अजय प्रकाश
तुम दलितों के पक्ष में नहीं हो कि वह आरक्षण चाहते हैं,
तुम मुसलमानों का पक्ष नहीं लेते कि वह देश हड़पना चाहते हैं,
तुम पिछड़ों को नहीं चाहते कि वह क्रीमी लेयर का मजा ले रहे हैं,
तुम आदिवासियों को नहीं चाहते कि वह असभ्य हैं,
तुम औरतों को नहीं चाहते कि वह तुम्हारे लिए इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती हैं,
तुम बच्चों को भी नहीं चाहते कि वह आबादी बढ़ा रहे हैं
अलबत्ता तुम मनुष्यता को भी नहीं चाहते कि उसे तुमने अवसरवादी घोषित कर रखा है !
तुम मुसलमानों का पक्ष नहीं लेते कि वह देश हड़पना चाहते हैं,
तुम पिछड़ों को नहीं चाहते कि वह क्रीमी लेयर का मजा ले रहे हैं,
तुम आदिवासियों को नहीं चाहते कि वह असभ्य हैं,
तुम औरतों को नहीं चाहते कि वह तुम्हारे लिए इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती हैं,
तुम बच्चों को भी नहीं चाहते कि वह आबादी बढ़ा रहे हैं
अलबत्ता तुम मनुष्यता को भी नहीं चाहते कि उसे तुमने अवसरवादी घोषित कर रखा है !
तुम चाहते क्या हो प्यारे,
तुम किसके पक्ष में हो,
कौन है तुम्हारी घोषित चाहत !
तुम किसके पक्ष में हो,
कौन है तुम्हारी घोषित चाहत !
आज तुम खुद ही बताओ
पूरा खुलकर
हो सके तो मुनादी कराओ
पर बताओ जरूर
हम भी देखें !
पूरा खुलकर
हो सके तो मुनादी कराओ
पर बताओ जरूर
हम भी देखें !
तुम्हारी कैसी कायनात है
जिसमेें मनुष्य नहीं
सिर्फ सवर्ण रहते हैं...
जिसमेें मनुष्य नहीं
सिर्फ सवर्ण रहते हैं...
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