जनज्वार.युवा और जनपक्षधर पत्रकार राहुल पंडिता की 'हेल्लो बस्तर: दी अनटोल्ड स्टोरी ऑफ़ इंडियाज़ माओईस्ट मूवमेंट' माओवादी आन्दोलन के अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालने वाली महत्वपूर्ण किताब है. इस आन्दोलन के नेतृव से सीधे संपर्क कर राहुल जानने का प्रयास करते हैं कि कैसे क्रांति में विश्वास रखने वाले चंद लोग 1980 में मध्य भारत के बस्तर क्षेत्र में प्रवेश करते हैं और एक शक्तिशाली आन्दोलन खड़ा करते हैं, जिसे आज भारत सरकार आतंरिक सुरक्षा का सबसे बड़ा खतरा मानती है.
यह किताब उन कारणों को तलाशती है जिसकी वजह से आज यह आन्दोलन भारत के 10 राज्यों में गरीब और हाशिए पर खड़े लोगों की ओर से भारतीय सुरक्षा तंत्र पर प्राणघाती हमले कर रहा है. यह लाल क्षेत्र में रहने वाले माओवादी छापामारों और आदिवासी जनता के जीवन पर अभूतपूर्व ढंग से प्रकाश भी डालती है.
जमीनी स्तर पर रिपोर्ट और माओवादी पार्टी के महासचिव गणपति और पोलित ब्यूरो सदस्य कोबाद गाँधी सहित अनेक माओवादी नेताओं से लंबी बातचीत पर आधारित यह पुस्तक, प्रत्यक्ष अनुभव और साहस का उल्लेखनीय उदाहरण है.
इस पुस्तक का दो शब्द (afterword) दिल्ली के तिहार जेल में बंद माओवादी नेता कोबाद गाँधी ने लिखा है. यह किताब आप पाठकों के लिए जुलाई के प्रथम सप्ताह से दुकानों पर उपलब्ध होगी.
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