tag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post4711424614372617911..comments2023-07-14T09:31:39.420-04:00Comments on जनज्वार ब्लॉग : और पुलिस ने मुझे नक्सली बना दिया !Unknownnoreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-13860466580097288692010-12-01T04:43:05.658-05:002010-12-01T04:43:05.658-05:00DIG कल्लूरी जैसे लोग इस देश और समाज में तर्कसंगत व...DIG कल्लूरी जैसे लोग इस देश और समाज में तर्कसंगत व्यवहार और तर्कसंगत न्याय को ख़त्म कर इंसान को जानवर जैसा व्यवहार करने को प्रेरित करतें हैं........ऐसे लोग चपरासी के काबिल नहीं होते हैं लेकिन इनको DIG बना दिया जाता है भ्रष्ट उद्योग पतियों और मंत्रियों के द्वारा सरा दिए गए व्यवस्था द्वारा पूरे देश के लोगों को दंतेवारा जाकर देखना चाहिए की DIG कल्लूरी नक्सली से भी बदतर काम तो नहीं कर रहा है...........इस देश में सबसे बड़ी कमी ये है की अच्छे लोग एकजुट नहीं हैं जबकि बड़े लोग पूरी तरह एकजुट और सक्रीय हैं...........आपको दंतेवारा अकेले नहीं बल्कि देश के कुछ और सामाजिक कार्यकर्ताओं को साथ लेकर जाना चाहिए था.....honesty project democracyhttps://www.blogger.com/profile/02935419766380607042noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-74236513269399037752010-11-25T10:44:56.141-05:002010-11-25T10:44:56.141-05:00देश और जनता के असली गद्दार तो कल्लूरी जैसे सनकी पा...देश और जनता के असली गद्दार तो कल्लूरी जैसे सनकी पागल लोग हैं जो निश्चय ही जनविद्रोह को आमंत्रित कर रहे हैं! देशी विदेशी कंपनी के भाड़े के टट्टू सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं ज़ाहिर है आम जनता कुचली जा रही है! और देश लकीरों में नहीं आम लोगों में बसता हैEP Adminhttps://www.blogger.com/profile/15274052540330540379noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-37922420975891012422010-11-25T00:09:48.315-05:002010-11-25T00:09:48.315-05:00bhartiya rajniti ke is krur aur ghinaune chehre pa...bhartiya rajniti ke is krur aur ghinaune chehre par thookta hun. mujhe sharm hai ek aise desh men paida hone par jahan apne hi logon ko pulis 'sandehaspad-sandehaspad' kahti hai.vijay ranavathttp://vijay.ranavat@gmail.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-18198191728571310472010-11-24T19:36:22.021-05:002010-11-24T19:36:22.021-05:00very very good .. ajay singhji from sarguja .. u m...very very good .. ajay singhji from sarguja .. u made my day ...<br /><br />PiyushPiyush Manushnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-59914566299868760462010-11-24T13:31:43.808-05:002010-11-24T13:31:43.808-05:00प्रिये बेटा Anonymous,
तुम लगता है कोई पुलिस अधिका...प्रिये बेटा Anonymous,<br />तुम लगता है कोई पुलिस अधिकारी हो या उसके भड़वे. वह भी कल्लूरी के. उस मानसिक रोगी ने नंगे पांव जैसे कई एनजीओ को पाल कर रखा है, जो इसी तरह की बकवास करते रहते हैं कि युद्ध के क्षेत्रों में ऐसा होना आम है.<br />खुदा न करे कि कभी तुम्हारे साथ कभी ऐसा हो और तुम्हारे पृष्ठभाग पर कोई पुलिस वाला ऐसी ही आम लात, घुसा या डंडा लगा दे. मैं 70 साल की उम्र में हूं और चला-चली की बेला है. लेकिन बेटा, इतना ध्यान रखो कि किसी की भड़वागिरी में ऐसे मत उलझो कि तुम्हारे मनुष्य होने पर ही शक होने लग जाये.<br /><br />अजय सिंह<br />सत्तीपारा, अंबिकापुर, सरगुजाAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-60719957876950615542010-11-24T09:50:08.666-05:002010-11-24T09:50:08.666-05:00this is great writing.keep it up dear morthis is great writing.keep it up dear mork. shekharnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-69886764751789421032010-11-24T05:21:53.257-05:002010-11-24T05:21:53.257-05:00कुशल मोर ने जो लिखा है उसे सच मान भी लिया जय तो इस...कुशल मोर ने जो लिखा है उसे सच मान भी लिया जय तो इसमें बुरा क्या है. इतना बढ़ाकर क्यों बताया जा रहा है. युद्ध के क्षेत्रों में ऐसा होना आम है. अब किसी अधिकारी को कोई मुखबीर लग सकता है. अगर वह ऐसा नहीं करेगा तो फिर मुखबीरों और सही लोगों में फर्क कैसे कर पायेगा. और मैं पूछता हूँ माओवादियों को महान बनाने की साजिश में मीडिया क्यों लगी है. मुझसे किसी ने कहा था यहाँ एक लेख प्रेम की कोटियाँ छपा है देखो, अच्छा है. वह देखने के लिए पहली बार यहाँ आयो यह रोमांस नजर आया.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-68608161522192885982010-11-24T03:04:38.081-05:002010-11-24T03:04:38.081-05:00अब तक तो पत्रकारों और भुक्तभोगियों की बातें ही मीड...अब तक तो पत्रकारों और भुक्तभोगियों की बातें ही मीडिया में आया करती थीं लेकिन जनज्वार ने यह अनुभव छापकर बड़ा अच्छा किया है. कम से कम यह आपबीती दूर बैठे लोगों के सामने साफ़ कर देगी कि आदिवासी क्षेत्रों में हालात कैसे हैं.रेनू त्यागीhttp://www.renu@gmail.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-65459153767211194272010-11-23T12:25:19.820-05:002010-11-23T12:25:19.820-05:00इन सच्चाइयों को पढ़कर सिहरन होती है क्या वह भारत...इन सच्चाइयों को पढ़कर सिहरन होती है क्या वह भारत ही है जहाँ इन्सान की जिंदगी बंदूकों से सस्ती हो गयी है.k. pratapnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7405511104012700211.post-61276516249753662692010-11-23T12:05:49.433-05:002010-11-23T12:05:49.433-05:00क्या बात है कुशल आपने तो कल्लूरी की कलई खोल दी.ऐसी...क्या बात है कुशल आपने तो कल्लूरी की कलई खोल दी.ऐसी सच्चाइयों से क्या अपने को बड़ा कहने वाला मीडिया वाकिफ़ नहीं है. फिर इस पर चुप्पी क्यों. बहुत बढ़िया रिपोर्ट और अनुवाद भी बहुत अच्छा.सागर मिश्रhttp://sagar@gmail.comnoreply@blogger.com