भारत के दंगाई मानसिकता के लोग पाकिस्तानी कलाकारों के भागीदारी से बन रही हिंदुस्तानी फिल्मों के अधर में लटकने से बहुत खुश थे। वे अब और खुश हो सकते हैं कि पाकिस्तान में हिंदुस्तानी फिल्म शूट होने का प्लान रद्द गया है...
लो जी मामला बराबर हो गया। भारतीय अभिनेत्री नंदिता दास जिस फिल्म के शूटिंग की तैयारी रही थीं, उसका प्लान अब रद्द हो गया है। उन्होंने मुंबई एक अखबार से बातचीत में कहा कि वह दिल्ली में शूटिंग की कोशिश कर रही हैं। फिल्म में मंटो का रोल नवाजुद्दीन सिद्दीकी निभाने वाले थे।
सार्थक फिल्मों की चर्चित अभिनेत्री नंदिता दास अपनी पूरी टीम के साथ प्रसिद्ध कहानीकार शआदत हसन मंटो पर बन रही एक फिल्म की शूटिंग के लिए लाहौर जाने वाली थीं। फिल्म दिसंबर में शूट होने वाली थी। मंटो लाहौर में भी रहे थे, इसलिए फिल्म के निर्देशक ने यथार्थ चित्रण के लाहौर को चुना।
नंदिता ने अखबार को बताया कि दोनों मुल्कों में तनाव के बाद असुरक्षित मान इस फिल्म को हम लाहौर में शूट नहीं कर सकते और हम दिल्ली में शूटिंग का मन बना रहे हैं।
गौरतबल है कि जिस मंटो ने दंगे और बंटवारे के खिलाफ सबसे मजबूती से लिखा उसी मंटो की फिल्म हिंदूस्तान—पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की भेंट चढ़ गयी। 'टोबा टेक सिंह' बंटवारे पर मंटो की प्रसिद्ध कृति है, जिसका हजारो बार मंचन हो चुका है, फिल्में बन चुकी हैं।
लो जी मामला बराबर हो गया। भारतीय अभिनेत्री नंदिता दास जिस फिल्म के शूटिंग की तैयारी रही थीं, उसका प्लान अब रद्द हो गया है। उन्होंने मुंबई एक अखबार से बातचीत में कहा कि वह दिल्ली में शूटिंग की कोशिश कर रही हैं। फिल्म में मंटो का रोल नवाजुद्दीन सिद्दीकी निभाने वाले थे।
सार्थक फिल्मों की चर्चित अभिनेत्री नंदिता दास अपनी पूरी टीम के साथ प्रसिद्ध कहानीकार शआदत हसन मंटो पर बन रही एक फिल्म की शूटिंग के लिए लाहौर जाने वाली थीं। फिल्म दिसंबर में शूट होने वाली थी। मंटो लाहौर में भी रहे थे, इसलिए फिल्म के निर्देशक ने यथार्थ चित्रण के लाहौर को चुना।
नंदिता ने अखबार को बताया कि दोनों मुल्कों में तनाव के बाद असुरक्षित मान इस फिल्म को हम लाहौर में शूट नहीं कर सकते और हम दिल्ली में शूटिंग का मन बना रहे हैं।
गौरतबल है कि जिस मंटो ने दंगे और बंटवारे के खिलाफ सबसे मजबूती से लिखा उसी मंटो की फिल्म हिंदूस्तान—पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की भेंट चढ़ गयी। 'टोबा टेक सिंह' बंटवारे पर मंटो की प्रसिद्ध कृति है, जिसका हजारो बार मंचन हो चुका है, फिल्में बन चुकी हैं।
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