भारत सरकार ने बताए तथ्यगत आंकड़े जानिये आप भी, क्या है सच
अगर आप सोचते हैं कि भारत में हिंदुओं का बहुतायत शाकाहारी है तो आप गफलत में हैं। और आपका यह सोचना तो बिलकुल ही निराधार है कि हिन्दू धार्मिक कारणों से मांस-मच्छी नहीं खाते और खाने वालों से नफरत करते हैं।
जी हाँ, भारत सरकार के रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया के नवीनतम उपलब्ध 'यूनियन गवर्नमेंट सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम बेसलाइन सर्वे 2014 ' के मुताबिक भारत की 71 % जनता मांसाहारी है।
भारत सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़ों से साफ है कि मांसाहार का निषेध देश की जनता की मांग नहीं है बल्कि कुछ पार्टियों का देश को इस आधार पर बांटने का एजेंडा है. वही बस इसको लेकर फर्जी दावेदारियां करती रहती हैं और देश की जनता को बिना मतलब के मसलों पर उलझाए रखती हैं.
भारत सरकार द्वारा जारी किये गए आंकड़ों से साफ है कि मांसाहार का निषेध देश की जनता की मांग नहीं है बल्कि कुछ पार्टियों का देश को इस आधार पर बांटने का एजेंडा है. वही बस इसको लेकर फर्जी दावेदारियां करती रहती हैं और देश की जनता को बिना मतलब के मसलों पर उलझाए रखती हैं.
भारत सरकार के उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार तेलंगाना मांसाहार खाने वालों में 98.8 % के साथ सबसे ऊपर है। इसी कड़ी में पश्चिम बंगाल 98.5 % के साथ दूसरे आंध्रा प्रदेश 98.25 के साथ तीसरे ओडिशा 97.35 चौथे, केरल 97% पांचवे स्थान और बिहार 92 प्रतिशत के साथ छठवें स्थान पर है।
राजस्थान ,हरियाणा और गुजरात सिर्फ ती ऐसे राज्य हैं जहां की आबादी का आधा से अधिक हिस्सा शाकाहारी है।
तो सवाल है कि क्या हिन्दू संस्कृति और धर्म के शाकाहारी होने को लेकर बनाई गई धारणाएं और मत खोखले और निराधार हैं ? क्या इस मनगढंत आंकड़ों और प्रचार के पीछे सांप्रदायिक संगठनों का कोई निहित स्वार्थ है ?
नीचे दिए गए मानचित्र में राज्यवार आंकड़े देखें और स्वयं फैसला करें :
तो सवाल है कि क्या हिन्दू संस्कृति और धर्म के शाकाहारी होने को लेकर बनाई गई धारणाएं और मत खोखले और निराधार हैं ? क्या इस मनगढंत आंकड़ों और प्रचार के पीछे सांप्रदायिक संगठनों का कोई निहित स्वार्थ है ?
नीचे दिए गए मानचित्र में राज्यवार आंकड़े देखें और स्वयं फैसला करें :
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