Mar 10, 2017

सैफुल्ला के पिता ने की जांच की मांग

भाई ने उठाए पुलिसिया दावे पर सवाल

लखनऊ के ठाकुरगंज में आतंकी होने के आरोप में मारे गए सैफुल्ला के पिता सरताज ने बेटे के इनकाउंटर के जांच की मांग की है। उनका कहना है कि बेटे के आतंकी होने की खबर मीडिया से मिली। सच्चाई क्या है, यह तो जांच से ही पता चल सकता है..... 

रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं से बातचीत करते सैफुल्ला के भाई और पिता
उन्होंने यह भी कहा, 'अत्यधिक दबाव के चलते मैंने बेटे की लाश लेने से मना कर दिया, पर मैं मीडिया के सामने बार-बार पूरे मामले की जांच की मांग करता रहा। मीडिया ने उसे प्रसारित नहीं किया।'

रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं से बात करते हुए सैफुल्ला के पिता ने बार—बार कहा कि मैं अभी भी बहुत दबाव महसूस कर रहा हूं। हालांकि आतंक के मामले में फर्जी ढंग से फंसाए गए लोगों की कानूनी मदद करने वाले संगठन 'रिहाई मंच' ने सैफुल्ला के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें किसी के भी दबाव में न आने की बात कही। रिहाई मंच की ओर से मंच के अध्यक्ष एडवोकेट मो0 शुऐब, महासचिव राजीव यादव, शबरोज मोहम्मदी, प्रियंका शुक्ला, शरद जायसवाल, गुंजन सिंह, सेराज बाबा, फिरदौस सिद्दीकी, एखलाक चिश्ती, रजीउद्दीन और परवेज सिद्दीकी कानपुर गए थे। 

कानपुर में सैफुल्ला के घर दौरे पर गए रिहाई मंच के कार्यकर्ताओं से बातचीत में सैफुल्ला के भाई खालिद ने बताया कि किसी ने उन्हें फोन करके अपने को पुलिस अधिकारी बताया और कहा,  तुम अपने भाई को समझाओ। हम तुम्हारी उससे बात करवाते हैं वो सरेंडर नहीं कर रहा है और शहादत देने की बात कर रहा है। इसके बाद खालिद ने बदहवासी में अपने भाई से जोर-जोर से सरेंडर कर देने की बात करता रहा, लेकिन उधर से कोई आवाज नहीं आ रही थी, जिसके बाद फोन कट गया।'

रिहाई मंच के पूछने पर कि उसे आपको भाई की आवाज सुनाई दे रही थी तो सैफुल्ला के भाई खालिद का जवाब था, 'भाई की आवाज नहीं सुनाई दे रही थी। सिर्फ गोलियों की आवाज ही सुनाई दे रही थी।' 

रिहाई मंच के अध्यक्ष और लखनऊ हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहम्मद शोएब कहते हैं, 'सैफुल्ला के कानपुर​ स्थित घर जाने से पहले हमारी टीम ने लखनऊ के ठाकुरगंज स्थित कथित मुठभेड़ स्थल का दौरा कर स्थानीय लोगों से बातचीत की।' 

मोहम्मद शोएब के अनुसार, 'पुलिस ने लाउडस्पीकर पर सैफुल्ला के आत्मसमर्पण करने की बात कहने का दावा किया है। लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। सवाल उठता है कि तब पुलिस यह दावा क्यों कर रही है? क्या ऐसा करके वो इस कथित मुठभेड़ में हुई हत्या को विधिपूवर्क पूरा किए गए अपने कथित काउंटर अटैक का तार्किक परिणाम बताना चाहती है?' 

3 comments:

  1. अच्छा हुवा जो सैफुल्ला मारा गया नहीं तो एकबार फिर सेकुलरों का स्यापा चालू हो जाता और हमारे टैक्स का पैसा आतंकवादी की सेवार्थ खर्च होता। बरसों मुकदमा चलता, आतंकी को बचाने वाले फिर रात में कोर्ट खुलवाते।

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  2. You are right ese log or logo ko badnam karte h...or phir wahi daram

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  3. Police saali chor

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