'हलाला सर्विस सेंटर' की सनसनी में पत्रकारिता हुई हलाल, चैनल ने नहीं मांगी अबतक माफी
जनज्वार। किसी और मुल्क में यह संभव है कि नहीं लेकिन भारत में यह बहुत आसानी से हो जाता है कि किसी समुदाय के खिलाफ आप गलत खबर दिखाकर भी टीआरपी बटोर सकते हैं, मुनाफा कमा सकते हैं, वाहवाही लूट सकते हैं।
जनज्वार। किसी और मुल्क में यह संभव है कि नहीं लेकिन भारत में यह बहुत आसानी से हो जाता है कि किसी समुदाय के खिलाफ आप गलत खबर दिखाकर भी टीआरपी बटोर सकते हैं, मुनाफा कमा सकते हैं, वाहवाही लूट सकते हैं।
मदरसे और मुस्लिम समाज की ओर से चैनल को जारी चेतावनी |
India TV द्वारा 15 और 16 अप्रैल की रात 8 बजे प्रसारित कार्यक्रम 'आॅपरेशन हलाला' में दिल्ली की सीमापुरी के मदरसे और उसके मौलाना चौधरी शहजाद खोखर को दिखाया जाता है। मस्जिद का नाम 'हलाला सर्विस सेंटर' दिया जाता है और बताया जाता है कि मदरसे के मौलवी पैसा लेकर हलाला कराने का धंधा करते हैं।
दिल्ली के सीमापुरी मदरसे के अध्यक्ष चौधरी शहज़ाद खोखर जब इस कार्यक्रम को देखते हैं तो सन्न रह जाते हैं।
शहजाद बताते हैं, कार्यक्रम तलाक और हलाला से जुड़़े होने की वजह से मैं 15 अप्रैल को रात 8 बजे इंडिया टीवी देखने लगा। तभी देखता हूं कि मैं जिस मदरसे में हूं उसको इंडिया टीवी पर 'हलाला सर्विस सेंटर' कहा जा रहा है। साथ ही किसी तस्लमी नाम के मौलाना का जिक्र किया जा रहा है कि वह इस मदरसे से 'पैसा लेकर हलाला कराने का धंधा करता है, जबकि यह सरासर झूठ है।
दरअसल हलाला एक ऐसी मुस्लिम प्रथा है, जिसमें पत्नी को पति द्वारा तलाक देने के बाद अगर पति फिर से उस महिला से शादी करना चाहे तो उस महिला को पहले किसी दूसरे मर्द से शादी करनी होगी और उसे दूसरे पति के साथ वैसे ही संबंध बनाने होंगे, जैसे एक पति-पत्नी के बीच होते हैं। इसके बाद अगले दिन दूसरा मर्द उस महिला को तलाक देगा और फिर वह महिला अपने पहले पति से शादी कर सकती है। हलाला पर मुस्लिम उलेमाओं का कहना है कि यह प्रथा इसलिए बनाई गई, ताकि तलाक को पुरुषों द्वारा मज़ाक या इसे कोई मामूली चीज़ ना समझा जाए।
विरोध के बाद हटाया वीडियो : अब माफ़ी मांगने की बारी |
मदरसे के मौलाना शहजाद खोखर के मुताबिक, 'India TV द्वारा प्रसारित 'आॅपरेशन हलाला' में दिखाया गया सीमापुरी मदरसा का स्कैंडल सरासर झूठ का पुलिंदा है।'
उन्होंने कहा कि हमारे मदरसे में तस्लीम नाम का कोई मद्दररिस न तो पहले था और न ही अभी कोई है.
मदरसे के मौलाना ने India TV से मांग कि है वह इस प्रोग्राम की सिरे से जाँच कराये। साथ ही चौधरी शहज़ाद खोखर ने दावा किया कि टीवी पर सीमापुरी मदरसा की ईमारत दिखाई गयी है, लेकिन रिकॉर्डिंग कहीं और की गयी है.
उन्होंने जनज्वार को वीडियो जारी कर अपना पक्ष रखा है। वीडियो में उन्होंने साफ बताया है कि इंडिया टीवी ने उनके और मदरसे के खिलाफ खबर दिखाकर पूरे समाज को बदनाम किया है।
हालांकि दबाव बनने के बाद इंडिया टीवी ने यूट्यूब से वीडियो हटा लिया है। साथ ही चैनल ने मामला सेट करने के लिए सुरेंद्र और राशिद नाम के दो कर्मचारियों को लगा रखा है, जिनके फोन मौलाना को बार—बार आ रहे हैं।
मदरसे से जुड़े लोगों ने जनज्वार से बातचीत में कहा कि बार—बार माफी मांगने के फोन पहले सुरेंद्र के आ रहे थे। लेकिन जब लोगों ने कहा कि चैनल औपचारिक तौर पर माफी मांगेगा तभी मामला पुलिस और अदालत में नहीं जाएगा। फिर चैनल ने राशिद नाम के किसी मुस्लिम कर्मचारी को लगाया कि वह मुस्लिम होने के नाते इस मसले को निपटाए।
पर 'आॅपरेशन हलाला' के फर्जीवाड़े से स्थानीय लोगो में बेहद आक्रोश है। मदरसे के पूर्व और वर्तमान महासचिव युसुफ सोरान व शफ़ीक़ कुरैशी का कहना है यदि चैनल ने माफ़ी नहीं मांगी तो चैनल के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही भी करेंगे।
वहीं स्थानीय लोगों ने उक्त फेक न्यूज़ को लेकर India TV के विरुद्ध FIR दर्ज करने कि मांग को लेकर उत्तरी जिला डीसीपी से मिलने का मिलने का निर्णय लिया है।
मौलाना शहजाद खोखर बता रहे इंडिया टीवी के फर्जीवाड़े की कहानी