जब दिल्ली के सरकारी स्कूल स्वर्ग बन ही गये हैं और वहां बहुत अच्छी पढ़ाई हो रही है तो आपकी पार्टी के कितने विधायकों के बच्चे जो स्कूलों में जाते हैं। उनमें से कितनों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं....
दिल्ली से स्वतंत्र कुमार की रिपोर्ट
सेलिब्रिटी, एक्टिविस्ट और अब सबसे ज्यादा मीडिया कैसे प्रोपगेंडा का शिकार हो जाते हैं, उसकी एक बानगी ये देखिए।
कुछ दिन पहले दिल्ली में सीबीएसई का बारहवीं क्लास का रिजल्ट घोषित हुआ। रिजल्ट के आते ही इस तरह परिचर्चा छिड़ गई मानो दिल्ली में सरकारी शिक्षा क्षेेत्र में कुछ जादू हो गया है। हर कोई सोशल मीडिया पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों के रिजल्ट की चर्चा करने लगा कि जैसे किसी जादूगर ने कोई चमत्कार कर दिया है और इस जादूगर का नाम मनीष सिसोदिया है।
बॉलीवुड से लेकर भाजपा के केंद्रीय मंत्री और सुबह से शाम तक टीवी पर चमकते रिपोर्टर 12वीं के सरकारी स्कूल के रिजल्ट को लेकर दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को बधाई देने लगे। मनीष इस बधाई के हकदार भी थे, क्योंकि प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट सरकारी स्कूलों से बहुत कम आया था। प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट कम क्यों आया था या पिछले कुछ सालों से कम ही आ रहा था और इस बार औऱ प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट का प्रतिशत गिर गया।
खैर अब असली मुद्दे पर बात करते हैं और यह भी कि इस खबर को हम इतना देरी से क्यों कर रहे हैं। मनीष के अनुसार (उनके 12वीं के रिजल्ट को लेकर किये गए ट्वीट ओर रिट्वीट को देखें) 12वी का सरकारी स्कूल का रिजल्ट बहुत शानदार था। अरविंद केजरीवाल जो कि दिल्ली के मुख्यमंत्री भी हैं, वो भी 12वी के नतीज़ों को लेकर लेकर खूब उत्साहित होकर ट्वीट कर रहे थे। मनीष को बधाई दे रहे थे।
मीडिया मित्रों की तो क्या ही कहें। वो तो 12वीं के रिजल्ट आने के बाद ऐसे गुणगान कर रहे थे जैसे इस रिजल्ट के लिए उन्होंने पढ़ने वालों बच्चों से ज्यादा मेहनत की है। लेकिन इन मीडिया वालों ने आज तक दिल्ली की शिक्षा में क्रांति लाने वाले दिल्ली के शिक्षा मंत्री से ये सवाल नहीं किया कि जब दिल्ली की शिक्षा में इतनी क्रांति आ ही गई है तो आपका बेटा अब भी प्राइवेट स्कूल में क्यों पढ़ रहा है।
और तो और दिल्ली के मुखिया को भी क्या आपके दावे पर भरोसा नहीं है कि वो भी अपने बेटे पुलकित को नोएडा के एक प्रसिद्ध प्राइवेट स्कूल में पढ़ा रहे हैं। आज तक किसी मीडिया वाले ने मनीष से ये सवाल क्यों नहीं किया कि जब दिल्ली के सरकारी स्कूल स्वर्ग बन ही गये हैं और वहां बहुत अच्छी पढ़ाई हो रही है तो आपकी पार्टी के कितने विधायकों के बच्चे जो स्कूलों में जाते हैं। उनमें से कितनों के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं।
हम इंतज़ार करते रहे, कोई तो मनीष जी और अरविंद जी से ये सवाल पूछेगा। लेकिन गोदी मीडिया ने ये सवाल पूछना जरूरी नहीं समझा। हम इसलिए ये खबर इतना लेट दे रहे हैं, क्योंकि हमें लगता था कि कोई तो कभी तो ये सवाल करेगा, लेकिन जब इस पर सवाल नहीं हुआ तो हमें ये कड़वे सवालों वाली खबर चलानी पड़ी।
एक बात और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के दिनों के अगर आप आज के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री के वीडियो देखेंगे तो हंसने लगेंगे। क्योंकि कोई और नहीं, यही नेता उस समय के एक्टिविस्ट बोलते थे कि मंत्री अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजते हैं और गरीब का बच्चा सरकारी स्कूल में पढ़ता है। ये दोहरापन ओर अन्याय और नही होने देंगे। आज इतिहास खुद को दोहरा रहा है। उस समय के एक्टिविस्ट मनीष सिसोदिया ओर अरविंद केजरीवाल जैसों के बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं और गरीब का बच्चा आज भी सरकारी स्कूल में ही जा रहा है।
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