव खाली बैरक की छत से 4 मार्च को लटकता मिला था। पुलिस बयानों के मुताबिक जवान की मौत करीब 3 दिन पहले हो चुकी थी।
स्टिंग वीडियो वायरल होने के बाद 25 फरवरी से ही मैथ्यू देओलाली में आर्टिलरी सेंटर से लापता थे।
मैथ्यू ने भी अन्य सैनिकों की तरह पत्रकार से कहा था कि 'सहायक' के रूप में सैन्य अधिकारी हमारा इस्तेमाल व्यक्तिगत नौकर की तरह करते हैं। पत्रकार के स्टिंग में भी सैनिक अधिकारियों के कुत्ते टहलाते और सब्जी लाते देखे जा सकते हैं।
गौरतलब है कि सेना ने स्टिंग ऑपरेशन करने वाली वेबसाइट 'द क्वींट' की भूमिका पर उसी समय सवाल उठाए थे। कहा था कि सेना के ठीकानों पर गुप्त कैमरों से स्टिंग करना और उसे सार्वजनकि करना प्रतिबंधित है। इस मामले में रक्षा राज्य मंत्री सुभाष भामरे ने मैथ्यू की रहस्यमय मौत संसद में बयान देना पड़ा था। वहीं तत्कालीन गृहमंत्री मनमोहन पर्रिकर ने सैनिक की आत्महत्या को 'छिटफुट घटना' बताकर सरकार की किरकिरी करा दी थी।
नासिक में सेना ने पत्रकार पूनम अग्रवाल के खिलाफ विभागीय गुप्त मामलों का खुलासा करने और आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया है। यह सेना के उस पत्र के बाद हुआ था जिसमें पुलिस को कहा गया था कि पत्रकार पर उचित धाराओं के तहत मुकदमा कर कार्यवाही करे।
पत्रकार पूनम अग्रवाल ने इंडियन एक्सप्रेस मुकदमा दर्ज होने के बाद हुई बातचीत में बताया, 'इस मामले में मेरी सैन्य अधिकारियों से मुलाकात हुई। स्टिंग का जरिया और बातचीत दिखा दिया था। पर उस दौरान अधिकारियों ने यह नहीं कहा कि यह सब प्रतिबंधित है।'