हम देशवासी एनडीटीवी पर थोपे गए 9 नवंबर के प्रतिबंध के खिलाफ हैं और इस बात से सहमत हैं कि एनडीटीवी अन्य सामाचार चैनलों से बेहतर, तार्किक और सही खबरें देता है। हम करोड़ों दर्शकों की मांग है कि सरकार अपने इस तानाशाही पूर्ण फैसले को तत्काल वापस ले और ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री को सख्त हिदायत दे कि वह पूर्वग्रह ग्रसित और राजनीति परस्त कार्रवाही से भविष्य में बाज आए।
सरकार अगर ऐसा नहीं करती है तो
हम करोड़ो देशवासी आज फैसला लेते हैं कि एनडीटीवी को प्रतिबंधित किए जाने के दिन 9 नवंबर को देश का कोर्इ चैनल नहीं देखेंगे, अपनी टीवी नहीं खोलेंगे।
दोस्तो, ध्यान रखिए आज आप नहीं खड़े होंगे तो कल कोई डटकर मुकाबला करने वाला नहीं बचेगा।
Shamt hoon
ReplyDeleteखामोश ............पूछकर मेरी आत्मा को प्रश्नित करता है.........मैं हूं
ReplyDeleteबेशक सर! और उसी दिन एडिटर्स गिल्ड, प्रेस क्लब, आदि संस्थाओं में वर्षों से पल रहे कुछ पालतू बुद्धिजीवियों और छद्म धर्मनिरपेक्षतावादियों को 24 घंटे के लिए मुँह पे कालिख पोतकर जंतर मंतर पर धरना भी देना चाहिए इस तानाशाही के विरोध में ताकि अभिव्यक्ति की आजादी बनी रहे और देश के अंदर के आतंकवादियों का संवाद पाक-चीन समर्थित आतंकवादियों से निर्बाध रूप से चालू रहे।। जय हिंद👍
ReplyDeletePathankot mein modi ne bhi pakistani agency ko investigation k liye bulaya tha us par bhi pratibandh lagao.
ReplyDeletehttps://m.facebook.com/story.php?story_fbid=724645881021942&id=100004296095030
ReplyDeleteI m totally agree with you
ReplyDeleteपूरी तरह सहमत। हर तरह के प्रतिरोध के समर्थन में।
ReplyDelete#मोदी सरकार हिटलरशाही पर उतर आयी है!यह लोकतंत्र पर हमला है!फासीवादी कार्रवाई है !
ReplyDeleteAgree
ReplyDeleteआपके साथ हैं 😎
ReplyDeleteKeep tweeting on twitter. Its trending #NDTVBanned
ReplyDeleteThis is begining for one day as hint to change your ideology for nation. I will see all channels as usual
ReplyDeleteThis is begining for one day as hint to change your ideology for nation. I will see all channels as usual
ReplyDeleteयह तो तानाशाही की चरम सीमा है
ReplyDeleteI am with ndtv
ReplyDeleteThe government himself exposing there motive,sometimes there is only one wrong decision led to make a public perception negative towards government where opposition failed.
ReplyDeleteSarkar tana sahi par utar aayi hai. Yah desh ke loktantrik mulyon par hamle jaisa h. Ham iski kade shabdon me bhartasna krte hain aur maang krte hain ki yah karwai kharij ki jani chahiye
ReplyDeleteThis unofficial emergency should be ended by President rule in India
ReplyDeleteसहमत
ReplyDeleteAgree
ReplyDeleteAgree
ReplyDeleteagree
ReplyDeleteइस अघोषित इमरजेंसी का पुरजोर विरोध होना चाहिए...
ReplyDeleteइस अघोषित इमरजेंसी का पुरजोर विरोध होना चाहिए...
ReplyDeleteअभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घौटना प्रजातंत्र की मृत्यु है ।
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