Jul 11, 2011

अधिग्रहण पर सरकार की नियत में खोट


आगरा के चाहरवाटी इंटर कालेज में आज आयाजित एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर सरकार की नियत साफ नहीं है।

सरकार नहीं चाहती कि किसान की जमीन की लूट बंद हो। 2007में राष्ट्रीय लोकदल भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर संसद में एक बिल पेश करना चाहता था किन्तु इस सरकार ने कहा कि ममता बनर्जी इस बिल का विरोध कर रही हैं,इसलिए बिल पारित करने में कठिनाई हो रही है। इस मुद्दे पर जब ममता बनर्जी से बात की तो यह सच्चाई सामने आई कि वह तो भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर इससे भी कड़ा बिल चाहती हैं।

साफ़ है कि सरकार ही इस दिशा में निर्णय लेने से कतरा रही है। यदि सरकार ईमानदार होती तो भूमि अधिग्रहण के मुद्दे पर किसानों के हितों की रक्षा करने वाला रालोद द्वारा प्रस्तुत बिल 2007 में पारित हो चुका होता। आज किसान,जो लाठी-गोली का शिकार हो रहे हैं तथा जेलों में बन्द किये जा रहे हैं,उनके साथ यह अन्याय नहीं होता। रालोद के महासचिव एवं सांसद जयंत चौधरी ने इस अवसर पर जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह सरकार महंगाई को रोकने में एकदम नाकाम रही है। आम आदमी का जीना दूभर हो गया है। एक ओर टनों सरकारी अनाज खुले में पड़ा सड़ रहा है, तो दूसरी ओर लोग दो जून रोटी के लिए तरस रहे हैं।

उन्होंने कहा कि एक ओर तो देश का किसान महंगाई से त्रस्त है, तो दूसरी ओर उसे खाद, बीज और समय पर बिजली उपलब्ध नहीं हो पाती। खाद और बीज की खुलेआम कालाबाजारी होती है। उत्तर प्रदेश की बसपा सरकार पर प्रहार करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की हालत यह है कि जेल के अन्दर डिप्टी सीएमओ की हत्या हो जाती है और किसी को पता भी नहीं चलता। लड़कियों के साथ पुलिस थानों में बलात्कार होता है,राज्य सरकार कुछ नहीं कर पाती। अपराधी खुलेआम घूमते हैं।

जयंत चौधरी ने कहा कि भ्रष्टाचार की हालत यह है कि सरकारी दफ्तरों को छोड़िये,खुद मुख्यमंत्री के यहां बिना पैसा दिये कोई काम नहीं होता। जनसभा में आसपास के इलाके के लगभग 50हजार लोग इकट्ठा हुए। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव सिंह,पश्चिमी उत्तर प्रदेश रालोद के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद मुंशीराम, रालोद की जिलाध्यक्ष श्रीमती कुसुम चाहर, विधायक डा0 अनिल चौधरी एवं पूरन प्रकाश, कप्तान सिंह चाहर व तेजपाल सिंह आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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