घरों के आसपास, राह चलते, लोगों से मिलते या काम पर जाते कहीं नहीं दिखती हैं तितलियां। कोई कहता है हमने बपचन में देखी थीं, किसी को हनीमून यात्रा में मिली थीं, ट्रेन से गुजरते वक्त कैमरे में कैद हुई थीं और जो बची हैं वह महानगरों की इंसानी भीड़ में कहीं गुम हो गयी हैं. महानगरीय प्राकृतिक छटा को बचाने में हर वर्ष करोड़ों खरच रही सरकार अगले कुछ वर्षों में तितलियों को भी बचा पाने में असमर्थ हो, उससे पहले देखें दिल्ली में तितलियां।
मन मोहने वाली इस खूबसूरती को अपने कैमरे में कैद किया है फोटोग्राफर आरबी यादव ने...
vahhhhhhhhhh.aur kya kahun, sach men bachpan kee yaad aa ho aayi mujhe.
ReplyDeletedilli men titliyan bhi hain, yah pahli baar suna aur aapke yahan dekha. kahin kisi dehat se to nahin kheench laye yadav ji. bahut khoobsurat hain, maine to ise apne desktop par laga liya hai.
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