विदेशों में काला धन जमा करने वालों में बड़े उद्योगपति ही नहीं,कई शीर्ष नेता भी हैं। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री विलासराव देशमुख और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल उन नेताओं में शामिल हैं...
विदेशों में जमा काले धन को स्वदेश वापस लाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ रामलीला मैदान में आयोजित रैली में पूर्व आयकर आयुक्त विश्वबंधु गुप्ता ने कहा कि ‘गृह मंत्री पी.चिदंबरम विदेशी बैंक में ‘दाऊद’ कंपनी के करीबी हसन अली द्वारा एक लाख करोड़ रुपए जमा कराने के मुद्दे पर कार्रवाई करने वाले थे। लेकिन वे इसलिए चुप हो गए क्योंकि उनकी पार्टी के दो लोगों के नाम काला धन जमा करने वालों की सूची में उजागर हो गए।’
भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान के मुखिया बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार की पांच वजहें बतायीं. पहला 90फीसदी बड़े नोट छापे जा रहे हैं, दूसरा एक लाख से ज्यादा लोग अवैध खनन कर रहे हैं, तीसरा विकास योजनाओं के धन में बड़े पैमाने पर हो रही है चोरी, चौथा संवैधानिक पदों पर बैठे लोग रिश्वतखोरी को बढ़ावा दे रहे हैं और टैक्स की चोरी के लिए लोग विदेशों में धन जमा कर रहे हैं।
स्वामी दयानंद सरस्वती के जन्मदिवस और शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस के अवसर पर योग गुरू स्वामी रामदेव के भारत स्वाभिमान ट्रस्ट द्वारा यह रैली आयोजित की गई थी। भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाएंगे रामदेव रैली में बाबा रामदेव ने घोषणा की कि वह लोगों को योग सिखाने के अलावा देश से भ्रष्टाचार को खत्म करने का भी अभियान चलाएंगे। उन्होंने कहा कि नेताओं को भ्रष्टाचार से मुक्त करने के लिए अनुलोम-विलोम जैसे योग सिखाना
होगा।
भ्रष्टाचार रोकने के पांच उपाय
कठोर कानून बनाया जाए व बड़े नोटों को वापस लिया जाए।
यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन अगेंस्ट करप्शन संधि (2006 से लंबित) का अनुमोदन हो।मॉरिशस रूट को बंद किया जाए।
काला धन जमा करने वाले विदेशी बैंकों पर प्रतिबंध लगे।
फॉरेन एकाउंट पॉलिसी की तुरंत घोषणा की जाए।
रैली में समाज सुधारक अन्ना हजारे, वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी, राजनेतासुब्रमण्यम स्वामी, चिंतक गोविंदाचार्य, पूर्व आईपीएस किरन बेदी, आरटीआई कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल, ऑल इंडिया उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना मकसूद हसन कासमी,स्वामी अग्निवेश जैसी हस्तियां उपस्थित थीं। वक्ताओं ने भ्रष्टाचार और कालेधन की समस्या के पांच कारण और इन्हें दूर करने के पांच सुझाव भी बताए।
रैली के बाद एक ज्ञापन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील को सौंपा गया। इसमें भ्रष्टाचार से मुकाबले के लिए कठोर कानून बनाने की मांग की गई। ट्रस्ट के एक सदस्य के मुताबिक ज्ञापन में 30 लाख लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं।
जय बाबा रामदेव. अब देस तुम्हारे ही भरोसे.
ReplyDeleteसत्ता का रंग चढ़ने में देर नहीं लगेगा बाबा जी. जनता ने आजादी के साठ वर्षों में बहुत रंग देखे हैं, अबकि आपका भी देखेंगे.
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