हिमांशु कुमार
सरकार ने किसानो के इस अहिंसक आन्दोलन को कुचलने के लिए भयंकर लाठीचार्ज किया, जिसमें लगभग पचास किसान बुरी तरह घायल हुए और एक किसान कार्यकर्ता सुरजीत सिंह की मौत हो गयी.
गौरतलब है कि पंजाब के गोविन्दपुरा गाँव में थर्मल पावर प्लांट लगाने के नाम पर किसानो की 880 एकड़ सिंचित भूमि को पंजाब सरकार अवैध तरीकों से बलपूर्वक लेने की कोशिश कर रही है. पोना नामक कंपनी के लिए किसानो की इन ज़मीनों को लेने से पहले प्रशासन ने किसानो को कोई नोटिस नहीं दिया. किसानो का आरोप है कि सत्ता दल के नेताओं ने पोना नामक कंपनी के साथ मिलीभगत कर के उनकी ज़मीन को कंपनी के नाम कर दिया है.
इस वर्ष 21 जून को कंपनी के लोग पंजाब के 6 जिलों से जमा किये गए बड़े पुलिस बल के साथ जब इस ज़मीन पर कांटेदार तार लगाने पहुंचे तो उन्हें महिलाओं और किसानो के बड़े विरोध का सामना करना पड़ा था. 24 जुलाई को पुलिस ने इस गाँव पर हमला किया और घरों में सोये हुए 450 किसानो को ले जाकर जेल में डाल दिया. ये किसान अभी भी जेल में ही बन्द हैं.
पंजाब के 17 मजदूर किसान संगठनो ने इस अवैध भूमि अधिग्रहण और सरकारी दमन के विरोध में 2 अगस्त को ' गोविन्दपुरा चलो ' रैली की घोषणा की थी. किसानो की इस शांतिपूर्ण रैली को रोकने के लिए पंजाब सरकार ने सुबह से ही किसान नेताओं को घरों में सोते समय ही पकड़ लिया था.
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