Sep 18, 2010

हमें हिंदू नहीं, कट्टर हिंदू चाहिए: राजेश बिडकर


इलाहाबाद हाईकोर्ट 24 सितंबर को अयोध्या के विवादित स्थल के मालिकाना हक को  लेकर फैसला सुनाने वाली है. ऐसे समय में 'भगवा बिग्रेड'मध्य प्रदेश में ‘हिंदू योद्धा भर्ती
अभियान’ चला रही है. इससे भगवाधारियों की नीयत को बड़े आसानी से समझा जा सकता है.वहीं इस मसले पर कांग्रेस नीत केंद्र सरकार और भाजपा की मध्य प्रदेश सरकार की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है.'जर्नलिस्ट्स यूनियन फॉर सिविल सोसायटी' (जेयूसीएस)  की दिल्ली इकाई के स्वतंत्र पत्रकार विजय प्रतापने 'भगवा बिग्रेड'के नेता राजेश बिडकर से उनके मोबाइल नंबर 09977900001  पर 17 सितंबर को सुबह 9.29 बजे और 9.32 बजे, दो बार बातचीत की. स्वतंत्र पत्रकार शाह आलम ने भी 11.45 बजे राजेश बिडकर से बात की. पेश है बातचीत का पूरा ब्योरा. 


विजय: हैलो !

राजेश बिडकर: वन्दे मातरम !

विजय: भगवा बिग्रेड से बोल रहे हैं क्या?

राजेश बिडकर: हां,

विजय: कौन बोल रहे हैं?

राजेश: राजेश बिडकर।

विजय: अच्छा, राजेश जी, मैं विजय प्रताप बोल रहा हूं।

राजेश: कहां से?

विजय: मैं दिल्ली से बोल रहा हूं...

राजेशः कहां से...

विजय: दिल्ली से बोल रहा हूं। मेरे एक साथी ने आपके बारे में बताया था। वो आप लोगों के संगठन से जुड़ रहा है। आपके संगठन से जुड़ने के लिए क्या करना पड़ेगा।

राजेश: आप कहां से बोल रहे हैं?

विजय: मैं तो दिल्ली में हूं, लेकिन रहने वाला जबलपुर का हूं।

राजेश: हूं हूं..पूरा मामला मैं बताता हूं। ये कट्टरवादी विचारधारा वाले युवाओं का संगठन है।हमको भारत को हिंदू राष्ट् बनाने की मांग का उद्देश्य लेकर चल रहे हैं। तीसरा की अन्य हिंदूवादी संगठन जो कि चक्का जाम कर दिया, तोड़-फोड़ कर दी, थाने घेर दी, ट्क रोक लिया। हम लोग ये काम नहीं करते हैं।


विजय: आपका क्या काम-काज है?

राजेश: हम लोग एक कट्टर वैचारिक संगठन तैयार कर रहे हैं दस हजार लोगों का और हम समय-समय पर अपने फरमान जारी करेंगे मुस्लिमों को... और उसका पालन कराना होगा दस हजार लोगों को। और कट्टर विचार ऐसे नार्मल विचारधारा वाले लोग नहीं होने चाहिए ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े नहीं

विजय: आम हिंदू नहीं जो हिन्दुत्व में विश्वास रखते हैं उन्हीं को...

राजेश: आम हिंदू नहीं, जो कट्टर हैं।

विजय: अच्छा कट्टर होने चाहिए...

राजेश: हां।

विजय: आप कह रहे हैं कि फरमान जारी करेंगे, उसकी पालना कैसे कराई जाएगी। क्या हम लोगों को उसकी पालना करानी होगी?

राजेश: कल हमारी बेवसाइट लांच हो रही है, समय-समय पर लोगों को क्या करना है तो वो तो आप तक जानकारी पहुंच जाएगी हाईटेक माध्यम से जानकारी होनी चाहिए। या फिर व्यक्तिगत तौर या फिर पत्र-वत्र... आप तक जानकारी पहुंच जाएगी की क्या करना है।

विजय: ये देश भर में और भी जगहों पर होगा या आप अभी सिर्फ मध्यप्रदेश को टारगेट किए हैं?

राजेश: अभी हमारा टारगेट केवल मध्य प्रदेश है, हमारा सीधा सा मानना है कट्टर हिंदूवादी हैं हम किसी का सर नहीं फुडवाना चाहते न शहर बंद कराना चाहते हैं।

विजय: वहीं मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि हमें करना क्या होगा?

राजेश: करना क्या है, हमारे लोग आप से मिल लेंगे...आप ने अपना नाम बताया, काम बताया हमें लगाता है तो हमारे लोग आप से मिलना चाहिए तो मिलेंगे और बातचीत करेंगे। आप हिंदुस्तान के बारे में क्या सोचते हैं हिंदू समाज के बारे में क्या सोचते हैं हमें लगता है तो हम आपको ले लेंगे। और ये न..ऐसे तो एक हजार हिंदू संगठन चल रहे हैं हिंदुस्तान में...

विजय: हां सही बात सब वोट बैंक की राजनीति करने लगते हैं।

राजेश: आप की आवाज सही नहीं आ रही है...

विजय: अभी ये जो फैसला आने वाला है, उसमें भी कुछ करना है क्या?

राजेश: नहीं ये तो हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का प्रश्न है ही, पर मुझे जो लगता है कि आने वाले कई वर्षों तक हमें हिंदू समाज के बीच में काम करना है। ये सिर्फ अयोध्या का नहीं है....ये हिंदू समाज का विषय है और कहीं न कहीं हमें कट्टरवादी हिंदू की तैयारी करनी होगी। ऐसे कुछ होने वाला नहीं है।

विजय: इधर भी अपनी कुछ तैयारी है क्या इस फैसले को लेकर?

राजेश:यह जो फैसला आ रहा है इस पर हमारी भूमिका इस लिए नहीं है कुछ...आज दिल्ली में हमारी प्रेस कॉन्फ्रेंस है।

विजय: दिल्ली में कहां, आप बताते तो मैं चला जाता

राजेश: हां...हैलो.... (खरखराहट)

('नई पीढ़ी' ब्लॉग से साभार)