बीवी की हत्या में सजायाफ्ता अमनमणि त्रिपाठी का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मंचासीन होने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आज मोदी के लखनऊ आगमन पर एक अपराधी द्वारा उनके स्वागत वाले पोस्टरों पर सवाल उठने लगे हैं ...
लखनऊ से आशीष वशिष्ठ की रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के गर्वनर रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित कर दलित राजनीति को धार देने का काम किया है। बीजेपी की दलित राजनीति से विपक्षी दलों में बेचैनी का माहौल है। लेकिन वहीं दिल्ली से लगभग 500 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर एक दलित के हत्या में आजीवन करावास प्राप्त मुजरिम ने पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत में होर्डिंग लगाकर क्षेत्र के दलितों को चिढ़ाने और उन्हें उनकी औकात बताने का काम किया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को दो दिवसीय राजधानी लखनऊ के दौरे पर आ रहे हैं।
मामला राष्ट्रीय राजमार्ग 24 (एनएच-24) लखनऊ-सीतापुर-दिल्ली मार्ग पर लगे स्वागत होर्डिंग का है। एनएच-24 के दायीं और बसे ग्राम खरगापुर जागीर की ग्राम प्रधान रबिला मिश्रा ने पीएम मोदी के स्वागत में क्षेत्र में कई होर्डिंग लगाये हैं। होर्डिंग में ग्राम प्रधान के अलावा उनके पति ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लब्बु प्रधान की तस्वीर भी शान से पीएम का स्वागत कर रही है। बताते चलें कि ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लब्बु प्रधान गांव के एक दलित कांशीराम की हत्या का आजीवन कारावास का सजायाफ्ता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में 21 जून को हजारों लोगों के साथ योग करेंगे। पीएम के स्वागत के लिये राजधानी के प्रमुख चौराहों और मार्गों पर होर्डिंग, बैनर और कटआउट पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और सर्मथकों ने लगवाये हैं। इन सबके बीच एक होर्डिंग को लेकर विवाद सामने आया है।
होर्डिंग में पीएम मोदी, गृहमंत्री व लखनऊ के सांसद व स्थानीय बक्शी का तालाब के बीजेपी विधायक अविनाश त्रिवेदी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा के अलावा मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर का भी फोटो है।
दंबग मिश्रा की दहशत के चलते गांव के दलित चाहकर भी शिकायत करने या होर्डिंग हटाने की की स्थिति में नहीं है। ऐसे में एक राजनीतिक दल 'जन रक्षा पार्टी' ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुये एक दलित के हत्यारे की फोटो से सजे होर्डिंग हटाने की मांग सूबे के मुख्यमंत्री व आला अधिकारियों से की है।
जन रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश सिंह चौहान के अनुसार, ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लुब्बू प्रधान दलित कांशी राम की हत्या में (मु0अ0सं0 96/82 धाराएं 147, 148, 149, 307, 302) सजायाफ्ता और भूमाफिया हैं। लुब्बू प्रधान ने क्षेत्र में दलितों के हक और हुकूक की आवाज उठाने वाले दलित कांशी राम की अपने भाई गोकरन के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
सेशन कोर्ट ने ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लुब्बू प्रधान को कांशी राम की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। चौहान ने बताया कि, आरटीआई में क्षेत्राधिकारी अलीगंज लखनऊ में बताया है कि, ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लुब्बू प्रधान माननीय हाईकोर्ट के आदेश से पैरोल पर बाहर आजाद घूम रहा है।
चौहान ने आगे बताया कि लुब्बू प्रधान ने सीतापुर रोड, सेवा अस्पताल के पास ग्राम मोहिउद्दीनपुर की भूमि खसरा संख्या-184 जोकि सरकारी रिकार्ड में नवीन पर्ती दर्ज है पर कब्जाकर एक गोदाम व अपने भाई श्रवण कुमार की चार दुकानें बनवा दी हैं। इतना ही नहीं ग्राम खरगपुर जागीर की भूमि खसरा संख्या-226 जो कि सरकारी अभिलेखों में खलिहान दर्ज है, उस पर लुब्बू प्रधान ने कब्जा कर पक्का निर्माण करवा लिया है।
दुर्गेश कहते हैं कि लुब्बू प्रधान समय के साथ अपनी राजनीतिक आस्था और रंग दोनों बदल लेते हैं। बसपा सरकार के समय ये स्थानीय बसपा विधायक और मंत्री नुकुल दुबे का करीबी था। सपा सरकार में ये स्थानीय विधायक गोमती यादव का नजदीकी हो गया। वहीं वो तत्कालीन सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी मंत्रियों में शामिल लखनऊ उत्तर के विधायक प्रो0 अभिषेक मिश्र का करीबी बन गया। सूबे में सत्ता का परिवर्तन होते ही इसने भगवा ओढ़ने में कोई देरी नहीं की है।
जन रक्षा पार्टी ने होर्डिंग हटाने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा सूबे की डीजीपी सुलखान सिंह, जिलाधिकारी, एसएसपी के अलावा जिम्मेदारी अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। अब यह देखना अहम् होगा कि राष्ट्रपति पद के लिये एक दलित के नाम की घोषणा करने वाली मोदी सरकार क्या एक दलित के हत्यारे को सलाखों की पीछे भेजकर एक दलित परिवार को न्याय दिलाएगी।
लखनऊ से आशीष वशिष्ठ की रिपोर्ट
भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के गर्वनर रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी घोषित कर दलित राजनीति को धार देने का काम किया है। बीजेपी की दलित राजनीति से विपक्षी दलों में बेचैनी का माहौल है। लेकिन वहीं दिल्ली से लगभग 500 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग-24 पर एक दलित के हत्या में आजीवन करावास प्राप्त मुजरिम ने पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत में होर्डिंग लगाकर क्षेत्र के दलितों को चिढ़ाने और उन्हें उनकी औकात बताने का काम किया है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को दो दिवसीय राजधानी लखनऊ के दौरे पर आ रहे हैं।
मामला राष्ट्रीय राजमार्ग 24 (एनएच-24) लखनऊ-सीतापुर-दिल्ली मार्ग पर लगे स्वागत होर्डिंग का है। एनएच-24 के दायीं और बसे ग्राम खरगापुर जागीर की ग्राम प्रधान रबिला मिश्रा ने पीएम मोदी के स्वागत में क्षेत्र में कई होर्डिंग लगाये हैं। होर्डिंग में ग्राम प्रधान के अलावा उनके पति ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लब्बु प्रधान की तस्वीर भी शान से पीएम का स्वागत कर रही है। बताते चलें कि ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लब्बु प्रधान गांव के एक दलित कांशीराम की हत्या का आजीवन कारावास का सजायाफ्ता है।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में 21 जून को हजारों लोगों के साथ योग करेंगे। पीएम के स्वागत के लिये राजधानी के प्रमुख चौराहों और मार्गों पर होर्डिंग, बैनर और कटआउट पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं और सर्मथकों ने लगवाये हैं। इन सबके बीच एक होर्डिंग को लेकर विवाद सामने आया है।
होर्डिंग में पीएम मोदी, गृहमंत्री व लखनऊ के सांसद व स्थानीय बक्शी का तालाब के बीजेपी विधायक अविनाश त्रिवेदी के अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष एवं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा के अलावा मोहनलालगंज के सांसद कौशल किशोर का भी फोटो है।
दंबग मिश्रा की दहशत के चलते गांव के दलित चाहकर भी शिकायत करने या होर्डिंग हटाने की की स्थिति में नहीं है। ऐसे में एक राजनीतिक दल 'जन रक्षा पार्टी' ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुये एक दलित के हत्यारे की फोटो से सजे होर्डिंग हटाने की मांग सूबे के मुख्यमंत्री व आला अधिकारियों से की है।
जन रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुर्गेश सिंह चौहान के अनुसार, ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लुब्बू प्रधान दलित कांशी राम की हत्या में (मु0अ0सं0 96/82 धाराएं 147, 148, 149, 307, 302) सजायाफ्ता और भूमाफिया हैं। लुब्बू प्रधान ने क्षेत्र में दलितों के हक और हुकूक की आवाज उठाने वाले दलित कांशी राम की अपने भाई गोकरन के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
सेशन कोर्ट ने ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लुब्बू प्रधान को कांशी राम की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। चौहान ने बताया कि, आरटीआई में क्षेत्राधिकारी अलीगंज लखनऊ में बताया है कि, ब्रजेन्द्र कुमार मिश्र उर्फ लुब्बू प्रधान माननीय हाईकोर्ट के आदेश से पैरोल पर बाहर आजाद घूम रहा है।
चौहान ने आगे बताया कि लुब्बू प्रधान ने सीतापुर रोड, सेवा अस्पताल के पास ग्राम मोहिउद्दीनपुर की भूमि खसरा संख्या-184 जोकि सरकारी रिकार्ड में नवीन पर्ती दर्ज है पर कब्जाकर एक गोदाम व अपने भाई श्रवण कुमार की चार दुकानें बनवा दी हैं। इतना ही नहीं ग्राम खरगपुर जागीर की भूमि खसरा संख्या-226 जो कि सरकारी अभिलेखों में खलिहान दर्ज है, उस पर लुब्बू प्रधान ने कब्जा कर पक्का निर्माण करवा लिया है।
दुर्गेश कहते हैं कि लुब्बू प्रधान समय के साथ अपनी राजनीतिक आस्था और रंग दोनों बदल लेते हैं। बसपा सरकार के समय ये स्थानीय बसपा विधायक और मंत्री नुकुल दुबे का करीबी था। सपा सरकार में ये स्थानीय विधायक गोमती यादव का नजदीकी हो गया। वहीं वो तत्कालीन सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी मंत्रियों में शामिल लखनऊ उत्तर के विधायक प्रो0 अभिषेक मिश्र का करीबी बन गया। सूबे में सत्ता का परिवर्तन होते ही इसने भगवा ओढ़ने में कोई देरी नहीं की है।
दुर्गेश कहते हैं कि लुब्बू प्रधान समय के साथ अपनी राजनीतिक आस्था और रंग दोनों बदल लेते हैं। बसपा सरकार के समय ये स्थानीय बसपा विधायक और मंत्री नुकुल दुबे का करीबी था। सपा सरकार में ये स्थानीय विधायक गोमती यादव का नजदीकी हो गया। वहीं वो तत्कालीन सूबे के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी मंत्रियों में शामिल लखनऊ उत्तर के विधायक प्रो0 अभिषेक मिश्र का करीबी बन गया। सूबे में सत्ता का परिवर्तन होते ही इसने भगवा ओढ़ने में कोई देरी नहीं की है।
जन रक्षा पार्टी ने होर्डिंग हटाने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा सूबे की डीजीपी सुलखान सिंह, जिलाधिकारी, एसएसपी के अलावा जिम्मेदारी अधिकारियों को पत्र भेजा गया है। अब यह देखना अहम् होगा कि राष्ट्रपति पद के लिये एक दलित के नाम की घोषणा करने वाली मोदी सरकार क्या एक दलित के हत्यारे को सलाखों की पीछे भेजकर एक दलित परिवार को न्याय दिलाएगी।
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