Apr 12, 2017

पंजाब विश्वविद्यालय के छात्रों पर से देशद्रोह का मुकदमा वापस, 58 छात्रों को भेजा 14 दिन की न्यायिक हिरासत में


पुलिस ने पहले दर्ज किया था 124ए के तहत देशद्रोह का मुकदमा पर दबाव बढ़ने पर सभी छात्रों पर से लिया वापस। लेकिन अब भी दंगा करने और सरकारी संपत्ति नुकसान करने के आरोप में 3 छात्राओं समेत 67 छात्रों पर है मुकदमा दर्ज। 67 में से 58 को कर चुकी है पुलिस गिरफ्तार। छात्राओं की जमानत पर अदालत करेगी 15 अप्रैल को सुनवाई

जनज्वार। चण्डीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय में कल हुई फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिसिया हिंसा के बाद सैकड़ों छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद 66 छात्रों पर पुलिस ने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, दंगा करने के साथ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया। पर छात्रों पर से देशद्रोह का मुकदमा 11 बजे रात  में वापस ले लिया गया।

आंदोलनकारी 3 छात्राओं की जमानत लेने पहुंचे वकील अंकित ने जनज्वार को बताया कि फीस वापसी की वाजिब मांग कर रहे छात्रों पर इतने संगीन मुक़दमें दर्ज करना बताता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन और सरकार छात्रों को अपराधी बनाने पर तुली है। 

कितनी बढ़ी है फीस
फार्मा कोर्स की फीस 5080 रुपये से बढ़ाकर 50 हजार कर दी गई है । जर्नलिज्म कोर्स की फीस 5290 रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दी गई है। डेंटल कोर्स  की फीस Rs 86,400 to Rs 1.5 लाख कर दी गई है ।

हिंसक कैसे हुआ आंदोलन 

चं​डीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय ने इस सत्र के ज्यादातर पाठ्यक्रमों की फी 11 गुना बढ़ा दी थी। इस फीसवृद्धि के खिलाफ तमाम संगठनों के छात्र पिछले 10 दिनों से एकजुट विरोध कर रहे थे। पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी मांग पर कोई सुनवाई नहीं।

ऐसे में छात्र संगठनों ने 11 मार्च को विश्वविद्यालय बंद का आह्वान किया था। छात्र विश्वविद्यालय में पहुंचते उससे पहले ही वहां पुलिस पहुंची हुई थी। सैकड़ों की संख्या में छात्र वीसी से मिलने पर अड़े हुए थे लेकिल पुलिस ने उनकी एक न सुनी।

छात्र जब रोष में आने लगे तो पुलिस ने पानी का बौछार किया। बौछार से एमफील प्रथम वर्ष की छात्रा जगजीत कौर घायल हो गयी और उसकी आंख पर गंभीर चोट आई। ऐसे में मामले को पुलिस संभालती उसने आंसू गैस के गोले छोड़ दिए। गोले में एक छात्र के चेहरे पर बुरी तरह झुलसा दिया।

उसके बाद फिर फिर क्या हुआ उसे पूरे देश ने ​देखा कि कैसे वाजिब मांग कर रहे छात्रों को पुलिस ने दौड़ा—दौड़ के मारा और गिरफ्तार किया। 

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