May 18, 2011

प्रचंड गुट ने दी बाबुराम को जान से मारने की धमकी

नेपाल के कैसीनो जनयुद्ध की समाप्ति  के बाद से पार्टी के लिए आय का प्रमुख आधार हैं, इसलिए यहाँ लगातार टकराव की स्थिति बनी रहती है. जनयुद्ध के समय पार्टी कैसीनो संस्कृति के खिलाफ थी, मगर आज यह पार्टी का प्रमुख आर्थिक स्रोत  है...

विष्णु शर्मा

एकीकृत नेपाल कम्युनिस्ट  पार्टी (माओवादी) के उपाध्यक्ष बाबुराम भट्टाराई को नेपाल की राजधानी काठमांडू में 16 मई को उनकी ही पार्टी के एक मजदूर नेता जनक बर्तौला ने जान से मारने  की धमकी दी है. जनक बर्तौला हयात होटल के कैसीनो तारा में बाउन्सर और माओवादी होटल मजदुर इकाई समिति के सदस्य है. बताया जा रहा है की बर्तौला मजदुर संगठन के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के अध्यक्ष प्रचंड के करीबी सालिकराम जमकट्टेल समूह से है.

 कुछ दिन पहले  भट्टाराई के निकट मजदूर यूनियन के सदस्य जानुमान डंगोल पर जमकट्टेल के कार्यकर्ता कल्पदेवराई ने जानलेवा  हमला किया था और इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. अपने सहयोगी को रिहा करने के मांग को लेकर पार्टी कार्यालय पहुचे बर्तौला ने तब बाबुराम भट्टाराई  को जान से मारने की धमकी दी, जब उन्होंने कल्पदेवराई के खिलाफ रिपोर्ट वापस लेने से मना कर दिया.

बाबुराम ने धमकी मिलने की सूचना गृहमंत्री कृष्ण बहादुर महरा और पार्टीके महासचिव राम बहादुर थापा 'बादल' को दी है, जिसके बाद  भट्टाराई की सुरक्षा  बढ़ा दी गयी है. भट्टाराई के निकट के कार्यकर्ताओं  का कहना है कि मजदूर संगठन के विस्तार के नाम पर जिस प्रकार से आपराधिक तत्वों का पार्टी में प्रवेश कराया गया है यह उसी का परिणाम है. इस घटना पर बाबुराम का कहना है 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है. आज जो लोग मुझे धमकी दे रहे है कल वे अध्यक्ष को धमकी देंगे.पार्टी की आड़ में आपराधिक काम करने वालों पर कड़ी कार्रवाही की जानी चाहिए.'

भट्टाराई के समर्थकों ने कल पार्टी मुख्यालय पेरिस डाँडा में धरना दिया. क्रान्तिकारी पत्रकार संघ के अध्यक्ष और प्रचार राज्य समिति सचिव महेश्वर दहाल ने मांग रखी   कि 'उपाध्यक्ष बाबुराम को पार्टी कार्यालय में जान से मारने की धमकी अत्यंतनिन्दनीय है और धमकी देने वाले पर कड़ी कार्रवाही की जानी चाहिए.'

नेपाल राजनीती के जानकार मानते है कि यह घटना पार्टी के आर्थिक स्रोत पर कब्ज़ा करने की प्रचंड और बाबुराम समर्थकों के बीच लम्बे समय से चल रही होड़ का नतीजा है.  नेपाल के कैसीनो  जनयुद्ध  की सामप्ति के बाद से पार्टी के लिए आय का प्रमुख आधार हैं,  इसलिए यहाँ लगातार टकराव की स्थिति बनी रहतीहै. जनयुद्ध के समय पार्टी कैसीनो संस्कृति के खिलाफ थी मगर आज यह पार्टी का प्रमुख आर्थिक स्त्रोत बनगया है. भले ही राजनीतिक स्तर प्रचंड और बाबुराम के बीच पिछले समय नजदीकी आई हो लेकिनदोनों के समर्थक आर्थिक संसाधनों में अपने कब्जे को जरा भी कम नहीं करना चाहते.

दस साल तक जन्यूद्ध का संचालनकरने के बाद संसदीय राजनीति में प्रवेश करने वाली माओवादी पार्टी नेपाल की संसद में सबसे बड़ी पार्टी है. लेकिन पार्टी के अन्दर लगातार चल रहा 'दो लाइन' और आर्थिक स्त्रोतों का संघर्ष जनता में इसके विश्वास को लागातार कम कर रहा है. आने वाले दिनों में पार्टीके प्रदर्शन पर इसका असर पड़ना तय है.