Oct 22, 2010

AZADI: THE ONLY WAY

दिल्ली के मंडी हाउस स्थित एलटीजी सभागार में कल कमिटी फॉर द  रिलीज़  ऑफ़ पोलिटिकल   प्रिजनर्स  की ओर से आयोजित सम्मलेन 'AZADI: THE ONLY WAY' में लगातार सरगर्मी बनी रही. जम्मू-कश्मीर की जनता को  आत्मनिर्णय  का अधिकार मिले, के समर्थकों और विरोधियों के बीच सपन्न हुए सम्मलेन में ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी ही नायक थे. अपने नायक को सुनने को बेताब  देश के विभिन्न हिस्सों से आये युवा, खासकर कश्मीर से ताल्लुक रखने वालों  के लिए  गिलानी का संबोधन सुनिए...






8 comments:

  1. ridiculous? why you want free from india, plz tell how can gillanisism sustain a state.

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  2. आज़ादी के नाम पर भी गिलानी जैसे कट्टरपंथी का समर्थन कतई नहीं किया जा सकता। वह भी जनता और समाजवाद के दुश्मन हैं…

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  3. "अशोक जी के विचारों से मैं भी सहमत हूँ. गिलानी घृणा और कट्टरता के प्रतीक हैं."

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  4. Ramnath prasad, bhuFriday, October 22, 2010

    Gilani ki mango ka samrthan nahin kya ja sakta, akhir vah kaisa desh banana chahte hain. vampanthiyon ko is par vichar karna chahiye. navachari vampanthi yani maovadiyon ne inke samrthan men band ka aayojan kiya tha, inke netritva ko is par vichar karna chahiye.

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  5. ashok ji aapko kaise lagta hai ki geelani kattarpanthi hain. haan vah dharmik jarur hai. bharat ki azadi ki ladaai men aap tilak aur khudiram bos ko kaise dekhte hain?

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  6. रेयाज उल हकSaturday, October 23, 2010

    अशोक जी, किसी राष्ट्रीयता के आंदोलन को क्या हम समझाएंगे कि उसका नेतृत्व कैसा हो. यह उस जनता पर नहीं छोड़ देना चाहिए।

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  7. अगर कोई कौम आजाद रहना चाहती है या हमारे देश से आजाद होना चाहती है तो इसमें दिक्कत क्या है. वैसे भी वह लोग जबसे हमारे देश में हैं कभी अपने को भारतवासी नहीं मान सके. भाई कोई बताये कि पिछले चार महीनों में फौजों के हाथों अगर १११ आम कश्मीरी मारे गए हैं तो कितने सैनिक मारे गए हैं. अगर नहीं मारे गए तो हमें भी और उन्हें भी ख़तरा किससे है.

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  8. give kashmiris right to self determination, nor than else nor than extra.

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