असल सवाल यह है कि क्या भाजपा की किसी महिला या पुरुष नेता के खिलाफ ऐसे ही दुष्प्रचार किया जाता और फेसबुक व गूगल तमाशा देखते रहते...
फिर यहां देरी का क्या मतलब है, जबकि खुद पीड़िता कविता कृष्णन ने फेसबुक पर इस न्यूज को रोकने की अपील कर रखी है। बताया है कि मैंने कभी मोदी को न तो नपुंसक कहा और न ही इस भाषा में मैं कोई बात करती हूं। बावजूद इसके इस फर्जी खबर को शेयर करने वालों संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
जनज्वार तथ्य के तौर पर चार वेबसाइट का प्रिंट शॉट दे रहा है जिससे कविता कृष्णन के समर्थक सक्रिय हों और ऐसी गलत खबरों के प्रसारण को रूकवाने की तत्काल कोशिश करें।
कविता कृष्णन की फेसबुक अपील
'मेरे बारे में एक फेक न्यूज कई वेबसाइट्स पर चलाई जा रही हैं। यह फेक न्यूज़ हिंदी में है और कहता है कि मैंने मोदी को नपुंसक कहा और 'फ्री सेक्स' की वकालत की। इस फेक न्यूज़ को चलाने वाले कुछ साइट तो अन्य अश्लील वीडियो भी चलाते हैं। ऐसा फेक न्यूज़ मेरे खिलाफ यौन उत्पीड़न है, मेरे सम्मान पर हमला है, और इससे मेरे लिये और यौन उत्पीडन का खतरा भी पैदा किया जा रहा है। ये सब सोचे समझे साजिश के तहत हो रहा है। मेरा अपील है कि कृपया ऐसे न्यूज़ को न खोजें और इन लिंक्स पर क्लिक न करें। यहां में सिर्फ इसलिए सबको सचेत कर रही हूं कि कोई मित्र बिना पढ़े गलती से ऐसे न्यूज़ शेयर न कर बैठे ये समझ कर कि मेरा बयान होगा तो ठीक ही होगा। मेरा इन वेबसाइट्स के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का पूरा इरादा है।'
Go and do it,what are you waiting for? ??
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