मां दंतेश्वरी आदिवासी स्वाभिमानी मंच,दंतेवाड़ा की ओर से एक पर्चा प्रसारित हुआ है। इसके प्रसारित किये जाने का मकसद माओवादियों के एजेंट एनजीओ और उन पत्रकारों की असलियत बताना है जो बस्तर में मानवाधिकार का ढोंग रचते हैं। अपनी मूल भावना के साथ, प्रस्तुत है बगैर संपादित पर्चा...
प्रिय जनता
बस्तर के भाकपा(माओवादी)की दरभा डिविजन कमेटी शाखा दंतेवाड़ा की निर्दोष जनता को डरा धमकाकर उनका आर्थिक, शारीरिक, मानसिक शोषण कर रही है। रात के अंधेरों में मासूम जनता के घरों में घुस कर उन्हें बंदूकों की नोक पर गलत काम करवाकर अपना उल्लू सीधा कर रही है।
आंध्र प्रदेश से आकर तथाकथित कामरेडों का चोला ओढ़कर ये नक्सली बस्तर की जनता को गुमराह कर उन्हें विकास से कोसों दूर ले जा रहे हैं। आज बस्तर की जनता इन आतंकी रूपी नक्सलियों के कारण 17वीं शताब्दी में जीने को मजबूर हैं।
ये नक्सली स्कूल तोड़कर बच्चों से शिक्षा का अधिकार छीन रहे हैं। निर्दोष लोगों को मारकर आतंक के साए में जीने का मजबूर कर रहे हैं,रात को जब जनता चैन की नींद सोना चाहती है तो ये कुत्तों की तरह सारी रात जागकर क्षेत्र में आतंक और अशांति फैलाकर ये राक्षस रूपी माओवादी क्या साबित करना चाहते हैं यह तो समझ से परे है। ये भ्रष्ट शोषक लोग जनता को लूट कर अपना घर भर रहे हैं और अपने बच्चों को बड़ी-बड़ी शिक्षा के लिए दिल्ली, हैदराबाद, बैंगलोर जैसे शहरों में भेज रहे हैं।
मगर बस्तर के के भोले-भाले आदिवासी अपने बच्चों को स्कूल की शिक्षा तक अपने गांव में इन नक्सलियों के कारण नहीं ले पाते हैं। एनएमडीसी,एस्सार और बड़े-बड़े ठेकेदारों से पैसों की मांग कर उनके कामों को बंद करने की धमकी,रात को गाड़ियों की आवाजाही बंद कर लूटपाट का ठेका इन्हीं माओवादियों ने ले रखा है। कथित माओवादियों ने बस्तर की निर्दोष जनता से जीने का हक छीन लिया है।
पर्चे की मूल प्रति: सरकार का गैर सरकारी संगठन |
एक कहावत है कि एक अकेला चला भाड़ नहीं फोड़ सकता मगर जब से डीआईजी कल्लूरी साहब पदस्थ हुए हैं तब से इन नक्सलियों का दिन में चैन और रात को नींद उड़ चुकी है। कल्लुरी जैसे जांबाज अधिकारी जिन्हें आज नहीं तो कल दंतेवाड़ा से जाना है फिर भी वे जनता के हित में इन नक्सलियों से मोर्चा ले रहे हैं।
ये दलाल माओवादी जिनकी रोजी-रोटी दलाली से,लोगों को लूटकर, आतंक फैलाकर, बसों में लूटपाट कर चल रही है। इन माओवादियों को समझ लेना चाहिए कि अब से बस्तर के अमन पर ज्यादा दिनों तक डाका डाल नहीं पाएंगे। आज कोई भी नेता या अफसर क्षेत्र के विकास के बारे में सोचकर जनता की सेवा करना चाहता है तो उन्हें गांवों में ना जाने का फरमान जारी कर जनता से दूर रख ये
माओवादी अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं।
किसी भी नेता-अफसर को मारने का फरमान जारी कर ये ज्यादा दिनों तक डरा धमका नहीं सकते। अगर तुममें दम है तो अपना नाम, अपने मांबाप का नाम-पता अगर है तो बताओ, तुम्हें तुम्हारे घर में घुसकर मारा जायेगा। ये क्षेत्र की जनता का दावा है।
तथाकथित पत्रकारों एनजीओ के पिटठू नक्सलियों तुम चाहे हिमांशु कुमार हो या अधुरती राय(अरूंधती राय),चाहे एनआर पिल्लई हो चाहे अनिल यादव या यशवंत मिश्रा सबका एक ना एक दिन हिसाब कर दिया जायेगा। मानव अधिकारी कार्यकर्ता की आड़ में तुम ज्यादा दिन तक खैर नहीं मना सकते, तुम्हें जल्द ही बस्तर छोड़ना होगा। नहीं तो कुत्ते की मौत मारे जाओगे।
मां दंतेश्वरी
आदिवासी स्वाभिमानी मंच
दंतेवाड़ा
अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे और इसे कहते हैं नहले पे दहला. इस पर्चे में लिखीं एक एक बातें सही हैं. सभी नक्सलियों और उनके समर्थकों को एक न एक दिन ठिकाने लगा ही दिया जायेगा.जय मां दंतेश्वरी, जय हो कल्लूरी की.
ReplyDeleteye ngo kalluri ka dalal hai. kalluri ko to amitabh bachchan bana dala hai re.chaliye isase itna to pata chala ki vahan jo log kaam rahe hain uska asar itna vyapak aur asardar hai ki sarkar ke police adhikariyon ko ngo banana padta hai.
ReplyDeleteआतंकवाद का अंत हो कर रहेगा। आतंकवाद को महिमामंडित करने वालों की एक पूरी फौज खडी है लेकिन वो सुबह कभी तो आयेगी......
ReplyDeleteRajkiya Atankvad...ka...kya hoga...?..Milkar soche bina muqammil..tasvir samne nahi aati...!
ReplyDeletejai ho maa danteswari ki jai ho kalluri ki jai ho chidambaram ki jai ho narsanghar karte in devo ki jai ho hitler ki jai ho in savakon ki............sabki jai ho.bus prajay ho un gareeb aadiwasiyon ki,jo jal jungle jameen ke liye lad rhe hain.aayen milkar sab devo ki jai kren........
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