उत्तर प्रदेश में सुशासन की यह ताज़ी तस्वीरें हैं.बाल सुधार गृह के नाम से ख्यात इन जेलों में बिगड़ गए बच्चों को सुधारने के लिए भेजा जाता है. सुधार के इस तरीके को देख समझा जा सकता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश का यह जिला अपराध में अव्वल क्यों रहता होगा...
संजीव कुमार
मुज़फ्फरनगर की बच्चा जेल ( बाल सम्प्रेक्षण गृह ) ३ अप्रैल को जंग का मैदान बन गई. बाल बंदियों ने यातनाओं से तंग आकर जेलर की जमकर पिटाई कर दी जिसमे जेलर का सर फट गया और कई गंभीर चोटे आई है. वहीँ बाल बंदियों के शारीर पर यातनाओं के नीशान मौजूद हैं और जेलर के कार्यालय से शराब की खाली बोतले मिली हैं.
बाल बंदियों का आरोप है की जेलर शराब पीकर यातनाएं देता है और उनको भी जबरन शराब पिलाई जाती है. मुज़फ्फरनगर बच्चा जेल की इन तस्वीरों को जिसमें एक तरफ बच्चा जेल के घायल जेलर ओमपाल सिंह है ओर दूसरी ओर बाल बंदी है जो अपने शरीर पर इन यातनाओं के निशानों को दिखा रहे हैं.
इन बाल बंदियों में एक बाल बंदी तपो ऐसा है जिसके पेट पर एक गहरा घाव है जिससे मवाद बह रहा है और जल्द ही इसका इलाज ना कराया गया तो इस बच्चे की जान जा सकती है.दरअसल आज बच्चा जेल उस समय जंग का मैदान बन गई जब जेलर बच्चा जेल में पहुंचे. बाल बंदियों ओर जेलर के बीच जमकर मार पीट हुई जिसमे जेलर का सर फट गया.
बाल बंदियों की अगर माने तो उनका कहना है की यहाँ पर इनको रोज जेलर साहब शराब पीकर यातनाये देते हैं और इनको भी जबरन शराब पिलाई जाती है.गौरतलब है कि जेलर के कार्यालय से शराब की खाली बोतले भी मिली हैं.
बाल बंदियों का ये भी आरोप है की बच्चा जेल में इनको ना तो समय पर खाना दिया जाता है और जो खाना दिया जाता है वो थर्ड क्वालिटी का होता है जिसमे कई बार कीड़े भी मिले है जो इनको जबरन खाने के लिए दबाव दिया जाता है वही मारपीट के इस मामले में जेलर साहब कोई ठोस तर्क नहीं दे सके है
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