Nov 7, 2016

भाजपा की परिवर्तन यात्रा बार डांसरों के भरोसे

स्थानीय नेताओं का मानना था कि अगर भीड़ रोकनी है तो मंत्री—सांसद के भाषण से जरूरी बार डांसरों की अदाएं और ठुमके हैं। 



समाजवादी पार्टी की ओर से 3 नवंबर को जो रथयात्रा शुरू हुई है उसको चुनौती देने के लिए कल से भाजपा अध्यक्ष ​अमित शाह के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश भाजपा ने परिवर्तन यात्रा शुरु की। कल परिवर्तन यात्रा का पहला दिन था। पर यात्रा के पहले ही दिन स्थानीय नेताओं को मनोबल इस कदर गिरा हुआ था कि नेताओं को भीड़ जुटाने के लिए बार डांसरों के ठुमकों का सहारा लेना पड़ा। 

स्थानीय नेताओं का मानना था कि अगर भीड़ रोकनी है तो मंत्री—सांसद के भाषण से जरूरी बार डांसरों के फूहड़ गीत और ठुमके हैं। गौरतलब है कि अभी भाजपा अध्यक्ष अ​मित शाह द्वारा सोमवार को  बुंदेलखंड में किए चुनावी वादे, कि भाजपा जीतेगी तो हर बुंदेली को कार देंगे, को लेकर सोशल मीडिया पर मजाक बनना बंद भी नहीं हुआ था कि परिवर्तन यात्रा को लेकर यह खबर आ गयी। 

सुचिता की राजनीति का दंभ भरने वाली भाजपा को भी उत्तर प्रदेश के बागपत में भीड़ जुटाने के लिए अपने नेताओं से अधिक बार डांसरों पर भरोसा करना पड़ा। एबीवी की वेबसाइट पर छपे खबर के मुताबिक स्थानीय नेताओं को मंत्री और सांसद के आने से पहले भीड़ को रोकने के लिए डांस कराना पड़ा। 

वेबसाइट के मुताबिक बागपत में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के मंच पर नेताओं के आने में जरा सी देर हुई तो मंच संभाल लिया एक डांसर ने. दरअसल यूपी में बीजेपी की परिवर्तन यात्रा के कैराना से बागपत के तुगाना पहुंचने पर ये कार्यक्रम किया गया था, केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान और बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह के इंतजार में लोग बैठे थे…भीड़ कहीं भाग ना जाए इसलिए आयोजकों ने मंच पर बार बाला को उतार दिया.

गांधी के आगे—आगे चलने वाला यह बालक आज नहीं रहा


नमक सत्याग्रह 'दांडी मार्च' के पहले दिन समुद्र किनारे गांधी के साथ डंडा पकड़कर चलते कनू गांधी 

महात्माा गांधी के पोते कनू गांधी का निधन 

महात्मा गांधी की इस ऐतिहासिक महत्व की तस्वीर को आपने कई दफा देखी होगी। पर आज इस तस्वीर के लिए खास महत्व का दिन है। इस तस्वीर में डंडा थामे आगे—आगे चल रहा बालक  रामदास कनू गांधी हैं, जिनकी सोमवार को सूरत के एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गयी। 

रामदास कनू गांधी की यह तस्वीर उस समय की है जब महात्मा गांधी ने गुजरात में नमक सत्याग्रह 'दांडी मार्च' की शुरुआत की थी। कनू के साथ की यह तस्वीर गुजरात के दांडी में समुद्र के किनारे की है। गांधी ने मार्च—अप्रैल 1930 में नमक सत्याग्रह आंदोलन शुरू किया था।  

87 वर्षीय कनू गांधी प्रसिद्ध संस्था नासा के ​वैज्ञानिक रह चुके थे। कनु ने अमेरिका के प्रतिष्ठित संस्थान एमआईटी से पढ़ाई की थी और नासा में भी काम किया था। उनकी पत्नी शिवलक्ष्मी गांधी पेशे से प्रोफेसर थीं और इन दिनों उनकी सेहत भी ठीक नहीं चल रही। 

कनू गांधी पिछले दिनों तब चर्चा में आए थे जब वह अपनी पत्नी संग दिल्ली के वृद्धाश्रम में रहने लगे थे। हालांकि उन्होंने इसके लिए किसी को जिम्मेदार नहीं बताया था। पर कहा भी था कि वह किसी के आगे हाथ नहीं फैला सकते। मीडिया ने कनू गांधी की हालत को प्रमुखता से उठाया था। बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने उनका हाल—चाल लिया था। 

NDTV इंडिया के समर्थन में पढ़िये तैश पोठवारी की कविता


बागों में बहार है, बैकफुट पर सरकार है



ब्रॉडकास्टिंग कानून-उल्लंघन के लिये दंडित किए गए NDTV इंडिया पर से केंद्र की भाजपा सरकार ने फिलहाल  9 नवंबर को एक दिन के लिए ऑफ एयर करने का प्रतिबंध स्थगित कर दिया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यह फैसला किया है।

गौरतलब है कि मीडिया को बैन किए जाने के इस तानाशाहीपूर्ण फैसले के खिलाफ एडिटर्स गिल्ड, पत्रकार संगठनों, राजनीतिक पार्टियों और मीडिया माध्यमों ने बड़े स्तर पर अपना विरोध दर्ज कराया था। लगातार मांग की जा रही थी कि सरकार अपने इस तानाशाही पूर्ण फैसले को तत्काल वापस ले और ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री को सख्त हिदायत दे कि वह पूर्वग्रह​ ग्रसित और राजनीति परस्त कार्रवाही से भ​विष्य में बाज आए। सरकार के इस फैसले को लगातार गैरकानूनी और असंवैधानिक करार ठहराया जा रहा था।

चैनल पर इस बैन की वजह इस साल जनवरी में पंजाब के पठानकोट स्थित एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के दौरान प्रसारण नियमों का उल्लंघन बताई गई थी। सरकार के इस फैसले के खिलाफ NDTV इंडिया कोर्ट में पहुंच गया था।