करीब पंद्रह दिन पहले की बात है। एक
स्कूल होता है। उसमें लड़का—लड़की दोनों पढ़ते हैं। जैसा कि पढ़ाई के दौरान
कई बार होता है, वो यहां भी होता है। 16—17 साल के एक ही गांव के एक जोड़े
में मोहब्बत हो जाती है। पर मोहब्बत भी इतनी आसान चीज कहां। निगोड़ी हर
बार जाति—धर्म के साथ आती है, सो इस बार भी आई है।
लौंडिया हिंदू है और
लौंडा मुसलमान। प्रेम परवान चढ़ता है। दुनिया खूबसूरत लगने लगती है। जोड़े
एक बार इस दुनिया को जिंदगी में घुली खूबसूरती के साथ निहारते हैं।
वह खूबसूरती की खुशी को सबमें बांटना चाहते हैं। वे अपनों से चहक—चहक के
'जिंदगी में पहली बार हुआ है' कहना चाहते हैं। पर कहां ये खाम ख्याली। उनकी
आंखें सूख जाती हैंं। हृदय कहता है यहां अब और नहीं, कहीं और चलो। वे
प्लान बनाते हैं।
लौंडे के पास थोड़ा पैसा है, कुछ घर से दाएं—बाएं करता
है। एक बाइक जुगाड़ता है और निकल पड़ते हैं दोनों कि जहां तक आसमां चले। पर
बाइक और पेट से दिल का क्या। यह तो रोकड़े से चलता है और रोकड़े की नियती
खत्म होने की है। सो खत्म हो जाता है और जोड़ा अपने घर लौट आता है।
अब कहानी रोकड़ा खत्म होने के बाद की
जोड़ा शादी कर चुका है। लड़की ससुराल जाती है। मायके वालों को पता चल जाता है। बेटी को वह घसीट लाते हैं। थोड़े दिन सब चुप रहते हैं। फिर बेटी की शादी अपनी जाति में कहीं और कर दी जाती है। लड़की थोड़े दिन नए पति के साथ रहती है। फिर एक दिन वह लौटकर मायके आती है। देर रात में वह अकेले मायके से निकल पड़ती है। अपने प्रेमी के घर जाती है। लड़का मिलता है। वह अपने कमरे में होता है। शायद लड़की के इंतजार में। लड़की उसके कमरे में जाती है और थोड़ी देर बाद कमरे से धुआं उठता है। मोहल्ले को पता चलता है। लोग जुटते हैं। दरवाजा टूटता है। दो लाशें गिरती हैं।
आखिरी बयान
विक्षिप्त सा हो रहा लड़के का पिता कहता है, 'उस पानी में ही क्यों उतरना जिसको पार करना न आता हो।'
पहेली में जो सुलझाना है
आपको गुनहगार बताना है। ध्यान रहे जब आप गुनहगार चिन्हित कर लें तो यह पहेली आप औरों को सुनाएं और उनसे कहें वह किसी और को सुनाएं। बहुत जरूरी पहेली है सर। हल्के में मत लेना। हल्के में लेंगे तो फिर एक बार पुलिस इसे आत्महत्या का सीधा मामला और समाज 'जैसी करनी वैसी भरनी' की परिपाटी बताकर आपको चलता कर देगा।
जोड़ा शादी कर चुका है। लड़की ससुराल जाती है। मायके वालों को पता चल जाता है। बेटी को वह घसीट लाते हैं। थोड़े दिन सब चुप रहते हैं। फिर बेटी की शादी अपनी जाति में कहीं और कर दी जाती है। लड़की थोड़े दिन नए पति के साथ रहती है। फिर एक दिन वह लौटकर मायके आती है। देर रात में वह अकेले मायके से निकल पड़ती है। अपने प्रेमी के घर जाती है। लड़का मिलता है। वह अपने कमरे में होता है। शायद लड़की के इंतजार में। लड़की उसके कमरे में जाती है और थोड़ी देर बाद कमरे से धुआं उठता है। मोहल्ले को पता चलता है। लोग जुटते हैं। दरवाजा टूटता है। दो लाशें गिरती हैं।
आखिरी बयान
विक्षिप्त सा हो रहा लड़के का पिता कहता है, 'उस पानी में ही क्यों उतरना जिसको पार करना न आता हो।'
पहेली में जो सुलझाना है
आपको गुनहगार बताना है। ध्यान रहे जब आप गुनहगार चिन्हित कर लें तो यह पहेली आप औरों को सुनाएं और उनसे कहें वह किसी और को सुनाएं। बहुत जरूरी पहेली है सर। हल्के में मत लेना। हल्के में लेंगे तो फिर एक बार पुलिस इसे आत्महत्या का सीधा मामला और समाज 'जैसी करनी वैसी भरनी' की परिपाटी बताकर आपको चलता कर देगा।