यादें
हैनसन टी के
स्मृतियों का कोठार है मेरा हृदय
मैंने कुछ वैसे ही सहेज रखी है
प्रियजनों की यादें
जैसे कोई अमीर व्यापारी तिजोरी में
बंद किये रखता है सोना-चांदी
पसलियों के पिंजरे में कैद
पसलियों के पिंजरे में कैद
मेरी प्रिय यादों को
न तेज हवाएं उड़ा सकती हैं
न सैलाब बहा सकता है
न चोर चुरा सकता है
सफेद कपड़े पहनती थीं मेरी मां
मेरी सांसों में अब भी बसी हुई है उनकी खुशबू
नारियल तेल, तुलसी के पत्ते और
चंदनलेप की मिली-जुली खुशबू
मैं पड़ोस की उस स्त्री को याद करता हूं
जो संत थॉमस चर्च में प्रार्थना करती थी
और जिसने मां के बीमार होने पर
स्तनपान कराया था मुझे
मेरे नन्हें होठों को स्पर्श करती वह
दूध की चंद बूंदें नहीं
मुकम्मिल इनसानियत की धार थी
हवा की धुन पर नाच रहा था लालझंडा
आगे-आगे थे मेरे पिता नारे लगाते हुए
शाम को हमारे लिए वह
कागज के नन्हें-नन्हें झंडे लेकर आये थे
तब हमने भी झंडों के साथ मार्च किया था
आज भी लहरा रहा है लाल परचम
मैंने देखी थी दो कजरारी आंखें
तब हमने भी झंडों के साथ मार्च किया था
आज भी लहरा रहा है लाल परचम
मैंने देखी थी दो कजरारी आंखें
पतले होंठ लथपथ चेहरा
विद्यालय की वर्षगांठ पर
मेरे साथ नृत्य किया था उसने
मैं अब भी महसूस करता हूं उसकी हथेलियों की गरमाहट
भला मैं कैसे भूल सकता हूं अपना पहला प्यार
स्मृतियों का कोठार है मेरा हृदय
प्रियजनों और मधुर क्षणों की यादों का घर
वैसे ज्वार के दौरान फूलने लगती है नदी
पानीपर रूपहली चांदनी उड़ेल देता है चांद
अकेला नाविक रात के सन्नाटे को चीरते हुए
गाता है कोई लोकगीत
बारिश की शुरुआती बूंदों में स्पर्श पाकर
भाव विभोर झूमते हैं नारियल वृक्ष
जैसे घटाओं को देखकर नाचता है मोर
सुबह की ठंडी हवा चलती है
फूलों की खुशबू से सराबोर
घास पर टिकी ओस की बूंदों
हजार-हजार सूरज चमकते हैं
सागर की लहरें किनारों को
अपने रेशमी रूपहले फेन से संवारती हैं
मैं हृदयस्थ करता हूं
अतीत के प्रहरी की तरह खड़े हैं पथरीले टेकरे
विशाल पत्रों में खुदी मूर्तियों ने
बीते युगों की यादों को सहेज रखा है
माथे पर चंदनलेप लगाते हुए तुमने
अपनी अँगुलियों के स्पर्श से अनुप्राणित किया था मुझे
तब तुम्हारी आँखों में चमक रहे थे वे सितारे
जिन्हें स्वर्ग से चुरा लायी थी तुम
मैंने वह सबकुछ सहेज रखा है
जो बहुत-बहुत प्यारा है मुझे
मेरा हृदय स्मृतियों का कोठार है
प्रियजनों और मधुर क्षणों की यादों का घर
अनुवाद- मदन कश्यप