देश की सबसे बड़ी
इलेक्ट्रानिक कंपनियों में शुमार 'एलजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड' की नोएडा
यूनिट में 11 तारीख से करीब 620 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। कर्मचारियों ने
हड़ताल प्रबंधन की मनमानी और तानाशाही के खिलाफ की है।
लेकिन एक
लाइन भी किसी मीडिया में कोई खबर नहीं है। हड़ताल में शामिल दर्जनों माएं,
बहनें कई दिनों से अपने घर नहीं लौटी हैं, इनमें कई छोटे बच्चों की मांए भी
हैं। एलजी कर्मचारी मनोज कुमार से मिली जानकारी के मुताबिक उन्होंने
स्थानीय मीडिया को बुलाया भी पर किसी ने कोई एक पंक्ति की खबर नहीं लिखी।
कर्मचारी और प्रबंधन के बीच टहराहट बहुत मामूली मांगों को लेकर है।
कर्मचारियों की मांग है कि उनकी शिफ्ट 8 घंटे की जाए जो कि अभी 12 से 13
घंटे की है। साथ ही कर्मचारी चाहते हैं कि डीए, ट्रांसपोर्ट अलाउंस दिया
जाए।
कर्मचारियों का कहना है कि इस मांग को पूरा करने के लिए कर्मचारियों ने एक यूनियन बनाने की कोशिश की। मगर एलजी प्रबंधन ने रजिस्ट्रार को पैसा खिलाकर उनकी यूनियन का रजिट्रेशन रद्द कर दिया।
प्रबंधन यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द कराने के बाद जो 11 लोग यूनियन के अगुआ थे उनका ट्रांसफर नोएडा से हैदराबाद, जम्मू, मध्यप्रदेश आदि जगहों पर कर दिया। ऐसे में अब कर्मचारियों की पहली मांग है कि पहले उनके नेताओं का ट्रांसफर रद्द हो और फिर उनकी सभी मांगों पर प्रबंधन वार्ता करे और निकाले।
पर प्रबंधन इस पर कान देने को तैयार नहीं। उसे लगता है कि वह विज्ञापन देकर मीडिया को खरीद चुका है। मगर क्या हम आप तो नहीं बिके हैं, इसे आप अपनी खबर बनाईए और कर्मचारियों की आवाज बनिए, उनके आंदोलन का समर्थन कीजिए।
कर्मचारियों का कहना है कि इस मांग को पूरा करने के लिए कर्मचारियों ने एक यूनियन बनाने की कोशिश की। मगर एलजी प्रबंधन ने रजिस्ट्रार को पैसा खिलाकर उनकी यूनियन का रजिट्रेशन रद्द कर दिया।
प्रबंधन यूनियन का रजिस्ट्रेशन रद्द कराने के बाद जो 11 लोग यूनियन के अगुआ थे उनका ट्रांसफर नोएडा से हैदराबाद, जम्मू, मध्यप्रदेश आदि जगहों पर कर दिया। ऐसे में अब कर्मचारियों की पहली मांग है कि पहले उनके नेताओं का ट्रांसफर रद्द हो और फिर उनकी सभी मांगों पर प्रबंधन वार्ता करे और निकाले।
पर प्रबंधन इस पर कान देने को तैयार नहीं। उसे लगता है कि वह विज्ञापन देकर मीडिया को खरीद चुका है। मगर क्या हम आप तो नहीं बिके हैं, इसे आप अपनी खबर बनाईए और कर्मचारियों की आवाज बनिए, उनके आंदोलन का समर्थन कीजिए।
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