सत्यव्रत महोदय ने छि:थू धिक्कार के शीर्षक से कवि लीलाधर जगूडी को खरी-खोटी सुनाते हुए मुझ पर भी सरे-राहे दो-चार छींटे उछाल दिये थे.इसलिये यह सोच कर चुप रहा कि यह तो आप लोगों का,वाम तरीका है.लेकिन जब मीनाक्षी जी का पत्र पढ़ा तो लगा कि कुछ बातें कहनी ज़रूरी हो गयी हैं.
संदेशा शशिप्रकाश का वे कम्युनिस्ट नहीं "मउगा"हैं, कात्यायिनी ने भिजवाया जवाब, विरोधियों को कहा 'हिज़डा'और छिछोरों की मुंशीगीरी में साहित्यकार लगे हैं के जवाब में साहित्यकार नीलाभ की एक संक्षिप्त टिप्पणी
प्रिय जय सिंह जी,
कई दिन पहले मेरे ई मेल पर आपका पत्र आया था जिसमें आपने मेरी निन्दा और लानत-मलामत करने के साथ-साथ अन्य बहुत से लोगों को काफ़ी जली-कटी सुनायी थी.मैं ने जवाब न देने की सोची थी.इसलिये नहीं कि मैं लाजवाब हो गया, बल्कि इसलिये कि मैं नहीं आप के कुछ पुराने साथी जवाब के तलबगार थे.
दूसरी बात यह कि पहले भी किन्हीं सत्यव्रत महोदय ने छि:थू धिक्कार के शीर्षक से लीलाधर जगूडी को खरी-खोटी सुनाते हुए मुझ पर भी सरे-राहे दो-चार छींटे उछाल दिये थे.इसलिये यह सोच कर चुप रहा कि यह तो आप लोगों का,वाम तरीका है.लेकिन जब मीनाक्षी जी का पत्र पढ़ा तो लगा कि कुछ बातें कहनी ज़रूरी हो गयी हैं.
आपने मेरे नाम अपने पत्र में उन लोगों को "हिजड़ा" और "मऊगा" कहा है जिनका साथ मैं दे रहा हूं. मीनाक्षी जी ने कुछ साथियों पर समलैंगिकता क आरोप लगाया है.
हमारे यहां मऊगा उस मर्द को कहतें हैं जो स्त्रियों जैसा व्यवहार करे.यह शब्द बड़ी हिकारत से इस्तेमाल होता है और एक सामन्ती दिमाग़ का परिचायक है जो मर्दानगी को पुरुष-प्रधान नज़रिये से देखता है और हार्मोन सम्बन्धी गड़्बड़ियों से नावाकिफ़ है.
रही बात हिजड़ों की तो इसे गाली की तरह इस्तेमाल करके आपने अपनी विकृत मानसिकता का ही परिचय दिया है.क्या आपके "वैज्ञानिक"संगठन ने आपमें यही समझ पैदा की है ?क्या कम्यूनिज़्म आने पर आपका संगठन हिजड़ों पर पाबन्दी लगा देगा या वे पैदा ही नहीं होंगे ?
रही बात समलैंगिकता की तो अब उसके पीछे भी वैज्ञानिकों ने प्राकृतिक कारणों की शिनाख्त की है.इसलिए यौन व्यवहार को दकियानूसी ढंग से नहीं बल्कि वैज्ञानिक नज़रिये से देखने की ज़रूरत है.वरना आप हर मतभेद को गालियों से ही नवाज़ते रहेंगे और अपने आलोचकों के सवालों को गालियां दे कर या प्रत्यारोप लगा कर उनसे कतराते रहेंगे.
मुझे लगता है कि आपके संगठन में एक सामन्ती अवशेष अब भी बचा हुआ है जो आपकी गालियों से भी उजागर होता है और आपके और मीनाक्षी जी के यौन सम्बन्धी नज़रिये से भी.यौन शुचिता का यह यह नज़रिया वैज्ञानिक होने की बजाय सनातन धर्मियों जैसा है और आर एस एस जैसे संगठनों को ही फबता है.
मेरा मानना है कि यौन सम्बन्ध दो व्यकियों की रज़ामन्दी का मामला है.जहां रज़ामन्दी न हो वहां यौन सम्बन्ध बलात्कार की कोटि में आता है.यही नहीं बल्कि अगर कहीं विकृति नज़र आये तो उस पर हिकारत से थू-थू करने की बजाय उसे समझदारी से हल करने की ज़रूरत है.हम वैसे ही एक रुग्ण और हिंसक समाज में रह रहे हैं उसे और रुग्ण और हिंसक मत बनाइये और साथियों के सवालों का जवाब दीजिये.
आपका
नीलाभ
जन ज्वार को मेरी शुभकामनाये . मेरी दशकों पुरानी गुत्थी सुलझाने के लिए . मै भी शशि और कात्यायनी के ग्रुप में नारी कम्यून में थी उस समय मै बी ए की पढाई के साथ कार्यकर्त्ता के रूप में कम कर रही थी 10-12 लड़कियो के इस कम्यून का माहौल हमेशा संशय भरा रहता था और आलोचना के नाम पर सभी की कमजोरियां निकाल कर कुंठित किया जाता था जैसे उस लड़के से तुम क्या बात कर रही थी वहां सभा में लोग तुम्हे ही क्यों देख रहे थे आदि आदि पूरा महल घुटन भरा बना दिया जाता था इसी तरह की आलोचना सतत चलती थी मै सोचती थी की मेरे में ही कमी होगी लेकिन अब आपके ब्लॉग पर पूरा पढने के बाद मेरी गुत्थी सुलझ गई है विशेष कर मिनाक्षी का लेख पढने के बाद हम यह तेवर और तंतनाहत कब पैदा होती है खूब जानते है.
ReplyDeleteजन ज्वार के अजय जी अभी तक आपने अडिग होकर प्रतिरोध किया है आगे भी जारि रखियेगा क्योकि सत्य और जन आपके साथ है
रही बात बुद्धिजीवियों व साहित्यकारों की तो वे जैसे भी है हमारे अपने है आन्दोलन के है उनकी समस्या हमारे आन्दोलन की समस्या है उनकी व्यक्तिगत नहीं. मेरा जनज्वार की इस जन पक्षधरता को हमेशा समर्थन रहेगा
shashi prakash aur katyayini ke party pravakta jai singh ke blog par pasandida pushtakon ke suchi men samkaleen lekhakon ko khoj kar dekhen
ReplyDeleteFavorite Books
गोर्कीहावर्ड फास्टप्रेमचंदमुक्तिबोधशशिप्रकाशटॉल्स्टायमार्क्स-एंगेल्सलेनिनगोगोलपुश्किनलर्मन्तोवदेनी दिदेरोबाल्जाकमोपासांमार्क ट्वेनडिकेन्सहेमिंग्वेओ हेनरीलु शुनटैगोरपरसाईमंटोफैज़कात्यायनीऔर अन्य जनपक्षधर लेखकों की कृतियॉं
samkaleen lekhkon men katyayini aur shashiprakash ke alava koi nahin dikha. inki nigah men sab...leed
नीलाभ जी ने बिल्कुल संयत तरीके से अपनी बात रखी है। मीनाक्षी और जय सिंह के नाम से लिखे पत्रों में शशि गिरोह की क्रांतिकारिता और स्पष्ट हुई है।
ReplyDeleteपुष्पम…आपके पिताजी से मेरे बड़े मधुर संबंध थे। आपकी पीड़ा मैं बख़ूबी समझ सकता हूं। इससे पूरी तरह मुक्त हो आप सही राह पर चलिये…मेरी शुभकामनायें आपके साथ हैं।
सेंट्रल कमिटी मेम्बर सत्यम वर्मा का बायोडाटा देखिये कि उन्हें पार्टी यूएनआई से नौकरी छुडवाकर कौन सी क्रांति करवा रही है. चलिए अगर यही क्रांति है तो कुछ और लोगों को अच्छे अनुवाद की जरूरत पड़ेगी. वह खुले दिल और अच्छी क्षमता से वर्ल्ड बैंक से लेकर क्रांति तक के अनुवाद करते रहते हैं, बाकि क्षमताएं आप खुद ही परख लें...बस सवाल इतना है कि पार्टी का कौन सा केंद्रीय समिति सदस्य मजदूरों, किसानों और झुग्गियों में जाता है...
ReplyDeleteSatyam Varma
Freelance Translator, English-Hindi
Native language: Hindi
I am working as a professional translator since 1991. I have translated more than 10 million words in areas as diverse as Literature, IT, Medical, Legal Documents, Patents, Business and Journalism.
Working with major national and international agencies and direct clients including The World Bank, Unicef, Mapi Research Institute, Indian Institute of Technology, Lionbridge, Transperfect, Crimson Languages, The Big Word, Sajan, Aquent, Acclaro, Aset International Services, Comms_multilingual, CompuMark, Lexxicorp, International Language Bank, Edge Translations, Ultra Translate, ATT, Lyric Labs, Crystal Hues, Cosmic Global and several others.
Creatively translated and edited numerous posters, brochures, booklets, advertisements and other publicity materials for several organizations and ad-agencies.
Co-Editor of Translation Project of World Classics brought out by premier Hindi publisher Rajkamal Prakashan Pvt. Ltd., New Delhi.
Translated books:
Some Completed Projects
Medical
1. Patient interviews, consent documents, vignettes for trial of a schizophrenia drug. (145,000 words.)
2. Rating scales, instructions and worksheets for Department of Psychiatry & Behavioral Sciences, University of Washington. (6,700 words.)
3. Patient information sheet and informed consent form for clinical trial of a lung cancer drug. (7,200 words.)
4. Operations manual for a Kala-Azar treatment access study. (12,000 words.)
5. Linguistic validation (2 forward translations + 1 back-translation + cognitive debriefing) of questionnaires and instructions regarding epilepsy for a French research institute. (3,400 words.)
Finance and Marketing
1. Annual Report of the World Bank, 2005-06. (26,500 words.)
2. Financial Reports of Oil and Natural Gas Corporation, India, 2004-06. (55,000 words.)
3. Marketing manual for sales agents of an insurance company. (17,500 words.)
4. Publicity materials of a direct sales company. (18,000 words.)
5. Textbook on political economy. (2,10,000 words.)
Training Manuals
1. Manual for employees of a property management company. (20,000 words.)
2. Manual for Incidence and Injury Free Orientation of Contractors. (6400 words.)
3. Diamond Best Practice Principles Assurance Programme Manual & Workbook 26,400 words.)
4. Manual for driving training institute, USA. (19,000 words.)
5. Manual for fork lift operators, Dubai. (8,000 words.)
Legal
1. Notice of a Canadian Class Action Lawsuit (10,000 words.)
2. License terms for MICROSOFT iCAFE E-LEARNING PROGRAM (3500 words.)
3. Software License Agreement for PeerMeSetup Installation Suite (3000 words.)
4. Terms and conditions document for Corum eCommerce Pty Ltd (2 000 words)
5. 'Dalits and the Law,' a book published by Human Rights Law Network (415 pages)
I.T.
1. Mobile phone - PC studio user's guide. (17,500 words.)
2. Mobile phone user's manual. (4,600 words.)
3. Part of Google Adwords software localization. (8,800 words)
4. Part of Gmail software localization. (9,400 words)
5. Linux localization. (180,000 words.)
Medical Dictionaries:
Black's Medical Dictionary
Medical Dictionary (Merriam Webster) hosted by NIH
English-Hindi Dictionary of Scientific and Medical terms published by Govt. of India
Websites of NIH, WHO, clinicaltrials.gov, and other online resources.
Black's Law Dictionary
English-Hindi Dictionary of Legal Terms
SEE DETAILS
(Satyam Varma)
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अरे बाप ये तो एनजीओ को गाली देते हैं और इनका नेता वर्ल्ड बैंक का अनुवाद करता है, क्या यही शशि प्रकाश पथ है. धन्य हो प्रभुओं.
ReplyDeleteयार सत्यम तुम तो कहा करते थे कुछ जरूरी सांगठनिक काम कर रहे हो, यही वह काम था...हम तो सोचते थे कि कुछ पसीना बहाते हुए तुम समाज बदल रहे होगे, मगर यहाँ तो सच कुछ और ही है. थोड़ी भी शर्म बची हो तो कोई ढंग का जवाब देना क्योंकि मैं तो वैसे भी तुमलोगों से बहस करने से बचता हूँ, बहुत पैसा मुझसे ऐठे हो.
सत्यम का बायोडाटा इस पुरे किस्से में अब तक की सबसे मजेदार चीज़ है जो निकली
ReplyDeleteकात्यायनी ग्रुप की पोल खुल चुकी है. या लोग एक्सपोज़ हो चुके हैं. माओ की सांस्कृतिक क्रांति में इनके गले में "मैं पतित, भ्रष्ट, व्यक्तिवादी, विश्वासघाती और कैरियरवादी हूँ" कि तख्ती लटका कर जनता के सामने खड़ा किया जाता. जनता को इन्हें चप्पलें मारने की खुली छूट होती.
ReplyDeleteकात्यायनी ग्रुप की पोल खुल चुकी है. या लोग एक्सपोज़ हो चुके हैं. माओ की सांस्कृतिक क्रांति में इनके गले में "मैं पतित, भ्रष्ट, व्यक्तिवादी, विश्वासघाती और कैरियरवादी हूँ" कि तख्ती लटका कर जनता के सामने खड़ा किया जाता. जनता को इन्हें चप्पलें मारने की खुली छूट होती.