जनज्वार. पहले टाइम मैगजीन ने और अब इंग्लैड के एक प्रमुख अखबार ‘द इंडिपेंडेंट’ ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की काबिलियत पर सवाल उठाया है। पिछले दिनों टाइम मैगजीन ने भारत में अर्थशास्त्री के तौर पर प्रचारित हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘अंडरअचीवर’ यानी असफल कहा था, जिस पर देश और दुनिया के स्तर पर काफी प्रतिक्रिया हुई थी।
अब इंग्लैंड के अखबार ‘द इंडिपेंडेंट’ ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया का ‘गुड्डा’ बताकर भारतीय प्रधानमंत्री की काबिलियत पर दोहरा दाग लगा दिया है। हालांकि अखबार में खबर छपने के बाद दुनिया भर में हो रही चर्चाओं से घबड़ाए अखबार ने अपने वेबसाइट संस्करण से गुड्डा यानी ‘पूडल’ शब्द हटाकर ‘पपेट’ यानी कठपुतलि किया, लेकिन अब वेबसाइट पर ‘अंडरअचीवर’ के तौर पर भारतीय प्रधानमंत्री को रेखांकित किया गया है।
लेकिन अखबार में छपे लेख को नहीं बदला गया है। ‘मनमोहन सिंह ः सेवियर आॅर सोनियाज पुडल’ यानी ‘मुक्तिदाता या सोनिया के गुड्डा’ लेख में कहा गया है, ‘मनमोहन सिंह की बड़ी मुश्किल यह है कि उनके पास कोई वास्तविक राजनीतिक ताकत नहीं है और उनकी प्रधानमंत्री के तौर पर मौजूदगी सोनिया के कारण बनी हुई है।’ अखबार ने प्रधानमंत्री के मंत्रीमंडल में उनके कमजोर व्यक्तित्व की ओर इशारा करते कहा है, ‘कभी वह अपने कैबिनेट को भी नियंत्रित नहीं कर पाते।’
गौरतलब है कि मुख्यधारा की भारतीय मीडिया अपने प्रधानमंत्री के लिए इस तरह की शब्दावलियों के इस्तेमाल से बचती रही है। फैसले न लेने की अक्षमता को लेकर कई मौकों पर मीडिया ने प्रधानमंत्री की नरम शब्दों में आलोचना रखी है, जबकि उनके ढुलमुल रवैयों से उनके मंत्रीमंडल में दागी मंत्रियों की बहुतायत बनी हुई है। हाल ही में टीम अन्ना ने उनके मंत्रीमंडल को अबतक का सबसे भ्रष्ट मंत्रिमंडल करार दिया है, जिसमें आधे से अधिक मंत्री किसी न किसी भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में हैं।
देश की प्रमुख विपक्षी दलों से जुड़े कुछ नेताओं ने प्रधानमंत्री के लिए कड़े शब्दों जैसे अक्षम, मुंह ताकने वाला आदि शब्दावलियों का इस्तेमाल किया है। भारत में लोग देश के प्रधानमंत्री को मोम की गुडि़या, रोबोट या सोनिया का स्टांप भी कहते रहे हैं।
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