क्रिकेट में मिली हार की भरपाई कल ही भारत—पाक के बीच हुए हॉकी टूर्नामेंट में भारत को मिली जीत से करने की कोशिश जरूर की गई, जिसका कि कल तक कोई नामलेवा तक नहीं था....
जनज्वार दिल्ली। कल भारत—पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट मैच में चैंपियनशिप पाकिस्तान ने जीती। मैच से पहले तक खेल को खेल तक न सीमित कर भारत की जीत को देशभक्ति से जोड़कर देखने वाला हमारा मीडिया पाकिस्तान की जीेत के बाद बगलें झांकता नजर आया। किसी भी अखबार की हैडिंग एक लाइन में यह नहीं बता पा रही है कि पाकिस्तान ने भारत से चैंपियनशिप जीती या भारत पर शानदार जीत दर्ज की।
आज के सभी प्रमुख अखबारों ने गोलमोल हैडिंग लगाई हुई है, कहीं से पाकिस्तान की जीत जैसा संदेश नहीं जाता। वहीं अगर कल मैच भारत ने जीता होता तो हमारे न्यूज चैनल के एंकर और प्रमुख समाचार पत्रों की हैडिंगें आग बरसाती प्रतीत होतीं। अखबारों के फ्रंट पेज उन्मादपूर्ण शीर्षकों से पटे होते तो न्यूज चैनल कहते कि भारत ने पाकिस्तान को हराकर सैनिकों की मौत का बदला लिया। भारत ने पाकिस्तान को रौंद डाला। गोया कि क्रिकेट खेल के मैदान में न होकर जंग में तब्दील हो गया होता। हां, इस हार की भरपाई हॉकी में मिली जीत से करने की कोशिश जरूर की गई, जिसका कि कल तक कोई नामलेवा तक नहीं था। कल तक हमारा राष्ट्रीय खेल हॉकी जो हाशिए की हैडिंग तक सिमटा हुआ था, पाकिस्तान से हॉकी में मिली जीत और क्रिकेट में मिली शिकस्त के बाद फ्रंट पर जगह पा गया।
मगर इस मामले में सोशल मीडिया की तारीफ करनी होगी कि उसने क्रिकेट मैच में पाकिस्तान की जीत के बाद पाकिस्तानी टीम को बधाई दी और इसे देशभक्ति से जोड़ने की जमकर आलोचना की।
सतपाल सिंह अपनी फेसबुक पोस्ट में लिखते हैं, 'खेलों की शुरुआत ही युद्ध के विरोध में हुई थी कुछ मूर्ख लोग इसे जंग बना देते हैं।'
पाकिस्तान की सीमा से लगे पंजाब जिसने आंतकवाद और विभाजन की सबसे ज्यादा पीड़ा झेली है और जहां हाल ही में एक सिख सैनिक का पाकिस्तानी सेना द्वारा गला काट लिया गया था, में कल के मैच के बाद खेल से संबंधित फेसबुक पोस्ट या तो मुख्यधारा की मीडिया को इसे जंग और देशभक्ति की पराकाष्ठा बताने के लिए जमकर लताड़ा गया है। वहीँ बहुत से लोगों ने बहुत गर्मजोशी से पाकिस्तान के बढ़िया खेल की न सिर्फ प्रशंसा और जीत पर ख़ुशी प्रकट की, बल्कि दोनों देशों के बीच खेल को अमन और दोस्ती का जरिया कहा।
हरमिंदर सिंह सिद्धू ने लिखा पाक बैटिंग देखकर मेरा भांजा बोला, "भारत पाकिस्तान एक हो जाए तो हम सुपर पावर हैं।"
वैभव सिंह ने लिखा है, उन चैनलों को माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने मैच को सैन्य युद्ध की तरह प्रोजेक्ट किया था।' वहीं अजीत साहनी लिखते हैं, 'जिस तरह होली दिमाग़ की गंदगी निकलने की नाली की तरह काम करती है, उसी तरह भारत पाक क्रिकेट मैच के बहाने लोग मुस्लिम, कश्मीर और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ कुंठा निकाल लेते हैं। चलो इसी बहाने बॉर्डर पर दोनों देशों के वीर जवानों का ख़ून थोड़ा कम बहता है।'
गौरतलब है कल मैच से पहले प्रिंट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया ने पूरी तरह पाकिस्तान के खिलाफ सारा दिन न सिर्फ नफरत फैलाने का काम किया, बल्कि हर तरह से इसे देशभक्ति और दुश्मन के साथ युद्ध की तरह पेश किया। ये उन्माद इस हद तक फैलाया गया कि कुछ देशभक्त चैनलों के एंकर यहां तक कह गए पाकिस्तान को क्रिकेट मैच में हराकर सैनिकों की मौत का बदला लिया जाएगा। मैच से पहले तक तमाम भविष्यवक्ता चैनलों पर भविष्यवाणी करते नजर आए कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की विराट विजय होगी।
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