बिजली व्यवस्था के नाम पर पाकिस्तान चीन से महंगे दाम पर बिजली खरीदेगा। साथ ही यहां के स्थानीय उद्योगों को तबाह कर देगा...
प्रदीप श्रीवास्तव
जनज्वार। पाकिस्तान के गिलगिट क्षेत्र में 46 सौ करोड़ रुपए की लागत से चाइना पाक इकोनाॅमिक काॅरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। निर्माण कार्य 2018 तक में पूरा हो जाएगा। इससे चीन पाक के पश्चिमी हिस्से के बंदरगाह ग्वादर से जुड़ जाएगा। माना जा रहा है कि इससे पाक का तेजी से विकास होगा। लेकिन, इसके निर्माण को लेकर विरोध तेज हो गया है। स्थानीय निवासी अपने व्यापार व संस्कृति के तबाह होने के खतरे से डरे हुए हैं।
पाकिस्तान के बंदरगार से जोड़ने के लिए चीन 3,218 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कर रहा हैं। इसे नया सिल्क रूट भी माना जा रहा है। इस सड़क से झिंगजियांग पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जुड़ जाएगा। पूरा कवायद इसलिए की जा रही है कि वर्तमान में चीन को तेल पाने के लिए 16,000 किलोमीटर लंबा सफर तय करना पड़ता हैं, जिसमें खर्च के साथ ही समय बहुत लगता है।
कई बार तीन माह से ज्यादा समय बाद तेल देश में पहुंचता है। जबकि नए रास्ते से यह दूरी पांच हजार से भी कम हो जाएगी। इसमें समय व खर्च की बहुत बचत होगी। तेल सहित दूसरे माल की लागत भी बहुत कम हो जाएगी। इसके लिए दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में 21 प्रकार के समझौते हुए हैं।
चीन सीधे इस्लामाबाद के रास्ते कतर, दुबई और अबुधाबी से जुड़ जाएगा। एशियन डेवलपमेंट बैंक के अनुसार नए रूट देश में उद्योगों व व्यापार का तेजी से विकास होगा। लेकिन द डाॅन में छपी दनार्थपोल डाटा काॅम की रिपोर्ट के अनुसार इससे पूरा क्षेत्र उजड़ जाएगा। सबसे ज्यादा नुकसान यहां के स्थानीय निवासियों को होगा। इस रोड पर बिजली की व्यवस्था के नाम पर पाकिस्तान चीन से महंगे दाम पर बिजली खरीदेगा। साथ ही यहां के स्थानीय उद्योगों को तबाह कर देगा।
सांस्कृतिक परिवेश भी चीन के आवाजाही के कारण समाप्त हो जाएंगे। 73 हजार वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में लोगों को विस्थापित किया जाएगा। पाक की आर्थिक हालात ऐसी है कि विस्थापित लोगों को बसाने की कोई योजना नहीं बनाई गई है।
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