Apr 20, 2017

पूर्व मंत्री का नाम नकली और डिग्री फर्जी

देश के सबसे बड़े स्वास्थ्य घोटाले 'एनएचआरएम' के आरोपी और बसपा सरकार में हनक वाले मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा, बाबू सिंह कुशवाहा नहीं हैं.

जनज्वार। बाबू सिंह कुशवाहा ने अपना असली नाम छुपाकर स्नातक की डिग्री फर्जी तरीके से ले ली है. स्नातक में दाखिले के लिए उन्होंने 12 वीं तक भी नहीं किया. बिना बारहवीं किये ही फर्जी मार्कशीट बनाते हुए उन्होंने स्नातक में दाखिला और फर्जी डिग्री ली. इसके बाद वह एमएलसी बन गये. इस धोखाधड़ी के चलते विजिलेंस झाँसी ने झाँसी के नवाबाद थाना में बाबू सिंह कुशवाहा उर्फ़ चरण सिंह कुशवाहा के खिलाफ 419, 420, 467, 468 व 471 आईपीसी धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया है.


बाबू सिंह कुशवाहा नई मुश्किल में फंस गये हैं. विजिलेंस ने जांच में पाया है कि बाबू सिंह कुशवाहा का असली नाम ही बाबू सिंह कुशवाहा नहीं है. उनके माँ-बाप ने उनका नाम चरण सिंह कुशवाहा रखा था. ये नाम प्राथमिक शिक्षा तक चलता रहा, लेकिन 12 वीं में नाम बदल गया.

बाबू सिंह कुशवाहा ने 12वीं किये बिना ही 12 वीं की फर्जी मार्कशीट बनवा ली. फर्जी मार्कशीट में उन्होंने अपना नाम चरण सिंह न लिखवाकर बाबू सिंह कुशवाहा कर लिया, ताकि पहचान न हो सके. इसके बाद उन्होंने झाँसी के बुंदेलखंड महाविद्यालय में इस फर्जी मार्कशीट के आधार पर स्नातक में दाखिला लिया. बीए ग्रेजुएशन में उन्होंने फर्स्ट व सेकंड ईयर में सब्जेक्ट भी अलग अलग रखे. उन्होंने फर्जी तरीके से ग्रेजुएशन की डिग्री लेने के एमएलसी चुनाव लड़ा और एम्एलसी बन गये.

गौरतलब है कि बाबू सिंह कुशवाहा घोटाले में फंसने के बाद उनके बुरे दिन शुरू हुए. करीब चार साल बाद जेल में रहने के बाद वह 2016 में जेल से जमानत पर रिहा हुए. कुछ दिनों पहले ही बेटी की शादी में शामिल होने के लिए उनकी जमानत की मांग को खारिज कर दिया गया था.

बाबू सिंह कुशवाहा 15 मार्च से डासना जेल में बंद हैं. बताया जा रहा है कि उनकी बेटी की शादी लखनऊ में 29 अप्रैल को होनी है, लेकिन उन्हें अब तक जमानत नहीं मिली है. उन्होंने 6 मई तक की जमानत मांगी है.

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