Apr 7, 2017

राजस्थान गौ रक्षा दल ने कहा, हमारी भावनाओं से खेलेंगे तो हम मारेंगे

राजस्थान गौररक्षा दल के सह प्रभारी प्रवीण स्वामी ने अलवर-बहरोड़ हाइवे पर मारे गए पहलू खान के मामले में अपना पक्ष रखा। 

पहलू खान के बेटे और पत्नी  : इंसाफ की उम्मीद किससे करें जब मंत्री ही कह रहे हैं कि मौत हार्ट अटैक से हुई है

बताया कि अगर गौ तस्कर हमारी आस्था से खिलवाड़ करेंगे तो हम उनके साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे, जैसा पहलू खान के साथ किया गया है। हालांकि उन्होंने पहलू खान की हत्या के मामले में गौ रक्षा दल के सदस्यों का  हाथ होने से इनकार किया है पर वे ऐसा करने वालों के साथ हैं। 

उन्होंने पहलू खान की हत्या से भी इनकार किया। गौ रक्षा दल के सह प्रभारी का कहना है, पहलू की मौत हॉर्ट अटैक से हुई है न कि लोगों ने उसकी हत्या की है। वह डरा हुआ था और मर गया। 

 उनका कहना है कि आस्था से खिलवाड़ के कारण लोगों का यह ​गुस्सा फूटा है, जिसका शिकार पहलू खान और अन्य लोग हुए हैं।

प्रवीण स्वामी के मुताबिक, 'हमारे ऊपर गौ तस्कर लगातार हमले कर रहे हैं। पर मीडिया इसको मुद्दा नहीं बनाती। वह कभी इन पहलुओं को नहीं दिखाती कि किन हालातों में वह गौ माता की रक्षा कर रहे हैं।'

प्रवीण स्वामी से बातचीत का अंश आप यहां सुन सकते हैं...



मानवाधिकार संगठन पीयूसीएल ने इस मामलेे को संज्ञान लेते हुए राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को वीडियो क्लिप के साथ एक विस्तृत पत्र लिखा है। पत्र में संगठन ने पहलू खान के परिवार को मुआवजा देने और घायलों का इलाज कराने और उनको भी मुआवजा देने की मांग की है।

पीयूसीएल महासचिव कविता श्रीवास्तव के अनुसार राजस्थान में यह गौरक्षकों के नाम पर गुण्डागर्दी बढती जा रही है। पहलू खान की हत्या दूसरी हत्या है। 30 मई, 2015 को अब्दुल गफ्फार खान की हत्या खीमसर तहसील, नागौर जिले में की गई थी। 19 मार्च को हुए जयपुर के होटल हैयात रब्बानी पर हमले में गौ माता को बीफ खिलाना होटल मालिक व उसके कर्मचारीयों के मत्थे मढ दिया गया, जो कि एक अच्छे चलते होटल को बन्द करने की साजिश के अलावा कुछ भी नहीं था। 

अब जयललिता का ताबूत मांग रहा वोट


तमिलनाडु के आरके नगर विधानसभा में 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के प्रचार का तरीका ऐसा भी हो सकता है, शायद किसी ने सोचा भी न होगा। पन्नीरसेल्वम गुट के एआईएडीएमके ने जे. जयललिता की डमी और ताबूत के साथ चुनाव अभियान शुरू किया है। यह ताबूत हू—ब—हू उसी ताबूत की नकल है, जिसमें 5 दिसम्बर को जयललिता को उनके मरने के बाद रखा गया था। डमी को जयललिता की सबसे पसंदीदा हरी साड़ी में तैयार किया गया है, जिसे भारतीय तिरंगे से कवर किया गया है। एआईएडीएमके (पुरची थालामी अम्मा) का यह दांव उन मतदाताओं से सहानुभूति वोट हासिल करने के लिए है, जो जयललिता को भगवान की तरह पूजते थे और उनके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते थे।

गौरतलब है कि जयललिता की मौत के बाद एआईएडीएमके लगातार विवादों में है, पार्टी के अंदर शशिकला और पन्नीरसेल्वम दो गुटों के अगुवा बन गये। 23 मार्च को चुनाव आयोग ने एआईएडीएमके के चुनाव चिन्ह 'दो पत्ते' को सील कर दोनों गुटों को नए चुनाव चिन्ह जारी किए थे। शशिकला गुट को 'टोपी' और पन्नीरसेल्वम गुट को 'बिजली का खंभा' ​चुनाव चिन्ह जारी किया गया था। वहीं दोनों गुटों का नाम भी बदल दिया गया। शशिकला गुट को एआईएडीएमके अम्मा का नाम दिया गया और पन्नीरसेल्वम को एआईएडीएमके पुरची थालामी अम्मा।

आरके नगर विधानसभा में 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार पन्नीरसेल्वम गुट से उम्मीदवार हैं तो शशिकला के भतीजे टीटीके दिनकरन को उनके गुट ने चुनाव मैदान में उतारा है। देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में लोगों की भावनाओं को कैश करने की पैंतरेबाजी काम आती है या फिर शशिकला गुट उपचुनाव पर जीत की मुहर लगाता है।  

जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए अम्मा की डमी को जिस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, उसकी तरह—तरह से आलोचनाएं होनी शुरू हो गई हैं। एआईएडीएमके के अन्य दलों द्वारा भी अम्मा के नकली ताबूत और डमी बॉडी के माध्यम से चुनाव प्रचार करने पर आपत्ति जतायी जा रही है और आशंका जताई जा रही है कि इसकी शिकायत चुनाव आयोग में दर्ज होगी। 

'द न्यूज मिनट' से हुई बातचीत में द्रविड़ मुनेत्र कझगम की नेता कनिमोझी ने भी पन्नीरसेल्वम गुट द्वारा लोगों की भावनाओं को कैश करने के इस कदम की आलोचना की है और कहा कि जयललिता के अनुयायियों को उनके प्रति सम्मान दिखाना चाहिए, न कि वोटों के लिए कुछ भी करना चाहिए।