तमिलनाडु के आरके नगर विधानसभा में 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के प्रचार का तरीका ऐसा भी हो सकता है, शायद किसी ने सोचा भी न होगा। पन्नीरसेल्वम गुट के एआईएडीएमके ने जे. जयललिता की डमी और ताबूत के साथ चुनाव अभियान शुरू किया है। यह ताबूत हू—ब—हू उसी ताबूत की नकल है, जिसमें 5 दिसम्बर को जयललिता को उनके मरने के बाद रखा गया था। डमी को जयललिता की सबसे पसंदीदा हरी साड़ी में तैयार किया गया है, जिसे भारतीय तिरंगे से कवर किया गया है। एआईएडीएमके (पुरची थालामी अम्मा) का यह दांव उन मतदाताओं से सहानुभूति वोट हासिल करने के लिए है, जो जयललिता को भगवान की तरह पूजते थे और उनके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते थे।
गौरतलब है कि जयललिता की मौत के बाद एआईएडीएमके लगातार विवादों में है, पार्टी के अंदर शशिकला और पन्नीरसेल्वम दो गुटों के अगुवा बन गये। 23 मार्च को चुनाव आयोग ने एआईएडीएमके के चुनाव चिन्ह 'दो पत्ते' को सील कर दोनों गुटों को नए चुनाव चिन्ह जारी किए थे। शशिकला गुट को 'टोपी' और पन्नीरसेल्वम गुट को 'बिजली का खंभा' चुनाव चिन्ह जारी किया गया था। वहीं दोनों गुटों का नाम भी बदल दिया गया। शशिकला गुट को एआईएडीएमके अम्मा का नाम दिया गया और पन्नीरसेल्वम को एआईएडीएमके पुरची थालामी अम्मा।
आरके नगर विधानसभा में 12 अप्रैल को होने वाले उपचुनाव के लिए जयललिता की भतीजी दीपा जयकुमार पन्नीरसेल्वम गुट से उम्मीदवार हैं तो शशिकला के भतीजे टीटीके दिनकरन को उनके गुट ने चुनाव मैदान में उतारा है। देखना दिलचस्प होगा कि इस चुनाव में लोगों की भावनाओं को कैश करने की पैंतरेबाजी काम आती है या फिर शशिकला गुट उपचुनाव पर जीत की मुहर लगाता है।
जनता की सहानुभूति बटोरने के लिए अम्मा की डमी को जिस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, उसकी तरह—तरह से आलोचनाएं होनी शुरू हो गई हैं। एआईएडीएमके के अन्य दलों द्वारा भी अम्मा के नकली ताबूत और डमी बॉडी के माध्यम से चुनाव प्रचार करने पर आपत्ति जतायी जा रही है और आशंका जताई जा रही है कि इसकी शिकायत चुनाव आयोग में दर्ज होगी।
'द न्यूज मिनट' से हुई बातचीत में द्रविड़ मुनेत्र कझगम की नेता कनिमोझी ने भी पन्नीरसेल्वम गुट द्वारा लोगों की भावनाओं को कैश करने के इस कदम की आलोचना की है और कहा कि जयललिता के अनुयायियों को उनके प्रति सम्मान दिखाना चाहिए, न कि वोटों के लिए कुछ भी करना चाहिए।
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