Apr 29, 2017

योगेंद्र यादव ने की एक स्कूल की ग्राउंड रिपोर्टिंग

आपने कभी किसी नेता को ऐसा करते नहीं देखा होगा। आप ऐसा वीडियो पहली बार देख रहे हैं जब कोई नेता देश ​की किसी समस्या को लेकर रिपोर्टिंग कर रहा है। हरियाणा के मेवात से स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र ने एक स्कूल में पढाई लिखाई का जायजा लिया फिर एक रिपोर्टर की तरह स्कूल की एक—एक  मुश्किलों से देश को अवगत कराया।


आप भी देखिये 'रिपोर्टर' योगेंद्र यादव की ग्राउंड रिपोर्टिंग





हार के बाद कार्यकर्ताओं में हीरो बनकर उभरे कुमार विश्वास

कुमार के इस तरह के इंटरव्यू देखकर वालंटियर्स का गुस्सा ठंडा हो जाता है। उन्हें लगने लगता है अभी भी उनकी पार्टी में शुचिता बची है। अभी पार्टी नहीं आंदोलन है आप। अभी आप को नहीं छोड़ना चाहिए.....

दिल्ली से भूपेंदर चौधरी की रिपोर्ट


आप मुखिया अरविंद केजरीवाल द्वारा पार्टी में हाशिए पर डाले गए कवि कुमार विश्वाश आम आदमी पार्टी के भीतर कूटनीतिक राजनीति में माहिर होते जा रहे हैं। पंजाब, गोवा और दिल्ली एमसीडी चुनाव के बाद कार्यकर्ताओं का उन पर भरोसा बढ़ता जा रहा है। 

दिल्ली एमसीडी चुनाव में मिली आम आदमी पार्टी को मिली अकल्पनीय हार के बाद सभी मीडिया घराने इस आस में बैठे थे कि पहले से ही पार्टी में हाशिए पर पड़े कुमार विश्वास अब तो पक्के तौर पर पार्टी छोड़ देंगे। पर हार के बाद कुमार विश्वास पार्टी के भीतर बिल्कुल नए अवतार में उभरे हैं।

कल शाम जब वह एक सनसनीखेज छवि वाले टीवी चैनल को साक्षात्कार दे रहे थे तो सभी पत्रकारों को यही आस थी कि आप में फूट ही आज की सबसे बड़ी खबर होगी। पर कीबोर्ड पर बैठे डेस्क पत्रकारिता के माहिरों को निराशा हाथ लगी। और इसके उलट कुमार विश्वास फिर एक बार पार्टी कार्यकर्ताओं में नया विश्वास कायम करने में कामयाब हुए। हालांकि अरविंद केजरीवाल पार्टी के सबसे बड़े नेता हैं, मगर विश्वास कार्यकर्ताओं की पहली पसंद बन गए हैं।

गौरतलब है कि लगातार तीसरी हार पंजाब, गोवा और अब दिल्ली एमसीडी में मिली करारी शिकस्त के बाद कार्यकर्ता बेहद निराश, हताश और राजनीतिक संबल खो देने की स्थिति में पड़े हुए थे। ऐसे में कुमार कार्यकर्ताओं में एकता के प्रतीक बनकर उभरे हैं। कार्यकर्ता स्वीकार कर रहे हैं कि जब भी पार्टी पर संकट आता है, जब भी पार्टी हारती है तो कुमार पार्टी से अलग लाइन लेकर कार्यकर्ताओं के साथ खड़े दिखाई देते हैं। 

दरअसल कुमार की सारी कवायद पार्टी के वालंटियर्स को जोड़े रखने की है। पार्टी से जुड़े वालंटियर्स अक्सर अपने बड़े नेताओं के फैसले से नाराज़ लगते हैं और मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल उनको शह देने का काम करते हैं। ऐसे में कुमार पार्टी के पालनहार—खेवनहार बनकर प्रकट हो जाते हैं। 

कुमार का एमसीडी से पहले आया वीडियो हो या कल उनका टीवी पर चल रहे इंटरव्यू को देखकर विपक्षी दल ये सोचकर खुश हुए जा रहे थे कि पार्टी में फूट पड़ रही है, पर उन्हें ये समझ नहीं आ रहा कि कुमार की इस पार्टी विरोधी दिखती लाइन से पार्टी का वालंटियर्स अपने को कुमार से कनेक्ट देखता है। कुमार की बात को अपनी बात समझता है, क्योंकि कुमार पार्टी के वालंटियर्स की नब्ज पकड़ते हैं। 

कुमार की खरी—खरी बातें सुनकर पार्टी के वालंटियर्स राहत महसूस करते हैं कि कोई तो है जो उनकी बोली बोलता है। जो वो बोलना चाहते हैं वो कुमार विश्वास बोल रहे हैं। कुमार को पार्टी के अधिकतर वालंटियर्स भैया ही कहकर संबोधित करते हैं। 

कुमार के इस तरह के इंटरव्यू देखकर वालंटियर्स का गुस्सा ठंडा हो जाता है। उन्हें लगने लगता है अभी भी उनकी पार्टी में शुचिता बची है। अभी पार्टी नही आंदोलन है आप। अभी आप को नहीं छोड़ना चाहिए। 

इस तरह पार्टी के खिलाफ बोलकर कुमार पार्टी को कमजोर नहीं करते, बल्कि उसकी नींव को मजबूत ही करते हैं क्योंकि पार्टी की नींव उसके वालंटियर्स ही हैं। इस बात को पार्टी के सूत्र भी बताते हैं कि एक तरफ कुमार वीडियो निकाल कर पार्टी और पार्टी के बड़े नेता अरविंद पर हमला करते हैं, वहीं दूसरी तरफ कुमार अरविंद के घर में बैठ कर चाय पीते हैं। 

जो चैनल चला रहे हैं कि कुमार आप मुखिया केजरीवाल का संयोजक पद ​छीनने का सपना देख रहे हैं, वो शायद ये भूल गए कि कुमार अपनी कविता का बिज़नेस छोड़कर  इस तरह पार्टी मे नहीं आ रहे। 

कुमार खुलेआम बोलते भी आये हैं कि वो बिज़नेस क्लास से चलते हैं। ऐशो आराम से रहते है  और ऐशो आराम नहीं छोड़ना चाहते। ऐसे में उनके पार्टी संयोजक बनने की खबर निराधार है।

पिछड़ी जाति के पत्रकार पर बरसा योगी की पुलिस का प्रेम

सत्ता बदली है पर यूपी पुलिस नहीं। योगी की घोषणाएं बस जुबानी तीर साबित हो रही हैं और हकीकत में पुलिस अपने उसी रंग में  है, जिसको भाजपा गुंडाराज कहते नहीं अघाती थी...

आस मोहम्मद कैफ की रिपोर्ट  


विजय वर्मा पुलिसवालों से कहता रहा कि वह पत्रकार है, मगर पुलिस वालों ने उनकी एक न सुनी। उन्हें खंभे से बांधकर बुरी तरह पीटा गया। इस बात की भनक जब नुमायश ग्राउंड में मौजूद कुछ पत्रकारों को लगी तो वो ​अस्थायी चौकी में पहुंचे और इस घटना का विरोध किया। काफी कहासुनी के बाद देर रात विजय वर्मा को छोड़ा गया। 

28 अप्रैल की सुबह जब इस बात की जानकारी जब पत्रकारों को हुई तो उन्होंने पीड़ित पत्रकार विजय वर्मा के साथ उच्चाधिकारियों से भेंट की। पीड़ित ने अपने कपड़े उतारकर चूतड़ और पीठ पर पुलिसिया बर्बरता के निशान दिखाये। घटना की तहरीर मुकदमे के रूप में दर्ज करने के लिए जब पत्रकार कोतवाली नगर गए तो वहां मौजूद अफसर सुलह-समझौते की बात करने लगे मगर पत्रकारों ने भी इसको सम्मान और सुरक्षा से जुड़ा विषय बताकर किसी भी कीमत पर समझौता करने से मना कर दिया। 

उच्चाधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह अपराध सं0-594/17 के अंतर्गत धारा- 147, 323, 504 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होते ही आरोपी दरोगा यदुवीर सिंह यादव और पांच सिपाहियों को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया। 

घटना की जानकारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी दी गयी और मानवाधिकार आयोग को भी अवगत कराया गया है। पीड़ित पत्रकार विजय वर्मा पिछड़ी जाति के हैं. वे हिन्दी-अंग्रेजी और लखनऊ-आगरा से प्रकाशित आधा दर्जन अखबारों के स्थानीय स्तर पर स्टाफ रिपोर्टर रहे हैं और साप्ताहिक रहस्य संदेश के जिला प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त हैं।

किसान पहलू खान के घरवालों को आज भेंट में दी जाएगी गाय

हरियाणा में सक्रिय सद्भावना मंच एक ऐतिहासिक पहल लेने जा रहा है। राजस्थान के अलवर में गौरक्षक गुंडों द्वारा मारे गए किसान और दूध का व्यवसाय करने वाले पहलू खान के परिजनों को मंच आज गाय भेंट करेगा।


गौरक्षक गुंडों द्वारा की गयी हिंसा के विरोध में और सामाजिक सद्भाव बरकरार रखने के इस सकारात्मक पहल में स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव भी शामिल होंगे। मंच की ओर से यह जानकारी सुरेंद्र पाल सिंह ने दी। 

सुरेंद्र पाल सिंह ने बताया कि पिछले वर्ष हरियाणा राज्य में जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान घटित हिंसा और आगज़नी की घटनाओं और 35 बनाम 1 बिरादरी के नाम पर समाज में जातिगत ध्रुवीकरण के विभाजनकारी जहरीले प्रचार के खिलाफ गठित सद्भावना मंच ने ना केवल राज्य भर में सामाजिक ताने बाने को बचाए रखने के पक्ष में सद्भावना यात्रा निकाली बल्कि प्रबुद्ध भूतपूर्व आई ए एस, आई पी एस, आई एफ एस, प्रोफ़ेसर और वकीलों को मिला कर एक जन आयोग का गठन करके तमाम प्रभावित इलाकों में जन सुनवाई भी की। 

अभी हाल ही में राजस्थान के अलवर जिले में गौरक्षा के नाम पर नफ़रत और हिंसा फैलाने की साजिश के तहत हरियाणा के एक किसान पहलू खान को इसलिए मौत के घाट उतार दिया गया कि वो मुसलमान था।

एक बड़ा सवाल आज हमारे सामने मुँह बाए खड़ा है कि गौरक्षा के नाम पर अल्पसंख्यकों और दलितों के खिलाफ हिंसा और नफ़रत फैलाने वाले स्वयम्भू ठेकेदारों को क्या हिंदुत्व के नाम पर कुछ भी करने की खुली छूट मिल गई है? 

तय कार्यक्रम के मुताबिक सद्भावना मंच के बैनर तले सामाजिक कार्यकर्ता हिंसा के शिकार मृतक पहलू खान के घर जाकर उसके परिवार को गौ पालन और दूध के काम काज के लिए आपस में इकट्ठी गई धन राशि से खरीद कर एक गाय भेंट करेंगे। ये गतिविधि मुख्यतः एकता और प्रेम के प्रतीक के तौर पर होगी ताकि सामाजिक ताने बाने को जोड़ने वाले एक रचनात्मक परम्परा को मजबूत किया जा सके।