मनगढ के कृपालुजी महाराज के आश्रम में मची भगदड़ के बाद 63 जाने गयीं. मरने वालों में ज्यादातर दलित और पिछड़ी जाति के लोग हैं और गरीब घरों से ताल्लुक रखते हैं.वैसे में न्याय कितना हो पायेगा यह लोग अनुभवों से जानते हैं.रही सही कसर प्रसाशन ने कृपालुजी महाराज को इस पुरे मामले में दोषियों की सूची से बाहर कर पूरी कर दी है. हालांकि पहले से कुछ आपराधिक मामलों में बाबा नामज़द रहे हैं,लेकिन इससे उनकी शान में कभी कोई कमी नहीं आयी, जो इस बार भी नहीं आनी है.
हम यहाँ कुछ तस्वीरों को चिपका रहे हैं. उम्मीद है कि ये तस्वीरें हम सबको एहसास कराती रहेंगी कि भक्ति में भीख और भूख का प्रतिशत कितना जबरदस्त है.
सभी फोटो - अजय प्रकाश
पिसती है नमक मिर्च तो चलती है नाड़ी : सावित्री के दो बच्चे और सास इससे बेहतर कि तलाश में भगदड़ में मारे गए
देखें तो चप्पल, समझें तो लाश: इसका भी कोई म्यूजियम बनेगा. भक्तिधाम आश्रम के कार्यकर्ताओं द्वारा पानी का बौछार करने से ४ मार्च को भगदड़ मची थी जिसमें ६३ लोगों कि मौत हो हुई.
रामकृपाल तिवारी उर्फ़ कृपालुजी महाराज की पत्नी पद्मा देवी : सांसारिक राग से कितनी दूर.
इन्ही की याद में भंडारा हुआ था जिसमें भगदड़ मची.
मियां का पुरवा गाँव : इसके पास अब मां नहीं है.
सुबह काम पर जाते वक्त मैंने मां से कहा था मनगढ आश्रम मत जाना, लेकिन नहीं मानी. शाम को आया तो वह रोज की तरह दरवाजे पर इंतज़ार नहीं कर रही थी, कफ़न से ढंकी थी.
मौज में बाबा : कल भी और आज भी
आखिर पीड़ित कहाँ जाएँ, किससे कहें कि गुनहगार मौज में है और हमारा जीवन दोजख में.
गुनहगार भी और सुरक्षा के हकदार भी: लोकतंत्र में यह रिवाज़ बड़ी आम है .
भगदड़ की अगली सुबह के पहले से ही PAC पुलिस बल के चार ट्रक बाबा के आश्रम की सुरक्षा में तैनात हैं.
dharm hai.nice
ReplyDeletegende ke phoolon ko RDX mein tabdeel hona hoga.
ReplyDeleteफोटो के माध्य में बहुत ही मार्मिक चित्रण किया है। पता नहीं कब मिलेंगी उन लोगों को सदबुद्धि, जब वो सही गलत का निर्धारण खुद से कर सकें और इन बाबाओं का बहिष्कार करना शुरू करें।
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