ट्रांसप्लांट हाथ से पी सकते हैं चाय, बजा सकते हैं तालियां और लिख सकते हैं पत्र
अमेरिका में ऐसा पहली बार हुआ है। इससे पहले एक हाथ ट्रांसप्लांट होने का रिकॉर्ड तो था अमेरिका के पास, लेकिन दोनों हाथ ट्रांसप्लांट होना अमेरिकी चिकित्सा के विकास में एक महत्वपूर्ण बात मानी जा रही है। भारतीय डॉक्टरों के लिए यह एक उत्साहजनक खबर है।
टेलीग्राफ यूके में छपी खबर के मुताबिक पिछली जुलाई से 57 वर्षीय क्रिश किंग के हाथ आॅपरेशन चल रहा था। पहले एक हाथ का सफलतापूर्वक आॅपरेशन हुआ, फिर दूसरा हाथ भी ट्रांसप्लाट हुआ। आॅपरेशन लीड्स जनरल ईनफरमरी नाम के अस्पताल में संपन्न हुआ।
अपने सर्जन प्रोफेसर सिमन का शुक्रिया करते हुए क्रिश किंग कहते हैं, 'मैं अपने सर्जन का बहुत शुक्रगुजार हूं। मैं हर हफ्ते अपने हाथ की मजबूती बढ़ते हुए पा रहे हूं। मैं किताबें पढ़ पा रहा हूं और बहुत आसानी से कप भी थाम लेता हूं। मेरी कोशिश है कि अगले कुछ हफ्तों में अपनी शर्ट की बटन खुद बंद कर सकूं।'
क्रिश किंग का चार साल पहले अंगूठा छोड़कर दोनों हाथ तब कट गये था जब वे प्रेशर कटिंग मशीन पर ड्यूटी पर थे। एंबुलेंस में ले जाते हुए उनके साथियों को लगा था उनकी मौत हो जाएगी। पर उन्हें बचा लिया गया था।
क्रिश किंग के दोनों हाथों का ट्रांसप्लांट उसी प्लास्टिक सर्जन प्रोफेसर सिमन ने किया जिन्होंने पहली बार एक वाले मरीज का हाथ ट्रांसप्लांट किया था।
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