Jan 19, 2010

शरद दत्त और मदन कश्यप को शमशेर सम्मान

लौट आ, ओ धार

लौट आ, ओ धार!
टूट मत ओ साँझ के पत्थर
हृदय पर।
(मैं समय की एक लंबी आह!
मौन लंबी आह!)
लौट आ, ओ फूल की पंखडी!
फिर
फूल में लग जा।
चूमता है धूल का फूल
कोई, हाय!!
- शमशेर बहादुर सिंह

इस वर्ष हिंदी साहित्य का प्रतिष्ठित ‘शमशेर सम्मान’ सृजनात्मक गद्य के लिए शरद दत्त को और कविता के लिए मदन कश्यप को दिया जायेगा। कवियों के कवि कहे जाने वाले शमशेर बहादुर सिंह की जयंती 13 जनवरी की पूर्व संध्या पर ‘अनवरत’ के संयोजक प्रतापराव कदम ने इस सम्मान की घोषणा की थी। खंडवा की संस्था ‘अनवरत’ द्वारा हर वर्ष ‘शमशेर सम्मान’ हिंदी साहित्यकारों को दिया जाता है।

शमशेर बहादुर सिंह की पुण्यतिथि के अवसर पर नई दिल्ली में यह सम्मान 12 मई 2010 को वरिष्ठ एवं महत्वपूर्ण रचनाकार के हाथों प्रदान किया जायेगा। इस अवसर पर सम्मानित रचनाकार के अवदान पर भी चर्चा होगी। सम्मानित रचनाकार को प्रशस्ति पत्र,सम्मान निधि,स्मृति चिन्ह,पोट्रेट दिया जायेगा है। इससे पहले यह सम्मान मंगलेश डबराल,विरेन डंगवाल, राजेशजोशी, विष्णु नागर , पंकज सिंह , उदय प्रकाश, विजय कुमार, लीलाधर मंडलोई आदि हिंदी के महत्वपूर्ण कवियों को मिल चुका है.

दिल्ली दूरदर्शन केंद्र के निदेशक और प्रोड्यूसर रहे शरद दत्त को वरिष्ठ साहित्यकारों व फिल्मी हस्तियों पर सारगर्भित और चर्चित वृत्त चित्र बनाने का श्रेय जाता है.उन्होंने पहली बार दूरदर्शन पर दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन के साक्षात्कार प्रस्तुत किये. कुन्दनलाल सहगल, रामविलास शर्मा , नागार्जुन, टी शिवशंकर पिल्लै, फैज अहमद फैज, शिवराम कारंत, न्यू थियेटर्स आदि पर बनाये गए उनके वृत्त चित्र खूब सराहे गए. सआदत हसन मन्टो की सम्पूर्ण रचनाओं का सम्पादन भी किया है. हिन्दी अकादमी पुरस्कार,मीडिया अवार्ड नेशनल मीडिया अवार्ड,दो बार सिनेमा पर अपनी पुस्तकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार नावाने गए शरद दत्त ने भारतीय सेना पर भी ५० से अधिक वृत्त चित्रों का निर्माण किया है ।

जन-आंदोलनों,राजनीति,पत्रकारिता व संस्कृति कर्म में सक्रिय कवि मदन कश्यप कई प्रतिष्ठित समाचार पत्र व पत्रिकाओं के संपादन से जुड़े रहे हैं। उनके चार कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं- लेकिन उदास है पृथ्वी, नीम रोशनी में, कुरुज और कवि ने कहा। उनके वैचारिक लेखों के दो संग्रह भी प्रकाशित हैं-मतभेद और लहूलुहान लोकतंत्र।उन्हें कविता के लिए बनारसी प्रसाद भोजपुरी सम्मान और किरण मंडल सम्मान मिल चुका है।

इस सम्मान का चयन वरिष्ठ रचनाकारों की एक समिति करती है। इस बार के की शमशेर सम्मान निर्णायक समिति के सदस्य विष्णु नागर, लीलाधर मंडलोई और कर्मेंदु शिशिर थे।