नरेन्द्र देव सिंह
उना में दलितों
के साथ सड़क पर हुयी बर्बरता के बाद गुजरात सहित पूरे देश में दलित आंदोलन का उभार
हुआ था. गुजरात जो भाजपा का गढ़ है वहां भाजपा को सीएम
पद पर नेतृत्व परिवर्तन तक करना पड़ा. लेकिन अब नाटकीय
अंदाज में उन्हीं दलित पीडि़तों के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की एक रैली
में शामिल होने की संभावना जतायी जा रही है. जबकि उक्त घटना
के विरोध में जो प्रदर्शन हुये थे उसमें आरएसएस भी निशाने पर थी.

इसके बाद भी
भाजपा की हिंदुत्व विचारधारा के लाखों काडर स्वयंसेवकों को गौरक्षा के नाम पर फिर
से इस तरह के उत्पात मचाने की छूट तो मिल ही जायेगी, क्योंकि
संघ-भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी इस तरह के घटनाओं का अपने हित में पटाक्षेप करने
लगा है. टीओआई की एक खबर के मुताबिक दलित नेता जिग्नेश
मेवानी भी इस खबर पर अपना दुख जता चुके हैं.