Sep 30, 2016

सही जानकारी का हक केवल अंग्रेजी वालों को ?

अक्सर हिंदी के पत्रकारों और पाठकों को अंग्रेजी के मुकाबले अपने दोयम होने का एहसास सालता रहता है। आज उनके लिए इस गुत्थी को समझने का सुनहरा मौका है। 

करना सिर्फ इतना है कि एक बार वे अपने हिंदी के अखबार देखें, फिर अंग्रेजी के। बात फिर भी न समझ में आए तो उदाहरण के तौर पर दैनिक हिंदुस्तान और हिंदुस्तान टाइम्स अगल—बगल रख के देख लें।

ये दोनों एक ही मालिक के अखबार हैं। पर भाषा, अभिव्यक्ति, पेशगी और तरीके का फर्क देखिएगा। मेरा भरोसा है आपको आज आत्मज्ञान हो के रहेगा और इतनी बात जरूर समझ में आ जाएगी कि अंग्रेजी में मालिक—संपादक खबरें परोसते हैं और हिंदी में हिस्टीरिया, सनकपन। 

तो आप बताइए हिंदी की गरीब, मेहनतकश और बेकारी की मार झेल रही जनता को अखबार का मालिक और संपादक सनकपन क्यों परोसता है, उसको दंगाई क्यों बनाना चाहता है और वह क्यों नहीं चाहता कि जैसी बातें वह अंग्रेजी के लोगों का परोस रहा है वह हिंदी वालों को भी दे। क्या वह सही और संतुलित बातें सिर्फ अंग्रेजी वालों के लिए सुरक्षित रखना चाहता है?

अगर हां तो क्यों? इसका जवाब भी आपको ही ढुंढना है। इस बारे में मैं बस इतना कह सकता हूं कि अंग्रेजी सिर्फ भाषा के रूप में हिंदी की मालिक नहीं है, बल्कि हम जिन दफ्तरों में काम करते है और जो उनके अधिकारी—मालिक हैं, उनकी भी भाषा अंग्रेजी है। यानी मालिक वो हैं जिनकी भाषा अंग्रेजी है, मालिक वो हैं जिनकी जानकारी सही और संतुलित है।

इसलिए दोस्तों हमारी भाषा कमजोर नहीं है और हम इस वजह से दोयम नहीं हैं, बल्कि हमें अपनी भाषा को सही और संतुलित जानकारी देने वाली भाषा बनानी है। हमें तथ्यहीन, पर्वूग्रहित और मनगढ़ंत खबरों की हिंदी पत्रकारिता से बाहर निकलने की तैयारी करनी है, हिंदी से नहीं। यही जिद हमें बराबरी का सम्मान दिलाएगी, अंग्रेजी वालों के राज का अंत करेगी।

Sep 28, 2016

कारगिल शहीद की बेटी का ​वीडियो हुआ वायरल

पाकिस्तान से युद्ध या गोलीबारी में मारे गए शहीदों को लेकर देश में जिस ढंग का माहौल बनाया जा रहा है, उसका जवाब है ​यह ​वीडियो। आप इस वीडियो को एक बार जरूर देखें और महसूस करें कि सही मायने में शहीदों के परिजन आपसे, देश से और मीडिया से क्या चाहते हैं। 4 मिनट 23 सेकेंड का यह वीडियो आपको कुछ नया सोचने पर मजबूर करेगा।


Sep 26, 2016

अब ये लोग करेंगे पाकिस्तान को नेस्तनाबूद

पाकिस्तान की ओर मार्च कर चुकी सेना की पहली टुकड़ी। माना जा रहा है कि देशभक्तों की पहली टुकड़ी ही पाकिस्तान के नक्शे को मटियामेट कर देगी।

फिर भी अगर उस नापाक देश का नामोनिशान बचा रह गया तो आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के नेृतत्व वाली नब्बे के उम्र वालों की जाबांज टोली रवाना होगी।

बताया जा रहा है कि बुजुर्गों ने यह कदम मोदी के 'मनमोहिनी' अवतार के बाद उठाया है। बुजुर्ग स्वंय सेवकों को कहना है कि हम वीर कूंवर सिंह की धरती पर माटी पुत्र हैं जो 90 वर्ष की उम्र में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए थे।

जय श्रीराम नारे के साथ आकाश को गुंजायमान कर डंडा लेकर बॉर्डर की ओर बढ़ रहे संघ के स्वंयसेवकों से जब पत्रकारों ने पूछा कि डंडे से कैसे करेंगे जटिल हथियारों का मुकाबला तो उनका जवाब था, 'दुश्मनों को नेस्तनाबूद करने के लिए हथियार नहीं हौसला चाहिए होता है और वह हमारे में कूट—कूट के भरा है। हथियार तो कायरों को सुशोभित होता है।'

इस जवाब पर एक अन्य पत्रकार ने पूछा, 'तो डंडा किसलिए लिए जा रहे हो ताउ'

इस सवाल पर संघ का स्वंय सेवक तपाक से बोला, 'बेट्टा जी, हौसले से चढ़ाई तो नहीं होती। बाकि का क्या वह तो हो ही जाएगी।'  फोटो — डॉ योगेन्द्र 

Sep 24, 2016

जिनको हिंदुत्ववादियों ने कूटा अब वही संघ के सिपाही बनने को तैयार?

नरेन्द्र देव सिंह उना में दलितों के साथ सड़क पर हुयी बर्बरता के बाद गुजरात सहित पूरे देश में दलित आंदोलन का उभार हुआ था. गुजरात जो भाजपा का गढ़ है वहां भाजपा को सीएम पद पर नेतृत्व परिवर्तन तक करना पड़ा. लेकिन अब नाटकीय अंदाज में उन्हीं दलित पीडि़तों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की एक रैली में शामिल होने की संभावना जतायी जा रही है. जबकि उक्त घटना के विरोध में जो प्रदर्शन हुये थे उसमें आरएसएस भी निशाने पर थी.

रणनीतिकार हालांकि इसे भाजपा की एक बड़ी जीत बता रहे हैं. भाजपा ने हाल के दिनों में पार्टी के हिंदुत्व दर्शन राजनीति के विरोधी तीन बड़े दलित नेता रामदास अठावले, रामबिलास पासवान और उदित राज को भाजपा के संग कर लिया था. इसके बाद संघ और भाजपा की तरफ से उना के दलित पीडि़तों को अपने खेमे में लाना पूरी तरह से यह दर्शाता है कि संघ और भाजपा दलित आंदोलन को दबाने के लिये राजनीतिक प्रलोभन और दबाव दोनों का ही सहारा ले रही है.


इसके बाद भी भाजपा की हिंदुत्व विचारधारा के लाखों काडर स्वयंसेवकों को गौरक्षा के नाम पर फिर से इस तरह के उत्पात मचाने की छूट तो मिल ही जायेगी, क्योंकि संघ-भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इस तरह के घटनाओं का अपने हित में पटाक्षेप करने लगा है. टीओआई की एक खबर के मुताबिक दलित नेता जिग्नेश मेवानी भी इस खबर पर अपना दुख जता चुके हैं.

Sep 23, 2016

जो तस्वीर लाखों में शेयर हो रही है, जानिए उसके फोटोग्राफर का नाम

रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में ​बगैर थाली जमीन पर खाना खा रही महिला की फोटो वायरल होने के बाद अब पहला सवाल सबके मन में यही है कि किसने खिंची यह फोटो।

सबको लग रहा होगा कि जरूर किसी पत्रकार या फोटोग्राफर ने फोटो खिंची होगी। पर इसका सच कुछ और है।

कल रांची से प्रकाशित दैनिक भास्कर, प्रभात खबर और हिदुस्तान में जमीन पर खाना खाती फोटो छपी। महिला बगैर थाली सीधे फर्श पर दाल, चावल और सब्जी रखकर खा रही थी। ​फोटो इतनी झकझोर देने वाली है कि देखते ही देखते लाखों लोग शेयर करने लगे।

शेयर करने वाले कई लोग यह भी कहने लगे कि सदी की त्रासदी दिखाने वाली तस्वीरों में इसे शुमार किया जाएगा और उस फोटोग्राफर को महान कहा जाएगा। पर उसका नाम कहीं दर्ज हो तब तो। लोगों ने ढूंढा भी तो मिला नहीं।

पता करने पर इस तस्वीर के सामने आने की कहानी पता चली और वह फोटोग्राफर भी जिसने यह फोटो खिंची।

रांची के रिम्स अस्पताल में भाजपा कार्यकर्ता रामवृक्ष ठाकुर का ​भाई भर्ती था। उसे ही देखने रांची भाजपा के महानगर मंत्री केके गुप्ता, जिलाध्यक्ष मनोज मिश्र  अपने कुछ परिचितों के साथ रिम्स पहुंचे।

वहीं सबने देखा कि एक महिला जमीन पर खा रही है। उसके बाद मंत्री केके गुप्ता ने अपनी मोबाइल से उसकी फोटो खिंची। उसके बाद केेके गुप्ता एक प्रेस विज्ञप्ती और फोटो के साथ अखबारों के दफ्तर पहुंचे, जिसके बाद यह फोटो दुनिया के सामने आ सकी।

रांची महानगर मंत्री और केके गुप्ता बताते हैं कि एक अखबार ने उनका नाम छापा है पर दूसरे अखबारों ने उनका नाम नहीं दिया। इसमें मैं क्या कर सकता हूं लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि मैंने ही वह फोटो खिंची है। महानगर भाजपा अध्यक्ष मनोज मिश्र कहते हैं, दोषियों पर कार्यवाही हो चुकी है पर हमलोंगों ने उसी समय 7—8 मरीजों को थाली खरीदकर दे दी, जिनके पास थालियां नहीं थीं।


गेस कीजिए ये लोग क्यों हंस रहे हैं

यह फोटो वरिष्ठ पत्रकार शरद गुप्ता के फेसबुक वाल से है। उन्होंने फोटो यह लिखते हुए शेयर की है कि गेस ​कीजिए तीन पूर्व प्रधानमंत्री क्यों हंस रहे होंगे?

जाहिर है प्रधानमंत्री हैं तो किसी​ छिछोरी बात पर तो नहीं ही ही हंस रहे होंगे। छिछोरी बातों पर तो सिर्फ जनता हंसती है। ये बड़े लोग हैं। गभीर बातों पर ही हंसते होंगे।

जैसे धर्म, राजनीति, कूटनीति या अर्थशास्त्र पर। यह लोग किसी सेक्स संबंधी चर्चा करके हंसते होंगे नहीं। नहीं आसपास की औरतों पर छिंटाकसी कर आनंद लेते होंगे।

फोटो में क्रमश: बाएं से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर हैं और नीचे बैठी हैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी।

सोनिया गांधी भी आम महिलाओं की तरह छिंटाकसी वाली हंसी से दूरी बनाए रखने के लिए गंभीर मुद्रा में नहीं बैठी होंगी, बल्कि वह भी किसी गंभीर और जहीन मसले पर विचारमग्न होंगी।

ये सभी बातें संभावना की हैं ऐसे में आप भी संभावना से बता सकते हैं कि तीन प्रधानमंत्री किस बात पर हंस रहे हैं...


Sep 22, 2016

पाकिस्तान को नेस्तनाबूद कर देते मोदी पर कांग्रेसियों, वामपंथियों ने कहीं का न छोड़ा

मोदी की 10 मजबूरियां
इन वजहों से मोदी नहीं कर पा रहे पाकिस्तान पर चढ़ाई

समर्थकों ने बड़ा दीमाग लगा के मोदी के बचाव में ​लिखा पत्र, विस्तार से बताईं मोदी की मजबूरियां, कहा लड़ने के लिए देश के पास 7 दिन का भी नहीं है रसद। ईमोशनल अपील कर बोला, मोदी जी को कमजोर कहने से पहले पढ़ें पूरा पत्र, जाने कांग्रेस और वामपंथ का सच। पर देश उड़ा रहा मजाक, लोग पूछ रहे हैं 56 इंच के सीने में साहस भरा है या शिगुफा, बात बहादुर मोदी पाकिस्तान के सामने भी हुए टांय—टांय फिस्स।

समर्थकों की ओर प्रसाारित किए जा रहे पत्र को आप पढ़िए हू—ब—हू

दोस्तों,
पठानकोट और उरी के बाद भी धीरज ....की वजह...!!

मित्रों....आप को ये जानना चाहिए कि भारत पाकिस्तान से युद्ध करने से क्यों पीछे हट रहा है,क्यों टाल रहा हैै ...?? ध्यान से पूरा पढना..

यह पोस्ट लाइक्स के लिए नहीं लिखी है, पढ़कर कुछ सकारात्मक लगे, अंतरात्मा जागे तो शेयर अवश्य करें..

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी की ये हालत कांग्रेस और वामपंथियों ने कर रखी है। उन्होंने  भारत के रक्षा तंत्र को कहाँ पंहुचा दिया है।

  • वामपंथी और कांग्रेसियों ने 10 साल में कितने आयल रिजर्व बनाये?? युद्ध सिर्फ बयान से नहीं लड़े जाते। आयल रिजर्व भारत के पास कितने दिनों का था जब मोदी ने सत्ता संभाली? सितम्बर 2015 से मोदी सरकार नए आयल रिजर्व बना रही है जिससे की सेना को हिम्मत मिले।
  • युद्ध के लिए कम से कम 40 दिन की सामग्री होनी चाहिए. इटली वाली बाई और मौनी बाबा की कृपा से सेना के पास 40 दिन तक चलने वाला सिर्फ 10 फीसदी गोला बारूद ही था.  
  • चीन के पास 60 से 80 दिन का रिजर्व है और भारत के पास?? कांग्रेस ने  सिर्फ 7 दिन का रिजर्व रख छोड़ा था..और बातें करेंगे कि मोदी क्यों युद्ध नहीं कर रहा। 
  • कांग्रेस के 10 साल में सेना को तबाह कर दिया गया। भारतीय सेना का जनरल चिट्टी लिखता रहा, चिल्लाता रहा कि भारत की सेना के पास लड़ने को हथियार नहीं है परंतु 10 साल तक भारत सरकार के लोग 2G, 3G, जीजा G ,कॉमनवेल्थ और कोयला घोटालों में ही मस्त रहे।
  • विमानों खरीद में इतनी घटिया दलाली की राजनीति चली कि दलाली न मिलने के कारण 10 साल में विमानों को खरीदने का आर्डर नहीं दे पाये। वो तो भला हो नरेंद्र मोदी का जिन्होंने "राफेल डील" को खुद ही फ़्रांस जा के फाइनल करके हताश हो रही एयरफोर्स को नयी हिम्मत दी। वरना कांग्रेस का बस चलता तो बूत बन चुके आउटडेटेड MIG में ही मरने देती वायुसेना के पायलटों को। अगर यही डील कांग्रेसियों ने पहले फाइनल कर दी होती तो आज तक ये विमान हमारे एयरफ़ोर्स के हैंगरों में पहुंच चुके होते। 
  • गलती से कांग्रेस ने हेलीकॉप्टर और सेना के ट्रक खरीद लिए तो उसे "ऑगस्टा वेस्टलैंड हेलीकाप्टर घोटाला" और "टाट्रा ट्रक घोटाला" नाम से ये देश जानता है।
  • अब आते हैं नौसेना की स्थिति पर। क्या हालात बना दी कांग्रेसियों ने। 2004 से 2014 तक हादसों की झड़ी लगा दी। नौसेना की शान INS सिंधुरक्षक का खड़े खड़े तबाह हो जाना और 18 नौसैनिकों का मरना वो जख्म है जिसे सिर्फ एक हादसा नहीं माना जा सकता था।
  • घोटाले और मुफ्तखोरी से तबाह देश का खजाना तुमने मोदी को दिया था जो कोई युद्ध नहीं झेल सकता था। यही कारण है की उस देश के खजाने को भरने के चक्कर में आज मोदी कभी सेस बढ़ाता है तो कभी पेट्रोल डीजल पर वैट बढ़ा के देश को मजबूत करता है और हमारी थोक के भाव गालियां भी सुनता है।
  • कुछ लोगो की नौटंकी तो चलती रहती है। फ्री के वाईफाई, फ्री के बिजली,फ्री के पानी पर। अगर युद्ध हुआ तो ऐसे लोगों को जीत—हार से मतलब नहीं होगा उन्हें मतलब होगा युद्ध के बाद निश्चित बढने वाली महंगाई से। महंगाई बढ़ गई जी..मोदी ने टैक्स लगा दिया जी...ऐंड सो आन ।
  • अब कुछ मानसिक रूप से अपरिपक्व बच्चे, ये कहेंगे की अब तो मोदी है जो करना है कर लो...तो भाई जहाजो के आर्डर मोदी खुद फ़्रांस में देकर आया है...जहाज का आर्डर दिया है न की पिज्जा का जो दो मीनट में बनकर आधे घंटे में आ जाये, कुछ साल लगेंगे बनाने और डिलिवरी में..सेना का आधुनिकीकरण जारी है.नए आयल रिजर्व अगस्त सितम्बर 2015 से बनने शुरू हो गए.
  • करोडो के हथियारों की खरीद को रक्षामंत्री मनोहर पारिकर ने अप्रूव कर दिया. कांग्रेस की चहेती हथियारों की दलाल लाबी को भगा दिया गया है.
  • एक एक सौदे पर PMO की नजर है...!!! आपलोग भी अपनी नजर बनाये रखें!!! धैर्य रखें अच्छे दिनो का आगाज हो चूका है।।
अगर आप आम जनमानस को समझा सकें तो ये आपका समस्त देशप्रेमियों पर अहसान होगा !

Sep 21, 2016

यलगार हो ! सिर कलम करने सरकार खुद निकल पड़े

मीडिया के प्रेशर और विपक्षियों के बढ़ते हमले से तंग आकर सरकार ने खुद ही तलवार उठा ली है। उनकी इस पहल को आप क्रमश: तस्वीरों में देख सकते हैं। सरकार की  पहल से उत्साहित सभी राष्ट्रवादी युवक—युवतियों ने तलवारें—बंदूकें थाम ली हैं और वह बॉर्डर की ओर बढ़ रहे हैं।

यलगार हो! देश के जाबांजों का आह्वान करते सरकार। खुद ही थामी सेनापति की कमान

 

अपने लिए खास हथियार चुनते सरकार, क्योंकि वह परंपरा के साथ रखते हैं तकनीकी का खास तालमेल

 

अध्यक्ष जी की निगाह सीधे तलवार की धार पर। ईरादा बस एक ही कि अगले टर्म में पाकिस्तान में हो भाजपा का शासन और नवाज शरीफ का नाम बदल कर दें नागेंद्र शर्मा 

 

भक्तों की पहली टुकड़ी पहुंची जम्मू। भयंकर है उत्साह। पाकिस्तान में मची हलचल

 

पहली टुकड़ी पुंछ से आगे। बढ़ सकती है कार​गिल की ओर। चेहरे पर देखिए रोष। एक ही लक्ष्य पहला राममंदिर रावलपिंडी में

मिला आरएसएस का भी साथ, भाईजी लोगों ने उठाई बंदूक और तलवारें। कल की शाखा लगेगी लाहौर में 

 

विजय माल्या का हुआ प्रत्यर्पण। पाकिस्तान में करेंगे ईमानदारी से धंधा। मुसलमानों को  दारू पिलाकर कराएँगे घरवापसी

 बहने नहीं रहीं पीछे, स्कूल छोड़ कूदी आंदोलन में। तलवारों से हटाएंगी बुरका, लिखा जाएगा स्त्री मुक्ति का राष्ट्रवादी इतिहास